हिमाचल के राज्यपाल और सुक्खू सरकार में टकराव! कुलपतियों की नियुक्ति पर हुआ विवाद! मामला राष्ट्रपति के पास पहुंचा!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हिमाचल के राज्यपाल और सुक्खू सरकार में टकराव! कुलपतियों की नियुक्ति पर हुआ विवाद! मामला राष्ट्रपति के पास पहुंचा!*
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शिमला ;- हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में पत्रकार वार्ता कर कहा, “कृषि मंत्री कह रहे हैं कि राजभवन में राज्यपाल के पास बिल को लेकर पत्रावली पड़ी है. इसलिए नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. राजभवन की तरफ़ से इसमें कोई देरी नहीं हुईं है।हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विधान सभा में पारित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्तियों के बिल को लेकर राजभवन और सरकार में टकराव शुरू हो गया है. कृषि मंत्री चन्द्र कुमार के बयांन पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पालमपुर कृषि विश्व विद्यालय के कुलपति नियुक्ति को लेकर कृषि मंत्री बार बार कह रहे हैं कि बिल मंजूरी के लिए राजभवन में अटका है, जबकि बिल सरकार के पास है. राजभवन ने अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा हैं. साथ ही इसे टिपण्णी के लिए सरकार को भेजा है. राष्ट्रपति भवन औऱ सरकार ने फैसला लेना है. ऐसे में राजभवन पर दोषारोपण करना गलत है। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में पत्रकार वार्ता कर कहा, “कृषि मंत्री कह रहे हैं कि राजभवन में राज्यपाल के पास बिल को लेकर पत्रावली पड़ी है. इसलिए नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. राजभवन की तरफ़ से इसमें कोई देरी नहीं हुईं है. बिल में सरकार ने संशोधन कर कहा है कि सरकार की सहमति के आधार पर कुलपति की नियुक्ति की जाए, क्योंकि पैसा सरकार देती है. इसलिए जो नाम सरकार भेजे उसे ही राज्यपाल अपनी सहमति दें. जबकि नियमों में ऐसा नहीं है. नियमों के मुताबिक यूजीसी, राज्यपाल और सरकार तीनों के प्रतिनिधि की सहमति से कुलपति की नियुक्ति होती है.”
हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल में ही पहली बार ऐसा होगा. ऐसी स्थिति में बिल पहली बार राष्ट्रपति को राजभवन ने भेजा हैं. राज्यपाल व राजभवन ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए पुराने नियमों के अनुसार ही कमेटी का गठन किया है, जो कुलपति को खोजने का काम कर रही है. कुलपति की नियुक्ति न होने में राजभवन का कोइ दोष नहीं है. मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। राज्यपाल ने कहा कि मैं नियम के विरुद्ध कोई भी काम नहीं करूंगा, राज्यपाल के पद की गरिमा बनाए रखने के लिए कुछ भी करूंगा. बिल अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति को भेजा हैं और टिप्पणी के लिए फिर से बिल सरकार के पास ही है और सरकार को ही उसमें निर्णय लेना है। गौरतलब हैं हिमाचल प्रदेश में कुलपातियो की नियुक्ति का मामला सिर्फ अकेले पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय नहीं है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में भी कुलपति की नियुक्ति को लेकर विवाद है, जो अब अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया है. लेकिन सरकार का तर्क है कि जो नाम सरकार भेजेगी, उन्हीं की नियुक्ति हो. लेकिन राज्यपाल नियमों का हवाला दे रहे है।