कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद बोले-72 सालों में सबसे निचले पायदान पर पहुंची कांग्रेस,ब्लाक स्तर पर लोगो का कांग्रेस से टूटा सम्बंध*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद बोले-72 सालों में सबसे निचले पायदान पर पहुंची कांग्रेस,ब्लाक स्तर पर लोगो का कांग्रेस से टूटा सम्बंध*
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नई दिल्ली ;- कांग्रेस में कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। खासकर पार्टी नेतृत्व को लेकर अलग-अलग स्तरों पर विरोध के स्वर मुखर होते जा रहे हैं। आज वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे लोगों का ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ कनेक्शन टूट गया है। जब कोई पदाधिकारी हमारी पार्टी में बनता है तो वो लेटर पैड छाप देता है, विजिटिंग कार्ड बना देता है, वो समझता है बस मेरा काम खत्म हो गया, काम तो उस समय से शुरू होना चाहिए। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चुनाव 5-सितारा होटल में बैठकर नहीं जीते जाते। आज नेताओं के साथ समस्या यह है कि अगर उन्हें पार्टी का टिकट मिलता है, तो वे पहले 5-सितारा होटल बुक करते हैं। अगर कहीं कोई उबड़-खाबड़ सड़क है तो वे वहां नहीं जाएंगे। जब तक ये कल्चर हम नहीं बदलेंगे, हम चुनाव नहीं जीत सकते। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम सभी नुकसान के बारे में चिंतित हैं, खासकर बिहार और उपचुनाव परिणामों के बारे में। मैं नुकसान के लिए नेतृत्व को दोष नहीं देता हूं। क्योंकि पार्टी के बड़े नेताओं का जमीनी स्तर पर संपर्क टूट गया है। पिछले 72 सालों में कांग्रेस सबसे निचले पायदान पर है। पार्टी के पदाधिकारियों पर बरसते हुए आजाद ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी,जब तक उन्हें पदाधिकारी नियुक्त नहीं किया जाता, तब तक वे कहीं नहीं जाएंगे, लेकिन अगर सभी पदाधिकारी चुने जाते हैं, तो वे अपनी जिम्मेदारी समझेंगे, अब वक्त है कि हर किसी को पार्टी में पद दिया जाए।
उधर, बिहार विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में हुए उपचुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर कपिल सिब्बल और एक अन्य वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि वह उनकी बातों से असहमत नहीं हैं, लेकिन किसी को मीडिया में जाकर यह नगाड़ा पीटने की क्या जरूरत है कि ‘हमें क्या करने की आवश्यकता है?’
आजाद ने कहा कि ब्लॉग लेवल पर, जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं का संबंध लोगों से टूट गया है। आदमी को पार्टी से इश्क होना चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने शेर सुनाते हुए कहा कि ये इश्क़ नहीं आसां इतना ही समझ लीजिए, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है। आजाद ने कहा, ‘हमारा ढांचा कमजोर है, हमें ढांचा पहले खड़ा करना पड़ेगा। फिर उसमें कोई भी नेता हो चलेगा। सिर्फ नेता बदलने से आप कहेंगे कि पार्टी बदल जाएगी, बिहार आएगा, मध्य प्रदेश आएगा, उत्तर प्रदेश आएगा, नहीं वो सिस्टम से बदलेगा।’ आजाद ने कहा कि हमारे लोगों का ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ कनेक्शन टूट गया है। जब कोई पदाधिकारी हमारी पार्टी में बनता है तो वो लेटर पैड छाप देता है, विजिटिंग कार्ड बना देता है, वो समझता है बस मेरा काम ख़त्म हो गया, काम तो उस समय से शुरू होना चाहिए।