बजट में सीएम ने करी घोषणा,हरियाणा परिवहन विभाग में जुड़ेगी 124 इलेक्ट्रिक बसें*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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बजट में सीएम ने करी घोषणा,हरियाणा परिवहन विभाग में जुड़ेगी 124 इलेक्ट्रिक बसें*
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चंडीगढहरियाणा सरकार प्रदेशवासियों को पर्यावरण प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के मकसद से शून्य उत्सर्जन इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने जा रही है।
राज्य सरकार की योजना शुरू में प्रदेश में सकल लागत मॉडल पर 124 पूर्णत: इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। वर्ष 2021-22 के बजट में परिवहन विभाग के लिए 2408 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि हरियाणा की परिवहन प्रणाली के साथ देश की श्रष्ेठ प्रणालियों में से एक है। लोगों को सुरक्षित, किफायती और भरोसेमंद सेवाएं मुहैया करवाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वर्ष 2021-22 में बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने वाली 800 मानक गैर-एसी बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा, किलोमीटर स्कीम के तहत किराए पर ली गई 536 बसों का संचालन भी शुरू कर दिया गया है। इस तरह, जल्द ही हरियाणा रोडवेज के बेड़े में बसों की कुल संख्या 5,000 से अधिक हो जाएगी। साथ ही, प्रदेश में 54 वोल्वो मर्सिडीज सुपर लग्जरी एसी बसों 18 सुपर लग्जरी एसी मल्टी-एक्सल बसों का संचालन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवेदकों को भारी मोटर वाहन चलाने हेतु अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करने के लिए, कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक में तीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान संचालित किए गए है। इसके अलावा, 6 जिलों-अम्बाला, करनाल, हिसार, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम में निरीक्षण और प्रमाणन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोहतक जिले के कन्हेली गांव में एक निरीक्षण और प्रमाणन केन्द्र कार्यरत है। यह केद्रं जींद, रोहतक, पानीपत, सोनीपत और झज्जर जिलों के परिवहन वाहनों की फिटनेस आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है।
फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, जींद, पलवल और यमुनानगर में नौ और ऐसे संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम में एक क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मैन्युअल टिकट प्रणाली को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से ‘ओपन लूप टिकटिंग सिस्टम और जीपीएस सिस्टम’ को स्वनिर्माण, संचालन एवं स्थानांतरण मॉडल पर लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह जून, 2021 के अंत तक पूरी तरह से लागू होने की संभावना है।