Saturday, July 27, 2024
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नारे लगाने हैं तो चौ देवीलाल और चौ ओम प्रकाश चौटाला के लगाएं, मेरे नारे लगाने मुझे पसंद नहीं ;- अभय सिंह चौटाला

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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नारे लगाने हैं तो चौ देवीलाल और चौ ओम प्रकाश चौटाला के लगाएं, मेरे नारे लगाने मुझे पसंद नहीं ;- अभय सिंह चौटाला
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कैथल ;- इनैलो सुप्रीमो द्वारा सांसद दुष्यंत चौटाला व इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला के निष्कासन के बाद शनिवार को कैथल के रामलीला मैदान में आयोजित जिलास्तरीय बैठक में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने इशारों ही इशारों में दुष्यंत व दिग्विजय समर्थकों पर हमला बोला। लोगों को अंदेशा था कि शायद इस बैठक में लोग कम आएंगे, लेकिन रामपाल माजरा की अगुवाई में आयोजित जनसभा में उमड़ी भीड़ में पहुंचे अभय चौटाला गदगद दिखे और उन्होंने कार्यकत्र्ताओं से हाथ उठवाकर इसी तरह से एकजुटता बनाए रखने का संकल्प करवाया।
दिग्विजय और दुष्यंत चौटाला को निष्कासित करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी से इस्तीफा देने की चल रही खबरों पर बोलते हुए अभय चौटाला ने कहा कि यह पार्टी के कार्यकर्ता नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के पैड वर्कर थे जो पिछले काफी दिनों से पार्टी की छवि खराब करने का काम कर रहे थे। इससे पूर्व कार्यकत्र्ता आर.के.एम. पैलेस से अभय चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, रामपाल माजरा, बसपा प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश भारती, जिलाध्यक्ष पं० कंवरपाल करोड़ा को खुली जीप में बैठाकर शहर में जुलूस के रुप में चंदाना गेट स्थित रामलीला मैदान में लेकर आए। हजारों की संख्या में बाइक सवार युवा अगुवाई करते हुए विशाल जुलूस की शकल में इनैलो नेताओं को रामलीला मैदान में ले कर गए। जिस कारण पूरे शहर में जाम की स्थिति बनी रही। जहां भीड़ को संबोधित करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि कुछ लोगों ने मेरे भी नारे लगाए हैं। लेकिन आगे से मेरे नारे ना लगाएं। नारे लगाने हैं तो ओमप्राकश चौटाला व कुमारी बहन मायावती के लगाएं। क्योंकि इन नारों के कारण कुछ लोग पिछले दिनों गलतफहमी का शिकार हो गए हैं। नारे लगाने वाले तो शायद बच जाएं। लेकिन नारों का शिकार हुए लोगों का क्या होगा, ये पता नहीं। उन्होंने कहा कि 7 अक्तूबर की रैली में पार्टी सुप्रीमो ने पांच संदेश दिए थे। जिसमें हर घर में एक नौकरी, बुढ़ापा पैंशन 3 हजार करने, बिजली के बिल आधे करने, खेत की बिजली मुफ्त, किसान के कर्जे माफ करने, बेटियों के विवाह में 5 लाख रुपए कन्यादान की घोषणा की थी। कार्यकत्र्ता इन पांचों संदेशों को लेकर जनता के बीच जाएं और उन्हें अपने साथ जोड़ें। अभय चौटाला ने कहा कि ये जिलास्तरीय रैलियां इनैलो के जलयुद्ध का हिस्सा हैं। प्रदेश में संगठन पर ताजे हालात पर अभय चौटाला ने जनसभा में पहुंचे कार्यकर्ताओ से हाथ उठवाकर संकल्प लिया कि वे इस संघर्ष में इसी तरह साथ देंगे या नहीं देंगे? इस पर वहां मौजूद सभी लोगों ने उन्हें पूरा समर्थन देने के लिए हाथ उठा दिए।
उन्होंने कांग्रेस व भाजपा को जमकर घेरा और कहा कि आने वाला समय इनैलो का है। प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कार्यकत्र्ता पार्टी की मजबूती के लिए काम करें। लंबे समय से इनैलो का कार्यकत्र्ता सच्चे सिपाही के तौर पर पार्टी को मजबूत किए हुए है। इसीलिए यह एकजुटता चुनाव तक बनाए रखें और सभी को अपने साथ जोडक़र संगठन को मजबूत बनाने का काम करें। ताऊ देवी लाल की नीतियों पर चलते हुए अभय चौटाला की अगुवाई में इनैलो व बसपा आगे बढ़ रही है। आने वाला समय इनैलो का है। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि देश-प्रदेश में चुनावी माहौल है। इसीलिए कार्यकत्र्ता जुट जाएं। आज जब पार्टी ऐसे दौर से गुजर रही है, जहां पार्टी को अधिक एकजुटता की जरूरत है। कार्यकर्त्ता उस पंछी की तरह से पेड़ पर रहें, जिस पक्षी ने पेड़ को जलते हुए भी उसका साथ नहीं छोड़ा था। जिलास्तरीय जनसभा जिस तरह से रैली में बदली है, कार्यकर्त्ता संकल्प दिलवाएं कि उसी तरह से वे अभय चौटाला की अगुवाई में संघर्ष को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सी.एम. चौधरी ओमप्रकाश चौटाला व पी.एम. बहन कुमारी मायावती को बनाने की दिशा में काम करें। बसपा के प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश भारती ने कहा कि इनैलो व बसपा अनुशासित पार्टी हैं। इसीलिए कार्यकत्र्ता विचलित ना हों। इनैलो की स्थिति पर अप्रत्यक्ष तौर पर बोलते हुए भारती ने कहा कि किसी समय में बहन मायावती से 38 एम.एल.ए. बगावत कर गए थे। इसके बावजूद बहन मायावती ने यूपी जैसे प्रदेश में स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई थी। इसीलिए कार्यकर्त्ता एकजुट रहें। इनैलो जिला अध्यक्ष पंडित कंवरपाल करोड़ा ने हाथ उठवाकर कार्यकत्र्ताओं से संकल्प दिलवाया कि वे इसी तरह से अभय चौटाला की अगुवाई में इनैलो की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अभय चौटाला को विश्वास दिलवाया कि आप जो भी आदेश देंगे, कार्यकत्र्ता उनके पीछे खड़े नजर आएंगे।इस मौके पर पूर्व मंत्री सुरेंद्र मदान, प्रदेश कार्यकारिणी में आमंत्रित सदस्य एवं सरपंच रामफल मलिक खुराना, कानूनी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष शशाी वालिया, पूर्व विधायक बूटा सिंह, संतोष दहिया, सुल्तान मुन्नारेहड़ी, अधिवक्ता पवन ढुल, डा. मेहर सिंह सैनी, काला खरक प्रधान, रामफल मोर, रिटायर्ड अधिकारी जोगी राम पूंडरी, ईश्वर मैहला, ओमप्रकाश कैरा, कृष्ण बंसल, पूर्व सरपंच संजीव छौत, युवा इनैलो जिलाध्यक्ष अनिल तंवर, काला प्यौदा, सरपंच राजा राम माजरा, पूर्व सरपंच सुरेंद्र चंदाना, जसमेर तितरम, युवा हलका प्रधान मोनी बालू, जाट शिक्षा समिति के प्रधान रणबीर ढुल फौजी, मियां सिंह जाजनपुर, मा. बलबीर मटौर, जिला पार्षद सुरजीत पबनावा, रामदिया चावरिया, संदीप जुलानीखेड़ा, शमशेर कुराड़, कृष्ण वाल्मीकी चीकू, प्रदीप ङ्क्षसहमार, राममेहर खुराना, कृष्ण सौंगल, बसपा पदाधिकारियों में डा. रोहताश रंगा लोकसभा कुरुक्षेत्र प्रभारी, बलबीर धेरडू जिला प्रभारी, महेंद्र कुराड, दलबीर भान, राजेश कैलरम, जिलाध्यक्ष विरेंद्र सजूमा, जिला उपाध्यक्ष रमेश कश्यप, डा. रमेश प्रजापत, सीमा माथुर, मीना बाई, ओमप्रकाश मानस, रामङ्क्षसह गुर्जर, शमशेर रंगा, होशियार ङ्क्षसह जाखौली, शिसन सांच, सुभाष नंदगढ़, सुषमा बोद्ध, मूर्ति देवी, सुरजमल सांघन, दयानंद कश्यप सहित हजारों की संख्या में इनैलो-बसपा पदाधिकारी व कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।

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