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तीन काले कानून खत्म होने के बाद, हजारों ट्रेक्टर व गाड़ियों के साथ फतेह मार्च व जश्न मनाते हुए वापिस लौटता देश का किसान*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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तीन काले कानून खत्म होने के बाद, हजारों ट्रेक्टर व गाड़ियों के साथ फतेह मार्च व जश्न मनाते हुए वापिस लौटता देश का किसान*
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चंडीगढ़/सोनीपत ;- दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हरियाणा पंजाब के किसान शनिवार सुबह अपने घरों की तरफ रवाना हुए। सड़कों पर ऐसा नजारा था मानो सिंघु और टीकरी में मेले लगे थे, जिनकी भीड़ घर लौटने के लिए सड़कों पर उतर आई हो। हरियाणा के तीन प्रमुख नेशनल हाईवे पर दूर-दूर तक किसानों के ही काफिले थे।

दिल्ली-अमृतसर, दिल्ली-संगरूर और दिल्ली-हिसार फोरलेन हाईवे पर वाहनों के हॉर्न की आवाज गूंज रही थी या ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर बजते DJ की धूम थी। तीनों हाईवे पर किसानों के लगभग 10-10 किलोमीटर लंबे काफिलों में 5000 से ज्यादा कारें, 3 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, 3 हजार से ज्यादा टैंपो और 50 से ज्यादा DJ शामिल रहे। इसके अलावा किसानों के टैंटों से लदे दर्जनों ट्रक और कैंटर भी काफिलों का हिस्सा रहे।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर डेरा डालने वाले पंजाब और हरियाणा के किसान शनिवार को 380 दिन बाद मोर्चा फतह कर घरों के लिए रवाना हुए। इसकी खुशी उनके चेहरों पर साफ नजर आई।
काफिले में लग्जरी गाड़ियां भी शामिल रहीं
सिंघु और टीकरी बॉर्डर से पंजाब के किसान जब काफिले की शक्ल में हाईवे पर उतरे तो वहां मेला जैसा नजारा दिखा। रास्ते भर डीजे पर बजते पंजाबी गानों पर झूमते किसानों का हौसला हाईवे किनारे खड़े लोग भी हाथ हिलाकर बढ़ाते रहे। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की गड़गड़ाहट और इस काफिले की वजह से तीनों हाईवे पर एक साइड में जाम जैसी स्थिति बनी रही।
किसानों के इस फतह मार्च में ट्रैक्टर-ट्रॉली, टैंपो और कारों के अलावा दर्जनों महंगी लग्जरी गाड़ियां भी नजर आईं। पंजाबी गायक जस बाजवा खुद किसानी झंडा लेकर फतह मार्च में शामिल हुए। हरियाणा के किसानों ने स्वागत में खिलाया हलवा
सिंघु और टीकरी बॉर्डर से रवाना हुए किसानों के स्वागत के लिए हरियाणा में भी जगह-जगह पानी और अन्य खाने के लंगर लगाए गए। सिंघु बॉर्डर से पानीपत के बीच 80 किलोमीटर के दायरे में तकरीबन 13 जगह किसानों के काफिलों का स्वागत हुआ। इन सभी जगह स्थानीय किसानों ने भी काफिले के स्वागत में डीजे लगा रखे थे। इन DJ पर ‘तैनू जित्त के दिल्लीए पंजाब चल्ले आ’, ‘जिंदाबाद किसानी’ ‘किसान एंथम’, ‘दिल्ली जित्त के आ सजना, मैं सड़कां ते दीवे जगा दूंगी’ और ‘हुण फसलां दी राखी किसान खुद करुंगा’ जैसे किसान आंदोलन के दौरान आए पॉपुलर पंजाबी गायकों पर किसानों ने खूब भांगड़ा डाला। हरियाणा के किसानों ने DJ के अलावा अपने पंजाबी भाइयों के लिए हलवे का इंतजाम भी किया।

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