कुलदीप बिश्नोई को भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद और बिश्नोई रत्न से मुक्त करने की घोषणा, दो गुटों में बंटा बिश्नोई समाज!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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कुलदीप बिश्नोई को भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद और बिश्नोई रत्न से मुक्त करने की घोषणा, दो गुटों में बंटा बिश्नोई समाज!*
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हिसार ;- हरियाणा के पूर्व सांसद, भाजपा नेता और अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई को लेकर बिश्नोई समाज दो गुटों में बंट गया है। बिश्नोई समाज पंच-पंचायत जांभोलाव धाम जाम्बा जिला जोधपुर ने 23 अप्रैल को पत्र जारी करके उन्हें अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद और बिश्नोई रत्न से मुक्त करने की घोषणा कर दी है।
साथ ही जांभोलाव धाम की आथुणी जागा के श्रीमहंत शिवदास शास्त्री को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के कार्यवाहक संरक्षक पद पर नियुक्त किया गया है।
वहीं अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के वरिष्ठ उप प्रधान सुभाष देडू ने कहा कि ये तथाकथित लोग हैं। समाज विरोधी लोग हैं और समाज को कमजोर करना चाहते हैं। वे उस महासभा के सदस्य नहीं है। कुलदीप बिश्नोई को बिश्नोई रत्न महासभा की ओर से दिया गया है। महासभा से सरंक्षक को हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। ये दावे फर्जी है और समाज को कमजोर करने की साजिश है। इससे पहले राजस्थान में बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम में मुकाम पीठाधीश्वर रामानंद तथा महासभा कार्यकारिणी ने कुलदीप बिश्नोई को सरंक्षक पद ही बने रहने का फैसला दिया था। बता दें कि कुलदीप बिश्नोई के बेटे चैतन्य बिश्नोई की सगाई दूसरे समाज में करने पर जांभोलाव पंच-पंचायत ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा था।
कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे चैतन्य बिश्नोई ने पंजाबी समाज की सृष्टि अरोड़ा से सगाई की थी। जिसकी तस्वीर उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर डाली, जिसके बाद समाज में इसको लेकर विवाद शुरू हो गया।
कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे चैतन्य बिश्नोई ने पंजाबी समाज की सृष्टि अरोड़ा से सगाई की थी। जिसकी तस्वीर उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर डाली, जिसके बाद समाज में इसको लेकर विवाद शुरू हो गया।
बिश्नोई समाज पंच-पंचायत जांभोलाव धाम, जाम्बा ने जारी पत्र में लिखा कहा कि कुलदीप बिश्नोई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के सरंक्षक पद पर हैं। बिश्नोई रत्न सम्मान से भी सम्मानित हैं, उनके द्वारा कुछ समय से समाज विरोधी आचरण से बिश्नोई समाज की रीति-रिवाजों, मान्य परंपराओं व मर्यादाओं को तोड़कर समाज की भावनाओं को आहत एवं शर्मसार किया है। इस संबंध में उन्हें 20 मार्च 2023 को नोटिस देकर दो सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा गया था। मगर, 7 अप्रैल 2023 तक कोई जवाब नहीं दिया गया। इस संबंध में 7 अप्रैल 2023 को बिश्नोई समाज के संतों व प्रबुद्ध नागरिकों की बैठक उक्त प्रकरण के निर्णय के लिए रखी गई थी, कुछ प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा निवदेन किया गया कि कुलदीप बिश्नोई को एक और अवसर प्रदान किया जाए। दोबारा 2 सप्ताह का समय दिया जाए। इसके बाद विचार-विमर्श कर निर्णय लिया गया कि कुलदीप बिश्नोई को 22 अप्रैल 2023 तक अपना जवाब पेश करने का अवसर दिया जाए।