Friday, September 13, 2024
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हरियाणा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा जनता में गरजने वाली कांग्रेस के बजट सत्र में ढीले व ठंडे रहे तेवर*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा जनता में गरजने वाली कांग्रेस के बजट सत्र में ढीले व ठंडे रहे तेवर*
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चंडीगढ़ ;- विधानसभा सत्र में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक सिर्फ 6 घंटे ही बोले। यह बहस राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर हुई थी। इसके उलट भाजपा और जजपा गठबंधन जमकर गरजा। दोनों के विधायक साढ़े 11 घंटे बोले। इनमें भाजपा करीब 9 घंटे 48 मिनट और जजपा 1 घंटा 45 मिनट बोली। अहम बात यह है कि विधानसभा में सरकार को घेरने की जगह कांग्रेस ने 2 बार वॉकआउट भी किया। बुधवार को हरियाणा विस स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने प्रेस कान्फ्रेंस कर सेशन के दौरान पार्टी विधायकों का लेखा-जोखा बताया।
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि बजट सत्र में सरकार की ओर से 18 विधेयक पेश किए गए। जिसमें 15 पास किए गए। एक बिल विद ड्रा किया गया। दो बिल सिलेक्शन कमेटी को भेजे गए है। वहीं दो प्राइवेट बिल अस्वीकृत किए गए। गुप्ता ने बताया कि अबकी बार कुल स्टार्ड 500 प्रश्न रिसीव हुए। जिनमें से 385 स्वीकार किए। 160 स्टार्ड प्रश्नों में से 101 का जवाब दिया गया। 296 अनस्टार्ड प्रश्न रिसीव हुए, जिसमें से 231 एडमिट किए। 228 का जवाब दिया गया। गुप्ता ने बताया कि 6 काल एटेंशन मोशन लिए गए, इसलिए शून्यकाल एक दिन था। शून्यकाल में अगली बार नई व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था लोकसभा की तरह होगी। जिसमें की हर सदस्य शून्यकाल से एक घंटा पहले स्लिप बॉक्स के अंदर डाल देगा। दस प्रश्न शून्यकाल में लेंगे, ताकि पर्याप्त समय जीरो आवर में बोलने का मिले। इस बार हमनें तीन मिनट की व्यवस्था की थी, परंतु वह सफल नहीं हुई। अगली बार दस प्रश्न निकालेंगे, हर प्रश्न पर 6 मिनट चर्चा की जाएगी। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में कुल 8 घंटे 40 मिनट चर्चा हुई। इसमें भाजपा के 20 विधायक 4 घंटे 44 मिनट बोले। जजपा के 5 मेंबर ने 64 मिनट संबोधन किया। वहीं कांग्रेस के 15 मेंबरों ने 2 घंटे 14 मिनट, आईएनएलडी के एक मेंबर ने 12 मिनट, तीन निर्दलीय विधायकों ने 26 मिनट संबोधित किया।
*बजट पर 5 घंटे 4 मिनट हुई चर्चा,,,,,,,,,*
इसी प्रकार से बजट पर सीएम मनोहर लाल सहित 20 मेंबर 5 घंटे 4 मिनट बोले। वहीं जेजपी के विधायक 41 मिनट, कांग्रेस के 19 मेंबर 3 घंटे 49 मिनट, इनेलो के 1 विधायक 11 मिनट, निर्दलीय 5 विधायक 41 मिनट बोले हैं। ऐसे में कुल 10 घंटे 26 मिनट चर्चा बजट पर हुई। दो बार वाक आउट करने पर कांग्रेस को कम समय मिला। इसी प्रकार से शून्यकाल में दस सदस्य ने संबोधित किया। जिसमें 6 कांग्रेसी, तीन भाजपा, एक जजपा विधायक बोले। ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि सभी सदस्यों को बराबर का समय दिया। नॉन ऑफिशियल रेजुलेशन पर भाजपा के विधायक 27 मिनट, जजपा के चार मिनट, कांग्रेस के 40 मिनट, निर्दलीय विधायक 15 मिनट बोले हैं। कुल 1 घंटा 26 मिनट चर्चा हुई। बिलों के ऊपर चर्चा होने से संशोधन भी हुए। सदन चलाने के लिए नियमों का पालन करना पड़ता है
ज्ञानचंद ने कहा कि रघुबीर कादियान पर नेम करना पड़ा, मैं इस कदम को अच्छा नहीं मानता। परंतु सदन को चलाने के लिए नियमों का पालन करना पड़ता है। लोकतंत्र में बिना किसी को नेम किए अगर सदन चलता है तो अच्छी बात है, लेकिन सदन की मर्यादा को बनाए रखने के लिए इस प्रकार का कदम उठाना पड़ता है। गोपाल कांडा नहीं आए, न ही कोई एप्लीकेशन आई
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बजट सत्र के दौरान सिरसा के हलोपा विधायक गोपाल कांडा नहीं आए और न ही उनकी ओर से कोई आवेदन आया, जबकि अनिल विज बीमारी के कारण नहीं आए। कुलदीप बिश्नोई ने भी दो से तीन दिन सदन अटेंड किया। गुप्ता ने कहा कि यदि कोई विधायक कमेटियों की मीटिंग 90 प्रतिशत से ज्यादा अटेंड करता है तो दस हजार रुपए कंपलशेषन अलाउंस मिलता है। अगर विधायक एक मीटिंग मिस भी करते हैं तो हाजिरी नहीं लगेगी। पहले टेलीफोन करके हाजिरी लगवा देते हैं, परंतु मैंने यह सिस्टम बंद करवा दिया। अगर किसी भी अधिकारी ने लगा दी तो उस पर कार्रवाई होगी।

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