हरियाणा सीएम की घोषणा देसी गाय की खरीद के लिए 25 हजार रूपये तक की दी जाएगी सब्सिडी*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा सीएम की घोषणा देसी गाय की खरीद के लिए 25 हजार रूपये तक की दी जाएगी सब्सिडी*
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करनाल ;- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की कड़ी में एक ओर पहल करते हुए प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रूपये तक की सब्सिडी देने व प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम किसानों को निशुल्क देने की घोषणा की। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है, इसके लिए हमें खाद्यान ही औषधी की धारना को अपनाना होगा। प्राकृतिक खेती ही इसका एकमात्र रास्ता है। प्रदेश के 50 हजार एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है, लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर खंड स्तर पर एक प्रदर्शनी खेत में प्राकृतिक खेती करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री आज करनाल के डॉ० मंगलसैन ऑडोटोरियम हॉल में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने 20-22 कृषि विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया और प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के टिप्स दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने वाले पोर्टल पर रजिस्ट्रड 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों को देसी गाय खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार की कृषि तकनीक प्रबंधन एजेंसी(आत्मा) से जुड़े तकनीकी सहायक प्रबंधक, ब्लॉक तकनीकी सहायक प्रबंधक व उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि विभाग की आत्मा योजना सही मायने में रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोगों से हमारे खेतों में पैदा हो रहे जहरीले खाद्यानों को ठीक करने के लिए एक आवाज है। उन्होंने कहा कि सिक्कम देश का पहला राज्य है जो पूरी तरह से प्राकृतिक खेती पर आ गया है। हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में भी काफी कार्य हो रहा है, अब हरियाणा सरकार नई पहल करते हुए देसी गाय की खरीद पर सब्सिडी देने का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि किसान अब प्राकृतिक खेती को समझने लगे है और कृषि विभाग द्वारा बनाए गए पोर्टल पर अब तक प्रदेश के 1253 किसानों ने स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए पंजीकरण करवाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब 1960 के दशक में देश में खाद्यानों की कमी हो गई थी, इसके लिए हरित क्रांति का आह्वान किया गया, जिसके चलते अंधाधुंध रासायनिक खादों का उपयोग हुआ और देश में अनाज के उत्पादन की कमी नहीं रही। अब रासायनिक खादों के प्रयोग से खेत भी जहरीले हो गए है और खाद्यानों का उत्पादन भी जहरीला हो गया है। हमें संकल्प लेना चाहिए कि ना तो जहर बोएंगे और ना ही जहर खांएगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का विषय मन को छूने वाला है। वित्त मंत्री के रूप में जब वे विभिन्न विभागोंं के बजट की समीक्षा करते है तो कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग के बजट आबंटन के समय उनकी सोच बदल जाती है और वे चाहते है कि अगर हमारा खान-पान ठीक होगा तो स्वास्थ्य विभाग को इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य दवाईयों के लिए ज्यादा बजट की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर हम बीमार होते है तो औषधी लेने जाते है और अब प्राकृतिक खेती स्वास्थ्य के विकल्प के रूप में हमारे पास है, उसे जीवन में अपनाना है। प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए केन्द्र से जो बजट मिलेगा, उससे ज्यादा हरियाणा सरकार भी देगी। एटीएम व बीटीएम से सीधा संवाद करते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष यह जानकारी आई कि पिछले 6-7 माह से मासिक मानदेय नहीं मिला है तो इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को दूरभाष पर निर्देश दिए कि तुरंत प्रभाव से इनका मानदेय जारी कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि किसी भी कर्मचारी का वेतन विलम्ब हो, यहां तक की गांव के चौंकीदार व सफाई कर्मचारी का वेतन भी हर माह की 7 तारीख तक जारी कर दिया जाता है।
कार्यक्रम के दौरान सीधे संवाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन प्लांट लगाने हेतु पोर्टल बनाया जाएगा, इस पर जमीन की पूरी जानकारी देने के साथ-साथ किसान स्वेच्छा से फसल विविधिकरण अपनाने बारे में अवगत करवाएगा। इसके अलावा खाद्यान में दलहनी फसले उगाने बारे भी जानकारी देगा। इस प्रकार विभाग के पास पूरी जानकारी होगी तो उसकी आसानी से मोनिटरिंग की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को 20-25 के छोटे-छोटे समुह में प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे अच्छी तरह से फसल उत्पादन बारे जानकारी ले सकें। प्राकृतिक खेती के उत्पादों की पैकिंग सीधे किसान के खेतों से ही हो, ऐसी योजना भी तैयार की जाएगी ताकि बाजार में ग्राहकों को इस बात की शंका ना रहे कि यह प्राकृतिक खेती का उत्पाद है या नहीं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक उत्पादन की टेस्टिंग की जानकारी लेने के लिए बाजार में मंहगे उपकरण उपलब्ध है।
प्रगतिशील किसान अब कहलाएंगे प्रकृतिशील किसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर ब्लॉक में एक प्रदर्शन प्लांट अवश्य बनाया जाए ताकि उस खंड के किसान उसका आसानी से लाभ उठा सके। ब्लॉक स्तर पर 50 से ज्यादा प्रगतिशील किसान प्रशिक्षित किये जाएं। इस प्रकार प्रदेशभर में ज्यादा से ज्यादा प्रगतिशील किसान तैयार किये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान अब कहलाएंगे प्रकृतिशील किसान, क्योंकि प्राकृतिक खेती प्रकृति के नियमों के अनुसार की जानी है, जिससे हम अतीत में दूर हो गए थे। उन्होंने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की सराहना की, जिन्होंने प्राकृतिक खेती का प्रारूप देश के प्रधानमंत्री के समक्ष रखा है और गुरूकुल कुरूक्षेत्र में प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण संस्थान के लिए जमीन उपलब्ध करवाई है। अब तक 232 एटीएम, बीटीएम व किसानों ने प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लिया। अब ये लोग किसानों के पास जाकर योजनाओं के साथ प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैनपावर और बजट बढ़ाने की आवश्यकता हुई तो सरकार उसे पूरा करेगी।
700 कृषि विकास अधिकारियों की होगी भर्ती:-जेपी दलाल।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री सदैव किसान हित के बारे में सोचते है तथा किस प्रकार प्रदेश का किसान समृद्ध हो, सक्षम हो और आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने 700 कृषि विकास अधिकारियों के पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की है तथा शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम भी मुख्यमंत्री की प्रेरणा से ही संभव हुआ है और यह विभाग की नई-नई योजनाओं का नवांचार है और यह विभाग किसानों के लिए समर्पित होकर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक विधि अपनाने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और लागत भी बहुत कम होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पानी बचाने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत तथा किसानों के उत्पाद का पूरा दाम मिले इसके लिए भावांतर भरपाई जैसी योजनाएं लागू की है। बाजारा किसानों को 450 करोड़ रूपये का लाभ दिया है। इसके अलावा धान की फसल की बिजाई कम करने के लिए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि 7 हजार रूपये की राशि देने का प्रावधान किया है। किसानों को जोखिम फ्री बनाने के लिए भी योजनाएं क्रियान्वित की है। अब प्राकृतिक तरीके से खाद्यान, फल और सब्जी का उत्पादन करने पर बल दिया जाएगा। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ हरदीप सिंह व उद्यान विभाग के महानिदेशक डा० अर्जुन सैनी ने भी विभागीय गतिविधियों बारे अवगत करवाया। इस मौके पर इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप, घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण, मेयर रेनू बाला गुप्ता, बीजेपी के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र राणा, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला, मीडिया कॉर्डिनेटर जगमोहन आंनद, उपायुक्त अनीश यादव, एसपी गंगाराम पुनिया, पूर्व विधायक बख्शीश सिंह विर्क तथा पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे।