बादल करते है अपने स्वार्थ के लिए धर्म का दुरुपयोग, मैं अपने प्रदेश व पार्टी के प्रति हु वफादार: कैप्टन
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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बादल करते है अपने स्वार्थ के लिए धर्म का दुरुपयोग, मैं अपने प्रदेश व पार्टी के प्रति हु वफादार: कैप्टन
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चंडीगढ़ ;- पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा है कि वह प्रदेश तथा पार्टी के प्रति वफादार हैं लेकिन बादल परिवार की वफादारी अपने निहित स्वार्थों के प्रति है।उन्होंने केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की ओर से उनकी वफ़ादारी पर उठाये सवालों को निराधार तथा बेबुनियाद बताते हुये आज यहां कहा कि वह अपने राज्य और अपनी पार्टी के वफ़ादार हैं लेकिन बादल परिवार का पूरा ध्यान अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति पर है । अकाली नेतृत्व को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि बादलों के लिए न तो पंजाब और न पंजाबी और न ही पंथ कोई महत्व रखता है फिर भी अकाली पंजाब तथा सिख पंथ का झंडाबरदार होने का दावा करते हैं। कैप्टन सिंह ने कहा कि पंजाब के प्रति उनकी वफ़ादारी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता । कांग्रेस के वफ़ादार होने के कारण ही राज्य में सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने अकाली दल को खारिज कर दिया है। अकाली-भाजपा गठजोड़ के दस वर्ष के कुशासन में राज्य को तबाह कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में अकाली दल की हार की अवश्यंभावी है तथा अकाली नेता इसी बौखलाहट से अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत का जि़क्र करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीमती बादल इस बात का एहसास नहीं है कि लोगों को गुमराह करने की निराशाजनक कोशिश करके अकाली ख़ुद मज़ाक के पात्र बन रहे हैं । लोगों का कांग्रेस सरकार में पूर्ण विश्वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमती बादल निराशा में लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिशें कर रही है। वह अपने बयान में जाने अनजाने यह बात कह चुकी हैं कि केंद्र करतारपुर गलियारे के विकास के लिए फंड जारी करने में नाकाम रहा है। जबकि करतारपुर गलियारा उनकी सरकार का मुख्य प्रोजैक्ट है और उनकी सरकार इसके लिए केवल तभी ज़मीन हासिल कर सकती है जब केंद्र सरकार इसकी शिनाख़्त करे। कैप्टन सिंह ने कहा कि चाहे करतारपुर गलियारे का मुद्दा हो या फिर पंथ का, बादल परिवार हमेशा ही लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खेलते आ रहे हैं। ऐसी नीतियां चुनाव में बादलों की नैया पार नहीं करा सकेंगी।