करनालचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतरोहतकसिरसाहरियाणाहिसार

आदमपुर उपचुनाव में भाजपा, इनेलो और आप पार्टी ने दलबदलुओं पर भरोसा करते हुए दिया टिकट*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
आदमपुर उपचुनाव में भाजपा, इनेलो और आप पार्टी ने दलबदलुओं पर भरोसा करते हुए दिया टिकट*
,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ ;- आदमपुर उपचुनाव में 4 प्रमुख पार्टियों ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए है। ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि तीन पार्टियों ने जीत के लिए दलबदलुओं पर भरोसा जताया है। 3 उम्मीदवारों में इनेलो उम्मीदवार कुरडा राम को कांग्रेस छोड़ने एक घंटे बाद ही बाद इनेलो ने टिकट देकर चुनाव में उतार दिया।
आप के सतेंद्र सिंह भाजपा छोड़कर आए। भाजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए। कांग्रेस ने ही केवल अपने नेता जयप्रकाश को टिकट देकर चुनाव में उतारा है। भव्य बिश्नोई ने अपने पिता कुलदीप बिश्नोई के साथ 4 अगस्त 2022 को भाजपा जॉइन की थी। इससे पहले भव्य कांग्रेस में थे। कुलदीप बिश्नोई आदमपुर उपचुनाव में अबकी बार अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारकर अपना गढ़ जीतने की पंरपरा कायम रखना चाहते हैं। पार्टी जॉइन करने के 65 दिनों बाद उन्हें भाजपा की टिकट मिल गई।
कुलदीप बिश्नोई का बेटे भव्य और पत्नी रेणुका के साथ कांग्रेस छोड़ने की वजह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। कुमारी सैलजा के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कुलदीप अध्यक्ष बनना चाहते थे। लेकिन भूपेंद्र हुड्‌डा ने कांग्रेस हाईकमान के समक्ष दलित नेता उदयभान का नाम आगे रख दिया। इसलिए कुलदीप को कांग्रेस की प्रधानगी नहीं मिल सकी। कुलदीप ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ वोट करके बगावत कर दी और 3 अगस्त को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। आदमपुर भजन लाल परिवार का गढ़ है। 1968 से लेकर आज तक आदमपुर में भजन लाल परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं हारा।
भाजपा सत्ता में रहते हुए भी हरियाणा में पिछले 2 उपचुनाव हार चुकी है। ऐसे में इस सिलसिले को तोड़ने के लिए भजनलाल परिवार पर दांव खेला है। भव्य बिश्नोई कांग्रेस की टिकट पर हिसार लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। तब उनका मुकाबला हिसार के भाजपा उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह, जजपा के दुष्यंत चौटाला के साथ था। भव्य तीसरे नंबर पर रहे। बृजेंद्र सिंह ने जीत हासिल की।
आम आदमी पार्टी ने आदमपुर उप चुनाव के लिए सतेंद्र सिंह को उतारा है। सतेंद्र ने 7 सितंबर 2022 को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप जॉइन की थी। ठीक 1 महीने बाद उन्हें 7 अक्टूबर 2022 को आप ने टिकट दी। सत्येंद्र सिंह जन्मजात कांग्रेसी थे और विधानसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की टिकट पर आदमपुर से चुनाव लड़ चुके हैं। मगर, कुलदीप बिश्नोई से हार गए। 2019 में कांग्रेस छोड़कर विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी ठोकते हुए भाजपा में शामिल हुए। परंतु भाजपा ने आदमपुर से सोनाली फोगाट को चुनाव में टिकट दे दी। जिस कारण सतेंद्र सिंह की टिकट कट गई।
2016 में हजकां का विलय कुलदीप ने कांग्रेस में कर दिया। कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस में आने के बाद 2019 में सतेंद्र को टिकट नहीं मिली। तब कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए। कुलदीप वर्ष 2022 में भाजपा में आए तो सतेंद्र सिंह को भविष्य में भी कभी पार्टी की टिकट मिलने के कोई चांस नहीं थे। कांग्रेस में जेपी, संपत सिंह जैसे बड़े दावेदार थे। इसलिए राजनीतिक भविष्य की तलाश में आप में शामिल हुए। सतेंद्र ने साल 2014 में आदमपुर से ही कांग्रेस की टिकट पर कुलदीप को चुनौती दी। तब कुलदीप बिश्नोई अपनी हरियाणा जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गए। सतेंद्र फिर कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए। जहां वह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। भारतीय किसान मोर्चा में रोहतक जिला प्रभारी और सिरसा जिला प्रभारी रह चुके हैं।
सतेंद्र कांग्रेस की टिकट पर पहले आदमपुर विधानसभा लड़ चुके हैं। पार्टी ने सर्वे करवाया तो उसमें सतेंद्र का नाम सशक्त उम्मीदवार के तौर पर आया। स्थानीय निवासी है।
कुरडाराम नंबरदार कांग्रेस छोड़ने के 2 घंटे बाद ही इनेलो ने उन्हें पार्टी में शामिल करके आदमपुर उप चुनाव के लिए टिकट दे दी। ऐसे में कुरडाराम नंबरदार आदमपुर उप चुनाव में अकेले ऐसे उम्मीदवार है, जिन्हें एक पार्टी छोड़ते ही दूसरी पार्टी ने टिकट देकर चुनाव में उतार दिया।
टिकट न मिलना बनी कांग्रेस छोड़ने की वजह : आदमपुर उप चुनाव में कुरडाराम नंबरदार कांग्रेस की टिकट मांग रहे थे। पूर्व मंत्री संपत सिंह के दावेदारी छोड़ने के बाद सबसे मजबूत उम्मीदवार कुरडा राम नंबरदार था। वह स्थानीय निवासी हैं। इसके बजाय कांग्रेस ने जयप्रकाश को टिकट दे दी। जयप्रकाश आदमपुर से संबंध नहीं रखते। कुरडा राम पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के राजनीतिक गणित से संतुष्ट नहीं हुए और टिकट न मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी।
साल 1996 में बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी का गठन किया तो वे उसके साथ चले गए। इसके बाद हविपा की टिकट पर आदमपुर में चुनाव लड़े और हार गए। साल 2004 में कांग्रेस में हविपा का विलय हो गया। कांग्रेस में प्रदेश संगठन सचिव, जिला महामंत्री, हलका पर्येवेक्षक रह चुके हैं। किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
इनेलो के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं था। इसी वजह से चौटाला परिवार अपने किसी एक पारिवारिक सदस्य को उतारना चाहता था। परंतु कुरडाराम के कांग्रेस छोड़ने और किसान नेता होने के कारण उन्हें टिकट दी। उनके स्थानीय निवासी होने का भी इनेलो को लाभ होने की उम्मीद है।

कांग्रेस ने पुराने कांग्रेसी जयप्रकाश को मैदान में उतारा
कांग्रेस के जयप्रकाश तीन बार हिसार से सांसद और 2 बार विधायक रह चुके हैं। वे केंद्र सरकार में पेट्रोलियम राज्य मंत्री भी रहे थे। 90 के दशक से वे कांग्रेस में है। पार्टी ने उनकी काबलियत और राजनीतिक रसूख को देखते हुए उन्हें आदमपुर उप चुनाव में उतारा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!