करनालखेलचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतराज्यहरियाणा

पंजाब & हरियाणा हाइकोर्ट ने लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को क्यों किया पदमुक्त!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पंजाब & हरियाणा हाइकोर्ट ने लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को क्यों किया पदमुक्त!*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगड़ ;- पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के कुलपति डाॅ. विनोद कुमार वर्मा को हटा दिया है। हाईकोर्ट ने कुलपति को कार्यभार छोड़कर तुरंत प्रभाव से यूनिवर्सिटी के सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर को चार्ज देने के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा है कि नए सिरे से कुलपति की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए। लुवास के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. जगबीर रावत ने 2022 में लुवास के कुलपति प्रो. विनोद कुमार की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर डॉ. जगबीर रावत ने अदालत में चुनौती देते हुए कहा था कि कुलपति की नियुक्ति का निर्णय प्रबंधन बोर्ड के सदस्य करते हैं। बोर्ड में चीफ सेक्रेटरी, रजिस्ट्रार, आईसीएआर के उप महानिदेशक और अन्य सदस्य शामिल होते हैं। इन सभी की सहमति से निर्णय लिया जाता है। मगर इस नियुक्ति में आईसीएआर के उप महानिदेशक ऑनलाइन जुड़े थे। उनका माइक बंद करा दिया गया। यहां तक कि किसी सदस्य को यह तक नहीं पता था कि कुलपति पद की नियुक्ति के लिए बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। यहां तक कि आवेदकों की क्या क्वालीफिकेशन है यह तक नहीं बताया गया। पांच मिनट में ही बैठक को खत्म कर दिया गया और सदस्यों से हस्ताक्षर भी ले लिए गए।
आईसीएआर ने तो ईमेल कर आपत्ति भी उठा दी थी। बोर्ड के सीनियर टेक्निकल सदस्य और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डाॅ. बीएन त्रिपाठी ने आपत्ति उठा दी तब भी इस नियुक्ति को किस प्रकार से सही माना गया।
कुलपति को पदभार ग्रहण कराने में भी काफी तेजी दिखाई गई। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से पूर्व कुलपति डाॅ. गुरदियाल सिंह व रजिस्ट्रार को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि नियुक्ति की प्रक्रिया सही से हुई है या नहीं। मगर सभी की चुप्पी इस मामले पर पर्दा डालती रही। लिहाजा बोर्ड के दूसरे सदस्यों ने अपनी आवाज उठाई। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक-एक कर सभी पक्षों को सुना। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में करीब दो साल की सुनवाई के बाद यह फैसला आया है। जानकारी के अनुसार पशुपालन विभाग के अतिरिक्त सचिव राजशेखर ने वीरवार को लुवास के कुलसचिव सुरेंद्र ढाका को चंडीगढ़ बुलाकर कुलपति के रिलीविंग के आदेश दे दिए हैं। लुवास के कुलपति प्रो. विनोद कुमार वर्मा फिलहाल अवकाश पर चले गए हैं। उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!