जाने क्या है अघोर
जय श्री महाकाल
मित्रो आज मै आपको बहुत महत्वपूर्ण बात बता रहा हु जिससे आज के लोग परेशान है क्या सही है और क्या गलत ! आज के लोग सात्विक और तामसिकता में उलझ कर रह गए है ! बात करते है अघोर की तो अघोर क्या है लोगो ने बस फेसबुक और किताबो से अघोर का नाम सुन लिया ,अघोर को कभी जाना नहीं समझा नहीं बस उसकी निंदा करने लगे ! जो मेरे सात्विक भाई है उनके अघोर के गलत विचार बन गए है क्योकि उन्होंने कभी अघोर को जाना ही नहीं सिर्फ नाम से ही अघोर की बुराई करने लगे ! मैंने पहले भी बहुत बार बताया है की भगवान शिव जी ने सबके लिए अलग अलग मार्ग बनाये है ,जो जिस पर चलना चाहे चले ! जो भगवान विष्णु जी के भक्त होते है वो सात्विक होते है जिनकी नजर में ये सब गलत है i लेकिन सिर्फ एक अघोर ही ऐसा है जो सबको समान रूप से देखता है ! अघोर में शुद्धता अशुद्धता का कोई स्थान नहीं जैसे हो जिस हाल में हो भक्ति करो ! नहाये हो या नहीं साफ कपड़े पहने हो या नहीं इससे कोई मतलब नहीं ,कोई यम नियम नहीं ! लेकिन जो विष्णु भक्त होते है जिसे वैष्णव कहते है इनके लिए ये बहुत महत्वपूर्ण होते है ! मै किसी भी मार्ग की निंदा या बुराई नहीं कर रहा हु मै सिर्फ ये समझाने की कोशिस कर रहा हु की दुसरो की निंदा ना करे वो भी उसी ने बनाया है जिसने आपका मार्ग बनाया है ! ये सिर्फ भक्ति की बात हो रही साधना की नहीं ये ध्यान रखे ! मन साफ होना जरुरी है तन का नहीं ,हम नहा धोकर साफ वस्त्र पहनकर तन को तो साफ़ कर लेते मन को नहीं करते ! अघोर में मन को साफ करना बताया है तन को नहीं ! इसलिए मन को साफ़ करके प्रभु भक्ति करो वही फलदायी है !
जय अघोरेश्वर