हरियाणा के 75 प्रतिशत गांवों और 10 जिलों में 24 घंटे बिजली, शेष बचे 1775 गांवों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने का लक्ष्य :- बिजली मंत्री रणजीत सिंह*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा के 75 प्रतिशत गांवों और 10 जिलों में 24 घंटे बिजली, शेष बचे 1775 गांवों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने का लक्ष्य :- बिजली मंत्री रणजीत सिंह*
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चंडीगढ़ ;- बिजली, जेल एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी के नेतृत्व में निरन्तर विकास कर रहा है और बिजली विभाग उनके दिशा-निर्देशन में ऐतिहासिक कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी गांवों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा ठोस कदम उठाये जा रहे हैं । इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ‘म्हारा गांव जगमग गांव’ योजना के तहत 1 अप्रैल 2021 से 47 और गांवों को इस योजना में जोड़ा गया है। जिनमें पानीपत जिले के 25, रोहतक के 6. झज्जर के 9 तथा कैथल जिले के 7 गांव शामिल हैं। म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत अब प्रदेश के 5270 गांवों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति मिल रही है । वर्तमान में प्रदेश के 75 प्रतिशत गांवों को पूरी तरह जगमग किया जा चुका है तथा इससे प्रदेश के 10 जिले जिनमें पंचकूला, अंबाला, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, गुरूग्राम, फरीदाबाद, सिरसा, रेवाड़ी और फतेहाबाद शामिल है, जहां 24 घंटे बिजली उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि ‘म्हारा गांव जगमग गांव’ योजना के तहत ग्रामीण उपभोक्ताओं को 301571 बिजली कनेक्शन दिये गये हैं । म्हारा गांव जगमग योजना की शुरूआत 1 जुलाई 2015 को कुरूक्षेत्र जिले के दयालपुर गांव से मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा की गयी थी। इस योजना के तहत ग्रामीणों से बकाया बिजली बिलों का भुगतान समय पर करने का विनम्र आग्रह किया गया, जिन ग्रामीण फीडरों का लाइन लास कम होता है उन गांवों को चिन्हित करके 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाती है उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार पूरे प्रदेश में शहरों की तर्ज पर गांवों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। पूरे प्रदेश को जगमग करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए इस योजना की शुरूआत की गयी थी।उन्होंने आगे बताया कि संपूर्ण प्रदेश को जगमग करने की दिशा में पूरी तत्परता से कार्य किया जा रहा है। जिससे शेष बचे 1775 गांवों को भी जल्द ही इस योजना में शामिल किया जा सके। इस योजना से प्रदेश के ग्रामीण उपभोक्ताओं में बिजली बिलों का समय पर भुगतान और बिजली निगम के कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन आया है। बिजली निगम के इन्जीनियर, तकनीकी और गैर तकनीकी कर्मचारियों की मेहनत और लगन के फलस्वरूप लाइन लॉस को कम करने में सफलता हासिल हुई है।