हरियाणा में 14 आईपीएस के प्रमोशन मामले की अब गहराई से की जाएगी जांच, सरकार ने कमेटी का किया गठन*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा में 14 आईपीएस के प्रमोशन मामले की अब गहराई से की जाएगी जांच, सरकार ने कमेटी का किया गठन*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा में 14 आईपीएस के प्रमोशन मामले की अब गहराई से जांच की जाएगी। इसे लेकर सरकार ने एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। इसमें गृह सचिव, डीए होम और डीडीए को शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को सचिवालय में कमेटी की बैठक भी हुई। इसमें अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को बुलाकर प्रावधानों पर चर्चा की गई। यह भी सामने आया कि कमेटी डीजीपी से भी एक्स कैडर पोस्ट पर लिखित में जानकारी मांगेगी। यानी, यह पूछा जाएगा कि एक्स कैडर पोस्ट का ऑर्डर कहां है? कारण, पुलिस मुख्यालय की ओर से यही जानकारी दी जा रही है कि प्रदेश में डीजी की 14 और एडीजीपी की 8 एक्स कैडर पोस्ट हैं।
वहीं, 1996 बैच के जिन आईपीएस की पदोन्नति हुई है, उन्हें इसके बाद दूसरी जगह पोस्टिंग नहीं दी गई। इसलिए डीजीपी को इन्हें जल्द पोस्टिंग देने को लेकर भी लिखा जाएगा। अभी ये आईजी के पद पर काम कर रहे हैं। कमेटी ने 1994, 1995 और 1996 के बैच के आईपीएस के प्रमोशन पर ही समीक्षा शुरू की है। अब कमेटी की रिपोर्ट ही तय करेगी कि जो प्रमोशन हुए हैं, वे तय समय से लागू होने के साथ कुछ वापस लिए जाएंगे या नहीं।
ये है तीन बैच के अफसरों में प्रमोशन का मामला
1994 बैच: आईपीएस का प्रमोशन 2018 में किया था। जबकि प्रमोशन जनवरी, 2019 से होना था। जिन आईपीएस का प्रमोशन हुआ, उनमें नवदीप विर्क, कला रामचंद्रन, श्रीकांत जाधव, कुलदीप सिहाग, परमजीत अहलावत और अनिल राव शामिल थे। इनमें अहलावत व राव रिटायर हो चुके हैं। अहलावत तो रिटायरमेंट से 2 दिन पहले ही प्रमोशन मिला था।
1995 बैच: इस बैच के सीएस राव, चारू बाली, संदीप खिरवार और सुभाष यादव का प्रमोशन 2002 में हुआ था। लेकिन इसमें भी आरोप यह है कि एक्स-कॉडर पोस्ट न होने के बावजूद इन्हें एडीजीपी बनाया गया। सुभाष यादव रिटायर हो चुके हैं।
1996 बैच: ममता सिंह, हनीफ कुरैशी, डॉ एम रवि किरण और केके राव को इसी साल मई में एडीजीपी बनाया गया। हालांकि ये एक जनवरी, 2021 से ही इस पद के योग्य हो गए थे लेकिन पोस्ट रिक्त न होने पर प्रमोशन नहीं हो सकता। इनका प्रमोशन भले ही डेढ़ साल बाद हुआ लेकिन एक्स-कॉडर में इतनी पोस्ट नहीं थी। इन चारों को अभी तक पोस्टिंग नहीं मिली और आईजी के पद पर ही काम कर रहे हैं।
ये तीन एजेंसियां भी मामले की कर रही है समीक्षा
तीनों ही बैच के आईपीएस को आईजी से एडीजीपी के पद पर प्रमोट किया गया था। यह मामला विधानसभा की पब्लिक एकाउंट कमेटी तक पहुंच चुका है। गृह विभाग से रिपोर्ट लेने के बाद वह भी इसकी समीक्षा कर रही है, वहीं एकाउंट जनरल ने भी ऑडिट शुरू कर दी है। इसके अलावा गृह मंत्रालय की ओर से भी पत्राचार शुरू हो चुका है।