हरियाणा DGP द्वारा वीआईपी कहलाने वाले 72 लोगो की सुरक्षा वापस लेने से प्रदेश के आमजन में खुशी/ छुटभैया नेताओं में खलबली!/ विपक्ष के पूर्व MLA को PSO नही तो फिर सत्तापक्ष के पूर्व MLA को PSO क्यों!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा DGP द्वारा वीआईपी कहलाने वाले 72 लोगो की सुरक्षा वापस लेने से प्रदेश के आमजन में खुशी/ छुटभैया नेताओं में खलबली!/ विपक्ष के पूर्व MLA को PSO नही तो फिर सत्तापक्ष के पूर्व MLA को PSO क्यों!*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा DGP द्वारा वीआईपी के नाम पर पुलिस सुरक्षा लेने वाले 72 लोगो की सुरक्षा वापिस लेकर स्पष्ट कर दिया है पुलिस का काम आमजन की सुरक्षा है न कि VIP बने बैठे लोगों की गाड़ियों के दरवाजा खोलने का है। वीरवार सांय हरियाणा पुलिस प्रमुख ने जिला स्तर पर दी गई सुरक्षा को लेकर 72 वी.आई.पी. की सुरक्षा वापस ले ली गई है। ये रिव्यू पूरे प्रदेश में थ्रेट, एक्सटॉर्शन कॉल के आधार पर दी गई सुरक्षा पर पुलिस ने किया। इस फैसले से 200 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को ड्यूटी से वापस बुलाया लिया है। डी.जी.पी. ने ओ.पी. सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर खुद पोस्ट डालकर इस बारे जानकारी दी है। उन्होंने ‘ लिखा कि इसको लेकर लगातार रिव्यू किया जाता रहेगा। DGP के अनुसार सुरक्षा केवल उन्हीं को मिलेगी, जिन्हें खतरा है। डी.जी.पी. ने एक नए पत्र के जरिए पुलिस अफसरों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। डी.जी.पी. ने पत्र में लिखा कि जिन कानून पाबंद लोगों को किसी प्रकार का गुंडों से खतरा है तो उनकी प्रभावी तौर रक्षा करें तथा उनसे लगातार संपर्क में रहें। पुलिस का असल में काम है अपनी फोर्स को बदमाशों से भिड़ाए रखना। अगर इनको आपने कुछ ही लोगों के घरों के आगे बिठा दिया तो बाकी आबादी की सुरक्षा का घेरा कमजोर हो जाएगा। DGP के इस फैंसले से आमजन में खुशी है। लेकिन कुछ छुटभैया नेताओ में घबराहट पैदा हो गई है कि कही हमारी वीआईपी शिप न जाती रहे। विपक्षी नेताओं का कहना है DGP का ध्यान इस और भी दिलाना चाहेंगे विपक्ष के बहुत से पूर्व MLA को PSO नही मिला हुआ है तो फिर सत्तापक्ष के बहुत से पूर्व MLA को PSO क्यों दिया है। जबकि कानून सभी के लिए बराबर है। इतना ही नही कोई आम व्यक्ति CM कार्यालय में किसी पोस्ट पर नियुक्त हो जाता हैं तो उसको भी दो दो PSO दे दिए जाते हैं ऐसा क्यों! मुख्यमंत्री कार्यालय में कुछ कैडरबेस ऐसे अधिकारी भी है जिहोंने न तो PSO लिए है और न ही कोठी पर पुलिस सुरक्षा रखी हुई है। DGP साहिब इस विषय पर भी पुलिस का रिव्यू करना बनता है!*

