हरियाणा प्रदेश में गिरा लिंगानुपात / सरकार ने कड़े रुख अपनाते हुए दिए दलालों पर केस दर्ज करने के आदेश / 12 SMO को नोटिस/ 5 नोडल अधिकारियों का किया तबादला*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा प्रदेश में गिरा लिंगानुपात / सरकार ने कड़े रुख अपनाते हुए दिए दलालों पर केस दर्ज करने के आदेश / 12 SMO को नोटिस/ 5 नोडल अधिकारियों का किया तबादला*
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चंडीगढ ;- 2025 की पहली तिमाही में लिंगानुपात में आई गिरावट को हरियाणा सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार ने हिसार के डिप्टी सिविल सर्जन व पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डाॅ. प्रभु दयाल को निलंबित कर दिया है। वहीं, 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) को कारण बताओ नोटिस व पांच जिलों के पीएनडीटी (प्रसव पूर्व निदान तकनीक) के नोडल अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया है। सरकार ने हिसार में अवैध गर्भपात में शामिल दलाल उषा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा, रोहतक व सोनीपत के सिविल सर्जन को गर्भपात के लिए मजबूर किए जाने वाले मामले में भी जांच के आदेश दिए हैं।
हरियाणा में पिछले दो से तीन सालों में लिंगानुपात में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। साल 2024 में लिंगानुपात 910 था, मगर साल की पहली तिमाही में एक अंक से गिरकर 909 रह गया। माना जा रहा है कि लिंगानुपात में गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह भ्रूण लिंग जांच है। हरियाणा सरकार ने जनवरी में अधिकारियों को अवैध लिंग जांच को पूरी तरह से पाबंदी लगाने के निर्देश दिए थे। काफी कोशिशों के बावजूद इसमें सुधार नहीं दिख रहा। अब हरियाणा सरकार ने उन अधिकारियों पर कार्रवाई की है, जिनके इलाकों में लगातार लिंगानुपात गिर रहा था।
यहां हालात चिंताजनक
गुरुग्राम, चरखी दादरी, करनाल, पलवल, कैथल, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ में 72 से 12 अंक तक लिंगानुपात गिरा है। इन जिलों में लिंगानुपात 900 से नीचे चला गया है, जो काफी चिंताजनक है।
नाहड़, तोशाम, दनौदा, कुंजपुरा, टाउरू, तिगांव, भट्टू कलां, अटेली, उकलाना, बड़ोपल, निसिंग व लाडवा सीएचसी के प्रभारी एसएमओ ने नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो चार्जशीट किया जाएगा। इन इलाकों का लिंगानुपात 700 से भी नीचे रहा है।
चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम व फरीदाबाद के नोडल अधिकारियों का।
अब तक कार्रवाई, 300 केंद्रों के पंजीकरण रद्द किए
हरियाणा सरकार का दावा है कि राज्य में पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम को सख्ती से लागू किया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में हरियाणा में 1500 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) केंद्रों में से 300 के पंजीकरण रद्द किए जा चुके हैं। इस सप्ताह 23 एमटीपी केंद्रों को नोटिस जारी कर उन्हें बंद करने का कारण बताओ नोटिस दिया गया है।पिछले दो महीनों में 17 ऑनलाइन एमटीपी किट विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अधिकारियों की एक एसटीएफ भी गठित की है, जो हर मंगलवार को समीक्षा व दौरा करती है। वहीं, सभी गैर-पंजीकृत आईवीएफ केंद्रों को भी बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। विषम लिंगानुपात वाले आईवीएफ केंद्रों की जांच होगी। “एक या एक से अधिक बेटियों वाली गर्भवती महिलाओं की हो रही है पहचान” स्वास्थ्य विभाग एक या एक से अधिक बेटियों वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर रही है। अब तक 62,000 गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई है। साथ ही इन गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 104 के माध्यम से सूचित किया जा रहा है कि कन्या भ्रूण हत्या पाप है। इसके अलावा, यह प्रस्ताव किया गया है कि आशा वर्कर को उन गर्भवती महिलाओं से लिंक किया जाए, जिनके पास दो से अधिक बेटियां हैं और संबंधित आशा को बेटी के सफल प्रसव के लिए 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाए।

