*कौन हैं भारतीय सेना के DGMO राजीव घई, जो आज करेंगे पाकिस्तान से बात*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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*कौन हैं भारतीय सेना के DGMO राजीव घई, जो आज करेंगे पाकिस्तान से बात*
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भारत पाकिस्तान के बीच एक बार फिर DGMO स्तर पर बातचीत होनी हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम करने को लेकर बातचीत होगी. इससे पहले भी दोनों देशों के DGMO ने बातचीत की थी जिसके बाद सीजफायर पर सहमति बनी थी. भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कल एक प्रेस ब्रीफिंंग में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जानकारी भी दी थी. यह ब्रीफिंग तीनों सेनाओं भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की ओर से की गई थी, जिसमें भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पाकिस्तान के कई झूठ से न केवल पर्दा उठाया, बल्कि यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. राजीव घई ने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन सिर्फ आतंक के अंत के लिए था और आतंक के खात्मे तक यह जंग जारी रहेगी. यह वही डीजीएमओ राजीव घई हैं, जिनके पास पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फोन करके सीजफायर की पहल की थी, उसके बाद से भारतीय सेना के डीजीएमओ सुर्खियों में हैं. *आइए आपको बताते हैं कि DGMO राजीव घई हैं कौन?*
भारतीय सेना में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO)का पद काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (DGMO Rajiv Ghai) DGMO हैं. राजीव घई, इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) देहरादून के पूर्व छात्र हैं, जहां उन्होंने अपनी मिलिट्री शिक्षा पूरी की। राजीव घई को दिसंबर 1989 में कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त हुआ। बता दें कि इस रेजिमेंट का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 25 अक्टूबर 2024 को लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को डीजीएमओ का पद संभाला। इससे पहले घई जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाई है। वह लगभग डेढ़ साल तक श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC)भी रहे. इस दौरान उन्होंने नियंत्रण रेखा (LOC) की सुरक्षा और घाटी में आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने में अहम योगदान दिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति बनाने और लागू करने में लेफ्टिनेंट जनरल घई की अहम भूमिका रही. इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
*कौन बनता है DGMO*
डीजीएमओ का चयन भारतीय सेना में एक कठिन और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से होता है. डीजीएमओ का पद एक थ्री-स्टार लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी का पद है।भारतीय सेना में डीजीएमओ का सेलेक्शन सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय की ओर से संयुक्त रूप से किया जाता है। इस प्रक्रिया में उम्मीदवार के सैन्य रिकॉर्ड,नेतृत्व क्षमता के अनुभव का मूल्यांकन किया जाता है। इस पद पर सेलेक्शन के बाद अधिकारी को सेना मुख्यालय में डीजीएमओ के रूप में नियुक्त किया जाता है, जहां वह सीधे सेना प्रमुख को रिपोर्ट करता है। राजीव घई की नियुक्ति उनके चिनार कॉर्प्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन और आतंकवाद विरोधी अभियानों में अनुभव के आधार पर की गई।

