Thursday, September 12, 2024
Latest:
करनालखेलचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतहरियाणा

पंजाब सीएम की राज्यपाल को दो टूक, अमन-कानून की व्यवस्था पर अफसरों से नही मुझसे लो कोई स्पष्टीकरण*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पंजाब सीएम की राज्यपाल को दो टूक, अमन-कानून की व्यवस्था पर अफसरों से नही मुझसे लो कोई स्पष्टीकरण*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ ;- पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज राज्य में अमन-कानून की व्यवस्था की स्थिति पर भारतीय जनता पार्टी की घटिया और राजनीति से प्रेरित शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पंजाब के राज्यपाल द्वारा इस सम्बन्धी उनसे (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) राज्य के गृह मंत्री होने के नाते रिपोर्ट मांगने की बजाय शीर्ष अधिकारियों को बुलाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे कि राज्य में अमन-कानून की व्यवस्था के पतन संबंधी भाजपा का झूठ प्रचार खेती कानूनों के मसले और किसानों के आंदोलन से ध्यान हटाने के हथकंडे से अधिक कुछ भी नहीं परन्तु फिर भी यदि राज्यपाल को स्थिति संबंधी किसी तरह की चिंता थी तो यह मसला गृह मामलों का संरक्षक होने के नाते उनके (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) समक्ष उठाना चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने यह प्रतिक्रिया कुछ मोबाइल टावरों को नुक्सान पहुँचने की छिटपुट घटनाओं के मद्देनजकऱ राज्य में अमन-कानून की कथित समस्या बारे राज्यपाल की तरफ से राज्य के मुख्य सचिव और डी.जी.पी. को बुलाने पर ज़ाहिर की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने खेती कानूनों के मुद्दे को लेकर पहले ही गर्माए हुए माहौल पर ग़ैर-जिम्मेदाराना बयानबाज़ी के द्वारा आग में घी डालने के लिए राज्य की भाजपा लीडरशिप की सख़्त आलोचना की है। उन्होंने भाजपा की तरफ से मोबाइल टावरों को नुक्सान पहुँचाने की कुछ घटनाओं को अमन-कानून की समस्या बताकर किसानों के शांतमयी आंदोलन को कमज़ोर करने की शातिर और घटिया साजिश करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ”क्षतिग्रस्त हुए टावरों की मुरम्मत तो की जा सकती है और की भी जा रही है परन्तु दिल्ली की सरहदों, जहाँ किसानों द्वारा केंद्र की भाजपा सरकार के हठधर्मी वाले रवैये के विरुद्ध अपना हक लेने के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है, कड़ाके की ठंड में जान गंवा चुके किसाना वापस नहीं आ सकते। उन्होंने इस बात पर हैरानी ज़ाहिर की कि किसी भी भाजपा नेता ने प्रदर्शनकारी किसानों जिनमें से कुछ ने खुदकुशी कर ली थी, पर चिंता ज़ाहिर नहीं की। उन्होंने कहा, ”खो चुकी जिंदगीयाँ फिर इस जहान में वापस नहीं आ सकतीं।” उन्होंने पंजाब भाजपा के नेताओं को अपनी घटिया टिप्पणियों के साथ शांतमयी आंदोलन पर राजनीति न खेलने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के माथे पर नक्सली, खालिस्तानी जैसे शब्दों का कलंक लाने की बजाय भाजपा को भारत सरकार में अपनी केंद्रीय लीडरशिप पर अन्नदात्यों की आवाज़ श्रवण और काले खेती कानून करन के लिए दबाव डालना चाहिए क्यों जो यह कानून किसान भाईचारो के जीवन और भविष्य के लिए ख़तरा बने हुए हैं। उन्होंने कहा, ”जब किसानों का अस्तित्व तक दाव पर लगा हो तो उस समय भाजपा नेता घटिया राजनीति करने में उतरे हुए हैं और यहाँ तक कि राज्यपाल के संवैधानिक पद को भी इस बेतुके एजंडे में खींच लिया। भाजपा के इन हथकंडों के आगे राज्यपाल द्वारा झुक जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अमन-कानून की व्यवस्था बारे भाजपा नेता की शिकायत पर राज्यपाल ने सिफऱ् एक दिन में ही प्रतिक्रिया दे दी जो विधानसभा में भाजपा को छोडकऱ सभी राजनैतिक पार्टियों द्वारा पेश किये गए प्रांतीय संशोधन बिलों को राष्ट्रपति की मंज़ूरी के लिए भेजने में लगाई गई लम्बी देरी के बिल्कुल उलट है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भाजपा की पंजाब इकाई द्वारा कांग्रेस द्वारा पंजाब में लोकतंत्र पर किये हमले के दोषों का मज़ाक उड़ाते हुए इसे शर्मनाक कार्यवाही बताया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ”एक पार्टी जिसने देश के प्रत्येक लोकतांत्रिक संस्थान को लगभग नष्ट कर दिया हो, उसे किसी और को अलोकतांत्रिक बताने का कोई हक नहीं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!