Monday, December 23, 2024
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पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को पंजाब को देने का प्रस्ताव पास होना हरियाणा के हितों पर कुठाराघात ;- अभय सिंह चौटाला*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को पंजाब को देने का प्रस्ताव पास होना हरियाणा के हितों पर कुठाराघात ;- अभय सिंह चौटाला*
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चंडीगढ़ ;-इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर सदन में चंडीगढ़ को पंजाब को देने का एक प्रस्ताव पास किए जाने की इनेलो पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है। वैसे तो पंजाब हरियाणा को छोटा भाई कहता है लेकिन जब भी हरियाणा के हितों की बात आती है तो पंजाब की राजनीतिक पार्टियां चाहे भाजपा, कांग्रेस, अकाली दल या अब आम आदमी पार्टी हो सभी एक होकर हरियाणा के हितों पर कुठाराघात करती हैं। हरियाणा में जब इनेलो की सरकार थी तब हमारे प्रयासों से एसवाईएल पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय हरियाणा के हक में आया था तब पंजाब में अकाली दल और भाजपा की गठबंधन सरकार थी उस समय भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकार करने के बजाय पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव लाकर उस निर्णय का विरोध किया गया और पंजाब के हिस्से की एसवाईएल नहर को मिट्टी से भर दिया गया था। इनेलो पार्टी ने एसवाईएल का पानी हरियाणा को मिले उसके लिए एक साल सडक़ों पर उतर कर आंदोलन किया था। उसके बाद पंजाब में कैप्टन अमरेंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार आई, उन्होंने भी विधानसभा में एक प्रस्ताव लाकर जितनी भी वाटर ट्रीटी हुई थी सभी निरस्त कर दी थी।
उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय शाह कमीशन का गठन किया गया था जिसमें यह साफ-साफ कहा गया था कि चंडीगढ़ पर पहला हक हरियाणा का है और अगर चंडीगढ़ पंजाब को दिया जाता है तो 109 हिंदी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाएंगे। इसी संदर्भ में अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा जिसमें कहा कि मुख्यमंत्री को तुरंत प्रधानमंत्री से मिलकर एसवाईएल पर अपना पक्ष मजबूती से रखना चाहिए और साथ ही तुरंत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर हरियाणा के हितों के लिए चंडीगढ़ और एसवाईएल पर एक प्रस्ताव पास करना चाहिए कि चंडीगढ़ मुद्दे पर शाह कमीशन की रिपोर्ट और एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय जो हरियाणा के पक्ष में आया हुआ है, दोनों को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। अगर हरियाणा की सरकार ऐसा करती है तो इनेलो पार्टी हरियाणा के हितों के लिए चंडीगढ़ और एसवाईएल के मामले में उनके साथ खड़ी होगी और अगर हरियाणा की भाजपा सरकार इस मुद्दे को नहीं उठाती है तो इनेलो पार्टी इसका कड़ा विरोध करेगी।ई

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