*सैलजा, सुरजेवाला तथा किरण ने खट्टर सरकार पर बोला हमला, कहा बाहर की कंपनियों को आईडी का टेंडर देने से 88 शहरों की जनता परेशान*
*राणा ओबराय*
*राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,*
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*सैलजा, सुरजेवाला तथा किरण ने खट्टर सरकार पर बोला हमला, कहा बाहर की कंपनियों को आईडी का टेंडर देने से 88 शहरों की जनता परेशान*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी ने एक मंच पर आकर प्रॉपर्टी आईडी को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार के इस प्रॉपर्टी आईडी के फैसले को लेकर 88 शहरों के लोग परेशान हैं। हैरानी की बात है कि राज्य के बाहर की कंपनियों को सरकार ने टेंडर दिया। साथ ही इस काम में कंपनी के द्वारा 80 प्रतिशत तक गलतियां की गई हैं, लेकिन इसके बाद भी टेंडर निरस्त नहीं किया गया है। प्रॉपर्टी आईडी सर्वे के लिए 13 अगस्त, 2019 को डायरेक्टर, लोकल बॉडी व याशी कंसल्टिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर में लिखित एग्रीमेंट हुआ। एग्रीमेंट के क्लॉज 7.1 के मुताबिक यह काम 4 महीने, यानि 12 दिसंबर, 2019 तक पूरा करना था। ठेकेदार पर विशेष मेहरबान खट्टर सरकार ने दसियों एक्सटेंशन दे डाले, और तीन साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी अधिकतर काम गलत व बोगस निकला।
85% सर्वे गलत होने का आरोप
कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश के 88 शहरों में 42.70 लाख प्रॉपर्टी का सर्वे किया गया, जिसमें 85 प्रतिशत सर्वे गलत निकला। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 7 जुलाई 2023 को यह स्वीकारा कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 8 लाख गलतियां पकड़ी गईं।
खुद स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने 17 दिसंबर, 2022 को यह स्वीकारा कि प्रॉपर्टी आईडी में 15.50 लाख गलतियां मिलीं। इसके विपरीत मुख्यमंत्री ने 7 जुलाई, 2023 को यह कह दिया कि 8 लाख गलतियां मिलीं। अब मुख्यमंत्री और उनके मंत्री में ही प्रॉपर्टी आईडी की गलतियों को लेकर 100 प्रतिशत विरोधाभास हो तो आम जनमानस का क्या हाल होगा? रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एग्रीमेंट के क्लॉज 41.5 में साफ लिखा है कि अगर प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 10 प्रतिशत तक गलतियां पाई गईं, तो ठेकेदार कंपनी को दोगुना जुर्माना लगेगा। अगर प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की गलतियां 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत होंगी, तो जुर्माना चार गुना होगा, अगर गलतियां 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत होंगी, तो जुर्माना 8 गुना होगा, और अगर गलतियां 20 प्रतिशत से अधिक होंगी, तो टेंडर कैंसिल कर दिया जाएगा।
ब्लैकलिस्ट होनी चाहिए कंपनी
प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में याशी कंपनी द्वारा 85 प्रतिशत गलतियां होने के बावजूद न तो खट्टर सरकार ने टेंडर कैंसिल किया, न जुर्माना लगाया, और न ही कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया। पूरा हरियाणा गवाह है कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 85 प्रतिशत से अधिक गलतियां हैं। तो फिर ठेकेदार कंपनी के खिलाफ पेनल्टी या टेंडर खारिज करने व याशी कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
कमेटी ने नहीं की मॉनिटरिंग
किरण चौधरी ने बताया कि टेंडर एग्रीमेंट की क्लॉज 40.2.1 के मुताबिक पूरे प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की लगातार निगरानी के लिए डायरेक्टर, लोकल बॉडीज की अध्यक्षता में ‘प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कमेटी’ का गठन हुआ था, जिसे हर 15 दिन में प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की दुरुस्ती बारे जांच करनी थी, व पूरे प्रोजेक्ट के वर्क शेड्यूल की मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी भी थी।
इसी प्रकार टेंडर एग्रीमेंट की क्लॉज 40.2.2 के मुताबिक, ‘स्टीयरिंग कमेटी’ का गठन हुआ, जिसे प्रॉपर्टी आईडी प्रोजेक्ट के खत्म होने तक सारी जिम्मेवारी का निर्वहन करना था। पर सच्चाई यह है कि याशी कंपनी ने मनमर्जी से पूर्णतया गलत सर्वे किया, खट्टर सरकार व उसके अधिकारियों ने न कोई मॉनिटरिंग की, न जिम्मेवारी निभाई। हरियाणा की 1 करोड़ जनता को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया।