Friday, November 21, 2025
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पूर्व सीएम हूडा के भाजपा सरकार पर आरोप / इंडिया जस्टिस रिपोर्ट ने खोली भाजपा सरकार की पोल /भाजपा एससी ओबीसी के साथ कर रही भयंकर भेदभाव /पुलिस की रैंक में रिकॉर्ड गिरावट के लिए सरकार जिम्मेदार*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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पूर्व सीएम हूडा के भाजपा सरकार पर आरोप / इंडिया जस्टिस रिपोर्ट ने खोली भाजपा सरकार की पोल /भाजपा एससी ओबीसी के साथ कर रही भयंकर भेदभाव /पुलिस की रैंक में रिकॉर्ड गिरावट के लिए सरकार जिम्मेदार*
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चंडीगढ़ ;- पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा की कानून-व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट ने एक बार फिर भाजपा सरकार को आईना दिखाया है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 साल में हरियाणा पुलिस की रैंकिंग 8वें स्थान से खिसककर 14वें स्थान पर पहुँच गई है। 18 बड़े राज्यों में हरियाणा पुलिस 14वें नंबर पर है। यहाँ तक कि बिहार भी हरियाणा से चार पायदान ऊपर है, जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब 7वें स्थान पर है।
इतना ही नहीं, जस्टिस इंडिया के इस रिपोर्ट से पता चलता है कि बीजेपी सरकार किस तरह एससी और ओबीसी के साथ भेदभाव कर रही है। पुलिस में एससी ऑफिसर्स के मामले में हरियाणा 18 राज्यों में 17वें नंबर पर है। क्योंकि सरकार एससी ऑफिसर्स को ना के बराबर नियुक्ति दे रही है। जबकि एससी सिपाहियों के मामले में भी हरियाणा फिसड्डी है। ओबीसी कांस्टेबल के मामले में भी हरियाणा का स्थान 17वां है। हुड्डा ने कहा कि इसका सीधा कारण भाजपा सरकार का कानून-व्यवस्था के प्रति पूरी तरह लापरवाह रवैया है। प्रदेश में 80 से अधिक गैंग सक्रिय हैं, जो लूट, डकैती, फिरौती, गोलीबारी और हत्या जैसी वारदातें कर रहे हैं।

पुलिस विभाग की हालत यह है कि:
कांस्टेबल स्तर के 38.9% पद खाली पड़े हैं
महिला पुलिस अधिकारियों के 17.8% पद रिक्त हैं
कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्यभार है
प्रति व्यक्ति पुलिस खर्च मात्र 1,908 रुपए है, जबकि पंजाब में 26,04 रुपए
ग्रामीण क्षेत्र में 1,09,325 की आबादी पर एक पुलिस थाना है, जबकि केरल में सिर्फ 23,992 की आबादी पर एक थाना है
हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने पुलिस विभाग को इस कगार पर पहुँचा दिया है कि न केवल जनता, बल्कि खुद विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी अपना विश्वास खो चुके हैं। यही कारण है कि हाल ही में एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी और एक एएसआई ने आत्महत्या कर ली। कांग्रेस ने सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की बार-बार मांग की है, लेकिन सरकार टालमटोल कर रही है।
इससे साफ जाहिर है कि सरकार पूरे मामले में लीपापोती करना चाहती है।

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