जींद उपचुनाव करेगा सुरजेवाला, बराला, दिग्विजय और अभय चौटाला के भविष्य का फैसला!
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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जींद उपचुनाव करेगा सुरजेवाला, बराला, दिग्विजय और अभय चौटाला के भविष्य का फैसला!
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा में के जींद में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में सभी पार्टियों ने अपनी अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। यह उपचुनाव आने वाले लोकसभा और विधानसभा के परिणामों की दिशा और दशा निर्धारित करेगा। इसीलिए कोई भी पार्टी इस चुनाव को जीतने के लिए किसी भी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यदि स्थिति का आकलन करते हुए बात की जाए तो सभी पार्टियों के प्रत्याशी रसूखदार और बड़े स्तर के नेता है। इसी कारण से सभी राजनीतिक पार्टियों और बड़े नेताओं जैसे रणदीप सुरजेवाला, सुभाष बराला, दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला तथा अभय चौटाला का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार डॉ कृष्ण मिड्डा सीट निकाल सकते हैं! बशर्ते उनको पार्टी की भीतर घात से बचना होगा । इसी तरह रणदीप सिंह सुरजेवाला को भी यह ध्यान में रखना होगा की चुनाव जीतने के लिए सभी बड़े नेताओं का दिल से समर्थन लेना होगा तभी वह सीट जीत सकते हैं। इसी तरह दिग्विजय जो की नई पार्टी का नया चेहरा है प्रदेश के युवा तह दिल से दिग्विजय चौटाला के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या दिग्विजय चौटाला युवा भीड़ को वोट में तब्दील कर सकते हैं या भीड़ में ही खो जाएंगे। इसी तरह अभय चौटाला जो की राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं यहां से अपने उम्मीदवार को दो बार इनेलो की टिकट से जीता चुके हैं। परन्तु आज पार्टी दो फाड़ होने के कारण क्या वह अपनी पहले वाली स्थिति बरकरार रख पाएंगे। इन सारे हालातों को देखते हुए एक बात तय है कि यदि जिसका भी पलड़ा कमजोर हुआ तो उस नेता का राजनीति ग्राफ अर्श से फर्श पर आ जाएगा। यदि भाजपा किसी भी कारण से जींद उपचुनाव हार जाती है तो हरियाणा भाजपा में सुभाष बराला का पतन तय माना जाएगा। इससे पार्टी में संदेश जाएगा के सुभाष बराला जाट नेता है फिर भी जाट मतदाताओं में पकड़ न के बराबर है। नियर की 5 सीटों पर मिली जीत से उत्साहित मनोहर लाल खट्टर का उत्साह भी कम पड़ जाएगा और इससे विपक्षी दल के नेताओं के द्वारा वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ के लगाए गए आरोप को भी बल मिलेगा।