दिल्ली सर्विस बिल पर राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वोट देने पर सत्तादल और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप जारी*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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दिल्ली सर्विस बिल पर राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वोट देने पर सत्तादल और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप जारी*
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दिल्ली ;- दिल्ली सर्विस बिल सोमवार (07 अगस्त) को राज्यसभा से भी पास हो गया. राष्ट्रीय राजधानी में राज्य सरकार के ऊपर केंद्र को वरीयता देने वाले इस विधेयक के समर्थन में 132 वोट पड़े, जबकि 102 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया.
खास बात रही कि पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह भी वोटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे थे. 90 साल के मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर संसद में पहुंचे थे. इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए इसे बेहद शर्मनाक बताया है.
बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “देश कांग्रेस की ये सनक याद रखेगा. कांग्रेस ने सदन में एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी व्हील चेयर पर बैठाए रखा, वो भी सिर्फ़ अपना बेईमान गठबंधन ज़िंदा रखने के लिए! बेहद शर्मनाक!” इसके साथ ही बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री की सदन में व्हीलचेयर पर बैठे कार्यवाही में हिस्सा लेने की तस्वीर भी शेयर की है.
बीजेपी के हमले पर कांग्रेस भी चुप बैठने वाली नहीं थी. पार्टी की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म हेड सुप्रिया श्रीनेत ने पलटवार किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “चरणचुंबकों की फ़ौज एक्टिव की गई है, लेकिन गिद्धों, कितनी भी कोशिश कर लो. सच ये है कि डाक्टर साहब का सदन में होना तुम्हारे आका की कायरता की पोल खोलता है. ये है डाक्टर साहब की लोकतंत्र में आस्था, और एक तुम्हारे जुमलावीर हैं जो सदन से मुंह छुपाये भाग रहे हैं.’
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री के वोटिंग में हिस्सा लेने पर आम आदमी पार्टी ने उनका शुक्रिया अदा किया है. ‘आप’ सांसद राघव चड्ढा ने लिखा, “आज राज्यसभा में डॉ. मनमोहन सिंह अखंडता की मशाल बनकर खड़े हुए और विशेष रूप से काले अध्यादेश के खिलाफ वोट करने आये. लोकतंत्र और संविधान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता एक गहन प्रेरणा है. उनके अमूल्य समर्थन के लिए मैं हृदय से उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. धन्यवाद सर.”
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा विपक्ष अपनी संख्या बढ़ाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन को भी सदन में लाया था, जो इस समय अस्वस्थ चल रहे हैं.
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जेडीयू से राज्यसभा के सदस्य हैं. पार्टी ने दिल्ली सर्विस बिल के खिलाफ वोट करने के लिए अपने सभी राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी किया था. इसके बावजूद हरिवंश ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. दरअसल, वोटिंग के समय हरिवंश आसन पर बैठ गए थे, इस तरह उनके ऊपर व्हिप का नियम लागू नहीं हुआ