हरियाणा के किसी भी मंत्री ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नही की व्यक्त, खट्टर, बराला व मिश्र ने संभावित प्रत्याशियों पर किया मंथन!
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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हरियाणा के किसी भी मंत्री ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नही की व्यक्त, खट्टर, बराला व मिश्र ने संभावित प्रत्याशियों पर किया मंथन!
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चंडीगढ़ :- लोकसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ हरियाणा सरकार व भाजपा संगठन में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। लोकसभा के संभावित प्रत्याशियों का पैनल तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने चुनाव प्रभारी कलराज मिश्र व पार्टी प्रभारी अनिल जैन के साथ मुलाकात भी की है। निजी सूत्रों के अनुसार अब भाजपा पार्टी द्वारा संगठन को चुनावी मोड पर लाने के उद्देश्य से नौ मार्च को रोहतक में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया जाएगा।
क्योंकि निकट भविष्य में देश में लोकसभा चुनाव घोषित होने की संभावनाओं के चलते सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हो गए हैं। इसके चलते सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी प्रत्याशियों के चयन की रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने बुधवार को दिल्ली में चुनाव प्रभारी कलराज मिश्र व अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात करके प्रत्येक लोकसभा सीट पर संभावित प्रत्याशियों के बारे में चर्चा की। करीब पांच घंटे चली इस बैठक में अब तक मिले फीडबैक के आधार पर मौजूदा सांसदों की कार्यप्रणाली और प्रदर्शन के बारे में चर्चा की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाही की चुनावी रैलियों के बारे में भी चर्चा की गई।निजी सूत्रों के अनुसार बैठक में संभावित प्रत्याशियों एवं चुनाव लडऩे के दावेदारों पर चर्चा की गई है। दावेदारों के दावों के आधार पर फील्ड से फीडबैक लिया जा रहा है । मिली जानकारी के अनुसार बैठक में पार्टी हाईकमान से चुनाव में लिए जाने वाले सहयोग के बारे में ड्राफ्ट तैयार किया गया है। और आगामी नौ मार्च को रोहतक में प्रांतीय बैठक के दौरान संगठन को चुनावी कार्यक्रमों में शामिल करने संबंधी रणनीति तैयार की जाएगी। मालूम हुआ है कि रोहतक बैठक में चुनावी रणनीति को अमली रूप देकर संगठन की गतिविधियों को तेज कर दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार किसी भी मंत्री ने चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर नही की है। सत्तारूढ़ भाजपा के पास जहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं की सूची खासी लंबी है वहीं प्रदेश के किसी भी मंत्री ने अभी तक लोकसभा चुनाव लडऩे की इच्छा नहीं जताई है। दिलचस्प बात यह है कि कुछ समय पहले तक लोकसभा चुनाव न लडऩे का दावा करने वाले सांसद भी अब दोबारा चुनाव लडऩे के तैयार हो रहे हैं।