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MLA मामन खान केस में हरियाणा सरकार को लगा झटका, हाइकोर्ट ने जारी किया नोटिस!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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MLA मामन खान केस में हरियाणा सरकार को लगा झटका, हाइकोर्ट ने जारी किया नोटिस!*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा में नूंह में हुई हिंसा के मामले में नाम आने के बाद फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी को लेकर आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा SIT कि मांग को लेकर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया। अब इस मामले की सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। गिरफ़्तारी से बचाव पर हाईकोर्ट ने मामन खान को क़ानूनी विकल्पों को तलाशने व आरोप पर बेल कराने के लिए निचली अदालत जाने के लिए आदेश जारी किया गया है।
नूंह हिंसा के मामले में जांच कर रही हरियाणा पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) 2 बार विधायक को नोटिस दे चुकी है, लेकिन वह अभी तक एक बार भी पूछताछ में शामिल नहीं हुए हैं। गिरफ्तारी के संदेह को देखते हुए अब वह हाईकोर्ट पहुंचे हैं। गिरफ्तारी से बचाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। साथ ही सुरक्षा की मांग की है। नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई हिंसा की घटनाओं के बाद दर्ज मामलों की जांच के लिए एक हाई लेवल स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने की भी मांग की है। हाईकोर्ट में मामन खान ने आरोप लगाया है कि यह सामान्य ज्ञान है कि नूंह में हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अब दोषारोपण का खेल शुरू हो गया। घटना को रोकने में सरकार की विफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज सहित राज्य के मंत्रियों ने विपक्ष पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। यहां तक कि इस घटना के लिए कांग्रेस के विधायकों को दोषी ठहराते हुए उनके बयान अखबारों में छपने लगे।
हाईकोर्ट में मामन खान को फंसाने के पीछे के कारणों के बारे में विस्तार से बताते हुए, उनके वकील अर्शदीप सिंह चीमा और ईशान खेत्रपाल ने तर्क दिया कि उनके हालिया सार्वजनिक बयानों से कोई संदेह नहीं रह गया है कि जांच को हाईजैक किया जा रहा है। किसी उद्देश्य के साथ एक प्री-प्लांड दिशा की ओर निर्देशित किया जा रहा है।
राज्य सरकार अब याचिकाकर्ता को इस मामले में झूठा फंसाकर राजनीतिक विरोधियों पर दोष मढ़ने का प्रयास कर रही है क्योंकि वह हिंसा के प्रकोप को नियंत्रित करने में विफल रही और सभी पक्षों द्वारा स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया गया।
चीमा ने हिंसा की अवधि के दौरान विधायक की अब तक की लोकेशन का विवरण भी दिया गया है, जिसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद नहीं था। वह अपने गुरुग्राम आवास पर था। याचिकाकर्ता ने अपने दावों के समर्थन में CCTV फुटेज और बिल सहित अपनी गतिविधियों के सबूत भी उपलब्ध कराए। चीमा ने हिंसा से संबंधित मामलों की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल करते हुए एक हाईलेवल SIT के गठन के निर्देश देने की मांग की गई।
नूंह हिंसा भड़काने में अब तक नूंह पुलिस ने 316 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में 60 FIR दर्ज की है। इसमें 49 हिंसा भड़काने और 11 सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में केस दर्ज किया गया है। 314 लोगों को हिंसा और 2 सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में गिरफ्तारियां की गई है।

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