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एक छोटी-सी गलती के कारण टूट गया जज बनने का सपना / हाइकोर्ट से नही मिली राहत!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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एक छोटी-सी गलती के कारण टूट गया जज बनने का सपना / हाइकोर्ट से नही मिली राहत!*
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चंडीगढ़ :- पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए हरियाणा के दौलताबाद निवासी वकील प्रदीप कुमार की याचिका को खारिज कर दिया। प्रदीप कुमार ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ADJ) पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनके फॉर्म में एक गंभीर त्रुटि के कारण उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई।
दरअसल आवेदन पत्र में एक कॉलम था जिसमें पूछा गया था कि क्या उम्मीदवार की एक से अधिक पत्नियां हैं। प्रदीप कुमार ने अनजाने में “हां” का विकल्प चुन लिया, जबकि वास्तविकता में उनकी केवल एक पत्नी है। इसके बाद पत्नी का नाम दर्ज करने के स्थान पर केवल एक नाम लिखने के बावजूद अधिकारियों ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए उनका आवेदन खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अपील की कि यह केवल मानवीय त्रुटि थी, जिसका उनके चरित्र या पात्रता से कोई संबंध नहीं है, इसलिए उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल होने दिया जाए। हालांकि, चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने इस दलील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक पद के लिए आवेदन करते समय उम्मीदवार को पूरी जिम्मेदारी से सही जानकारी देनी होती है। यह कोई साधारण नौकरी नहीं है, बल्कि ऐसा पद है, जहां प्रत्येक घोषणा का विशेष महत्व होता है। इसलिए इस मामले में किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती और प्रशासनिक निर्णय में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं बनता।।

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