28 विपक्षी दलों द्वारा बनाये गए I.N.D.I.A गठबंधन में दिखने लगा विघटन! क्या मोदी सल्तनत को उखाड़ पायेगा I.N.D.I.A समूह?*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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28 विपक्षी दलों द्वारा बनाये गए I.N.D.I.A गठबंधन में दिखने लगा विघटन! क्या मोदी सल्तनत को उखाड़ पायेगा I.N.D.I.A समूह?*
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चंडीगढ ;- आलोचकों को भविष्यवाणी को विपक्षी दल खुद ही सही साबित करने पर उतारू हो रहे हैं। कुछ महीने पहले ही 28 विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (आइएनडीआइए) का गठन किया था। तब दावा किया गया था कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करना ही इस गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य है। यह भी कहा गया था कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ये दल त्याग करने में भी कोई संकोच नहीं करेंगे, क्योंकि राष्ट्रीय हित में यह जरूरी है, पर हो उसके एकदम उलट रहा है। कम-से-कम तीन पार्टियां-कांग्रेस, आप (आम आदमी पार्टी) और सपा आपस में तलवारें भांजती नजर आ रही हैं। आइएनडीआइए के गठन के बाद अगले महीने होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव विपक्ष की पहली बड़ी चुनावी परीक्षा हैं। तेलंगाना और मिजोरम में क्षेत्रीय दल क्रमश: बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) और मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता में हैं। ये दल नए विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन शेष तीनों राज्यों-राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता के लिए मुख्य संघर्ष भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होना है। यही इतिहास भी है, लेकिन भाजपा को केंद्रीय सत्ता से बेदखल करने के एकमात्र लक्ष्य के साथ गठबंधन बनाने वाले विपक्षी दलों में दो दल-आप और सपा ऐसे भी हैं, जिनकी इन राज्यों में राजनीतिक दिलचस्पी है।
वैकल्पिक राजनीति के वादे के साथ बनाई गई आम आदमी पार्टी भी दिल्ली और पंजाब में सत्ता पा लेने के बाद उन्हीं राजनीतिक दांवपेचों को आजमाने लगी है, जिनके लिए कल तक वह परंपरागत दलों-नेताओं को कोसती थी। यह नए विपक्षी गठबंधन के आंतरिक विरोधाभासों का प्रमाण भी है कि उसमें अगर कांग्रेस है तो दिल्ली-पंजाब में उससे सत्ता छीन लेने वाली आम आदमी पार्टी भी। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि मोदी विरोध में एकजुट होने वाले दलों में अपने क्षेत्रीय हितों को लेकर परस्पर टकराव हो।