पंजाब & हरियाणा हाइकोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर केस में सुनाया फैंसला, बची मेयर सरबजीत की चेयर, कोर्ट में चला फटा वोट*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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पंजाब & हरियाणा हाइकोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर केस में सुनाया फैंसला, बची मेयर सरबजीत की चेयर, कोर्ट में चला फटा वोट*
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चंडीगढ़ ;- पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर सर्बजीत कौर के चुनाव को गैरकानूनी बता करने वाली AAP की याचिका रद्द करते हुए फैसले में वोट की गिनती को अहम बात कही है। दरअसल, AAP ने सवाल उठाया था कि मेयर चुनाव में एक फटा वोट स्वीकार किया गया था। हाईकोर्ट ने मामले में कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि मेयर पोस्ट पर कुल 28 वोट पड़े और उनमें से 27 वैध करार हुए।
एक वोट पर टिक का निशान था उसे रद किया गया था। अंजू कत्याल को 13 और सर्बजीत कौर को 14 वोट मिले। ऐसे में सर्बजीत कौर को विजयी बताया गया। अंजू कत्याल का कहना था कि एक फटे वोट को वैध करार दे दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि फटे नोट का मुद्दा विमला देवी केस में देखने को मिलता है। उसमें कहा गया था कि ऐसा कोई एक्ट या इलैक्शन रुल नहीं है कि वह टार्न (फटा हुआ) नोट काउंट न गिना जाए जो पूरी तरह से अलग नहीं है।
वहीं जिस वोट को अवैध मानकर रद किया गया था वह मुद्दा अरिकाला नरसा रेड्डी केस में डिस्कस हुआ था। उसमें श्रद्धा देवी केस का भी जिक्र हुआ था। वहीं कंडक्ट ऑफ इलैक्शन रुल्स, 1961 में भी बैलेट पेपर पर मार्किंग और राइटिंग को लेकर नियम तय है। निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) की अंजू कत्याल (13 वोट) भाजपा की सर्बजीत कौर (14 वोट) से हारी थी। सीनियर डिप्टी मेयर पर AAP की प्रेम लता (13 वोट) भाजपा के दलीप शर्मा (15 वोट) से हारी थी और AAP के राम चंद्र यादव(14) भाजपा के अनूप गुप्ता (14+1) से हारे थे। मेयर की पोस्ट पर कुल 28 वोट पड़े थे जिनमें 1 अवैध करार दिया गया। सीनियर डिप्टी मेयर पोस्ट पर भी 28 वोट पड़े और सभी सही रहे। डिप्टी मेयर पोस्ट पर भी 28 वोट पड़े।
बैलेट पेपर पर टिक था इसलिए रद करना पड़ा
प्रिजाइडिंग अफसर ने गहनता से उन वोटों का निरीक्षण किया था जिन पर काउंटिंग एजेंट्स ने आपत्ति जताई थी। एक बैलेट पेपर की पिछली तरफ टिक का निशान था जिसे नियमों के तहत अवैध घोषित किया गया था। मेयर चुनाव पर याची अंजू कत्याल का कहना था कि एक और वोट अवैध था जिसे रद्द नहीं किया गया।