पंजाब & हरियाणा हाइकोर्ट ने 2017 में भर्ती हुए 1259 जेबीटी शिक्षकों को दिखाया गया बाहर का रास्ता, नियुक्तियों को रद्द करने के दिये आदेश*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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पंजाब & हरियाणा हाइकोर्ट ने 2017 में भर्ती हुए 1259 जेबीटी शिक्षकों को दिखाया गया बाहर का रास्ता, नियुक्तियों को रद्द करने के दिये आदेश*
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चंडीगढ़ :- पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 1259 जेबीटी शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन शिक्षकों के पास एचटेट की अनिवार्य योग्यता नहीं थी। हाईकोर्ट ने तीन महीने के भीतर इन टीचर को नोटिस देकर बर्खास्त करने का आदेश दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन शिक्षकों की जगह अब मेरिट में रहने वाले 1259 योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए।कोर्ट ने इन पदों पर विज्ञापन जारी होने की तिथि के दिन योग्य उम्मीदवारों को भर्ती करने का निर्देश दिया है। अगर उनकी भर्ती के बाद भी कुछ पद रिक्त रहते है तो भर्ती के दिन वेटिंग लिस्ट से योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने के लिए कहा है। पद खाली रहने पर दोबारा विज्ञापित करके नए सिरे से भर्ती की जाएगी।मामला क्या था
याची पक्ष के वकील विक्रम श्योराण ने बताया कि 2012 में हरियाणा सरकार ने 8760 जेबीटी टीचरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस भर्ती के लिए कट आफ डेट 11 दिसम्बर 2012 थी। इस भर्ती में केवल वही उम्मीदवार योग्य थे जिनके पास अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा पास की थी। हरियाणा सरकार ने 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं की, जिस कारण कट आफ डेट तक इस भर्ती में केवल वही उम्मीदवार आवेदन कर सके जिन्होने 2011 में परीक्षा पास की थी।इस बीच हरियाणा सरकार ने अप्रैल 2013 में राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित कर दी, सरकार का कहना था कि प्रशासनिक कारणों से 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी इस लिए अब अप्रैल 2013 में जो परीक्षा हो रहीं है वह अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा 2012 की है।इसी बीच हाई कोर्ट में काफी संख्या में याचिका दायर की गई कि सरकार ने 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा नहीं ली और अब सरकार परीक्षा ले रही है। इसलिए उनको इस भर्ती में भाग लेने की इजाजत दी जाए। कोर्ट ने ऐसे उम्मीदवारों को 2013 प्रोविजनल तौर पर परीक्षा में भाग लेने की इजाजत दे दी। इस बीच अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया और काफी संख्या में प्रोविजनल तौर पर भाग लेने वाले उम्मीदवारों ने परीक्षा पास कर ली।अब टीचर भर्ती बोर्ड के पास दो तरह के उम्मीदवार थे एक वो जो कट आफ डेट 11 दिसम्बर 2012 के दिन पद के लिए योग्य थे , दूसरे जिन्होने कट आफ डेट 11 दिसम्बर 2012 के बाद अध्यापक पात्रता परीक्षा 2013 में पास की।
टीचर भर्ती बोर्ड ने जेबीटी भर्ती का परीक्षा का परिणाम घोषित कर केवल कट आफ डेट 11 दिसम्बर 2012 के दिन योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का फैसला लिया और उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। इस बीच कट आफ डेट 11 दिसम्बर 2012 के बाद 2013 में परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार जिन्होंने जेबीटी भर्ती की परीक्षा में अच्छे अंक लिए कोर्ट में केस दायर कर कहा कि उनके अंक कट आफ डेट 11 दिसम्बर 2012 को योग्य उम्मीदवारों से ज्यादा हैं। इसलिए एक संयुक्त योग्यता सूची बना कर नियुक्ति दी जाए।इस दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट में आश्वासन दिया कि राज्य में टीचर्स की काफी पद खाली हैं और वह दोनों सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति दे देगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार संयुक्त मेरिट लिस्ट बना कर नियुक्ति दे सकती है लेकिन विज्ञापन में तय पदों से ज्यादा पदों पर नहीं। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि कट ऑफ डेट 11 दिसम्बर 2012 के बाद योग्य हुए उम्मीदवारों की नियुक्ति इस याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी।इसके बाद जब सरकार ने संयुक्त योग्यता सूची जारी की तो पहली सूची जो कट आफ डेट 11 दिसम्बर 2012 के दिन योग्य उम्मीदवार थे वो काफी संख्या में भर्ती से बाहर हो गए और सरकार ने उनको नोटिस देकर उनकी सेवा समाप्त कर दी और प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार भी बाहर हो गए।संयुक्त योग्यता सूची से प्रभावित उम्मीदवार जो कट आफ डेट के दिन योग्य थे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि कट आफ डेट के बाद आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्त देना कानूनन गलत है। इसलिए इनकी नियुक्ति रद्द कर उनको नियुक्त दी जाए।विक्रम श्योराण के अनुसार इन याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस संधावालिया की बेंच ने कहा कि कट आफ डेट के बाद के उम्मीदवारों को मौका देना सरकार का गलत निर्णय था। कोर्ट ने सरकार के उस आदेश को गलत करार दिया, जिसके तहत कट आफ डेट के दिन योग्य चयनित टीचर को हटा कर दूसरी सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी थी। कोर्ट ने हटाए गए सभी टीचर को नियुक्ति , वरिष्ठता क्रम व वित्तीय लाभ भी अप्रैल -मई 2017 के दिन से देने का आदेश दिया।