हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन वीर सैनिकों सहित लता मंगेशकर और यूक्रेन में मारे गए नवीन को दी श्रद्धांजलि*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन वीर सैनिकों सहित लता मंगेशकर और यूक्रेन में मारे गए नवीन को दी श्रद्धांजलि*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 2 बजे शुरू हो गया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित विधायक पहुंच गए। बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई।
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में अपना अभिभाषण देते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद की संकीर्णता से ऊपर उठकर प्रदेश के सन्तुलित, सतत और समान विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले ज्ञात-अज्ञात शहीदों को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों की स्मृति में अंबाला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’ बना रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के इस अमृत महोत्सव वर्ष में केन्द्र सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व और गुरु गोबिंद सिंह जी के साहबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस 26 दिसम्बर को हर वर्ष ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इसी प्रकार, अमर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की पहल भी की गई है। राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए कई अभूतपूर्व निर्णयों से देशभर में भारत के गौरव और प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है। अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने से जहां करोड़ों देशवासियों की आस्था को मजबूती मिली है, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सुशासन अभियान के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए ई-गवर्नेंस का रास्ता अपनाया जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और प्रदेश के कमजोर, गरीब व आम आदमी को भी आज प्रगति के लाभ मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी विभाग अथवा क्षेत्र ऐसा नहीं बचा, जिसमें सुशासन की पहल न की गई हो। इस नई व्यवस्था में कोई भी नागरिक सरलता से अपना हक प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘सुशासन से सेवा’ के संकल्प के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन के अनुरूप ‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास’ और ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ के मूलमंत्र पर चलते हुए प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के ‘‘आदर्श समाज वह है जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे पर आधारित है’’, के सिद्घांत की पालना करते हुए क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर हर क्षेत्र व हर वर्ग का समान विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि आज पंचकूला से पलवल तक और सिरसा से फरीदाबाद तक बदलाव की इस सुखद बयार को महसूस किया जा सकता है। नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 में हरियाणा देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का जीवन-स्तर ऊपर उठाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की है। गांवों को ‘लाल डोरा मुक्त’ करने की हरियाणा की योजना को केन्द्र सरकार ने ‘स्वामित्व योजना’ के रूप में पूरे देश में लागू किया है। ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना का अध्ययन करने के लिए भी एक केन्द्रीय टीम ने प्रदेश का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि ‘‘शासन कम, सुशासन ज्यादा’’ को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा आदि हर क्षेत्र में ई-गवर्नेंस की नई-नई पहलें की हैं। ई-गवर्नेंस का यह अभियान अब परिवार पहचान पत्र तक पहुंच चुका है। इस एकमात्र दस्तावेज से लोगों को सभी सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ घर बैठे ही मिलेगा और उन्हें दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब जन्म-मृत्यु का डेटा भी ऑटो अपडेट हो जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार द्वारा दी जाने वाली पाई-पाई सही लाभार्थी तक पहुंचाने और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से, सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सब्सिडी और वित्तीय सहायता के लिए ‘डी.बी.टी.’ सुविधा शुरू की गई है। इसके अतिरिक्त, जनता के प्रति प्रशासन की जबाबदेही तय करने और समय पर सर्विस डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑटो अपील सॉफ्टवेयर’ (आस) शुरू किया गया है और इससे 570 सेवाओं को जोड़ा गया है। आवेदक को यदि निर्धारित समय में सेवा नहीं मिलती है तो उसकी अपील स्वत: ही उच्चाधिकारी को और फिर ‘सेवा का अधिकार आयोग‘ को भी चली जाती है। इसके अतिरिक्त, पारदर्शिता एवं स्थायित्त्व बढ़ाने के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी 43 विभागों के 214 कॉडर में लागू की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से ही हम कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं। इस वैश्विक महामारी ने प्रत्येक व्यक्ति को कहीं न कहीं प्रभावित किया है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि कर्मठ लोग अपने कत्र्तव्यों में कभी देरी नहीं करते। इसी बात का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार ने महामारी से बचाव, राहत व ईलाज के पर्याप्त प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और इसका पूरा तंत्र, विशेषकर चिकित्सकों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अन्य अग्रिम पंक्ति के कोविड योद्धाओं के अथक प्रयासों के फलस्वरूप हम इस महामारी पर नियंत्रण पाने में सफल रहे हैं। इस महामारी में प्रदेशवासियों के धैर्य, साहस और विश्वास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब हरियाणा विकास के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से अग्रसर है।
बंडारू दतात्रेय कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कृषि सुधार और किसानों के उत्थान के लिए अहम निर्णय लेते हुए किसानों की फसलों की ‘एम.एस.पी’ पर खरीद करने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान की समय पर भरपाई सुनिश्चित कर रही है। इस प्रकार राज्य सरकार ‘बीज से बाजार तक’ हर कदम पर किसान के साथ खड़ी है। देश की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आज यहां आरंभ हुए हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में राज्यपाल श्री बंडारू दतात्रेय अपना अभिभाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गत वर्ष के दौरान किसानों को उनकी फसलों का 27,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया है। प्राकृतिक आपदा से खराब फसलों के लिए मुआवजा राशि 12,000 रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की गई है। हाल ही में खरीफ-2021 में खराब हुई फसलों के लिए 561 करोड़ रुपये मुआवजा तथा प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत लगभग 700 करोड़ रुपये के क्लेम स्वीकृत किए गए हैं। एम.एस.पी. पर 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है। उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन सीजन 2021 से बाजरे के लिए भी भावांतर भरपाई योजना शुरू की गई। इस योजना का लाभ उन किसानों को भी मिला है, जिन्होंने मंडियों में अपना बाजरा नहीं बेचा। इतना ही नहीं, जिन किसानों ने अपने उपयोग के लिए बाजरा अपने पास रखा है, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिला है। इस योजना के तहत 2.40 लाख किसानों को बाजरे की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और औसत बाजार मूल्य के अंतर 600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 436 करोड़ रुपये की भावांतर राशि दी गई है।
राज्यपाल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल विविधिकरण और बागवानी को बढ़ावा देना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला राज्य है जिसने बागवानी फसलों को मौसम की मार से बचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ शुरू की है। इसके अतिरिक्त, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए भिवानी, नूंह और झज्जर में तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान बागवानी क्षेत्र में वर्टिकल फार्मिंग की एक अनूठी प्रौद्योगिकी लागू की गई और इस खेती में निवेश पर 65 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। मशरूम की खेती के लिए सामान्य किसानों को 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में फसल विविधिकरण और जल संरक्षण के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना में एग्रो फोरेस्ट्री को भी जोड़ा गया है। अब धान के स्थान पर प्रति एकड़ 400 पेड़ लगाने पर किसान को 3 वर्ष तक 10 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत, खरीफ-2020 में लगभग 96 हजार एकड़ क्षेत्र पंजीकृत और 63 हजार एकड़ क्षेत्र सत्यापित हुआ और खरीफ-2021 में लगभग 97 हजार एकड़ क्षेत्र पंजीकृत और 52 हजार एकड़ क्षेत्र सत्यापित हुआ। इसके फलस्वरूप, 74,000 से अधिक किसानों को लगभग 77 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके अलावा, ‘डायरेक्ट सीडेड राइस’ तकनीक अपनाने वाले किसानों को 5000 रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया गया।
पशुपालन,मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन ग्रामीणों की आय का एक प्रमुख साधन है। प्रदेश में पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ’पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ शुरू की है। ‘मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन योजना’ के तहत सहकारी दुग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में सीधे डालने के लिए दुग्ध संयंत्रों को 37 करोड़ 9 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है। इसीप्रकार, ‘हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति-2021’ के तहत वर्ष 2030 तक शहद के उत्पादन को 10 गुणा तक बढ़ाने का लक्ष्य है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने मधुमक्खी पालन विकास की नीति बनाई है जिसके तहत हनी ट्रेड सेंटर की स्थापना की गई है। यह सेंटर कुरूक्षेत्र के रामनगर में खोला गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2022-23 के दौरान 57550 एकड़ क्षेत्र को मत्स्य पालन के अंतर्गत लाने का लक्ष्य है, जिससे लगभग 2.30 लाख मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन होगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिला भिवानी के ग्राम गरवा में एकीकृत एक्वा पार्क और उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। प्रदेश में केजी से लेकर पीजी तक की शिक्षा एक ही परिसर में देने की अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में 138 नये सरकारी मॉडल संस्कृति वरिष्ठï माध्यमिक स्कूल खोले गये हैं। राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में 1418 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना भी की गई है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2023 तक समस्त पात्र विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का एनएएसी से आकलन एवं मूल्याकंन करवाने के लिए प्रतिबद्घ है। नूंह (मेवात) में एक मल्टीडिसीप्लीनरी राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों एवं बहुतकनीकी संस्थानों की सभी छात्राओं को उनके आवासीय क्षेत्र से संस्थान तक सुरक्षित एवं मुफ्त परिवहन सुविधा प्रदान की जाएगी। छात्रों को स्टार्टअप एवं उद्यमशीलता के लिए जागरूक करने और उन्हें एक सफल उद्यमी बनने में सहायता करने के लिए पांच जिलों के राजकीय महाविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर सफलतापूर्वक स्थापित किए गए हैं और इस वर्ष अन्य 17 जिलों में भी ऐसे सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि धन के अभाव में प्रतिभा दबी न रहे, इसलिए सरकारी स्कूलों के होनहार विद्यार्थियों को सरकारी खर्च पर कोचिंग देने के लिए ‘सुपर-100 कार्यक्रम’ चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सुदृढ़ करने हेतु बुनियाद नामक योजना शुरू की गई है जिसके तहत नौंवी एवं दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। विदेशों में शिक्षा तथा रोजगार के अवसर तलाश रहे विद्यार्थियों के नि:शुल्क पासपोर्ट बनाये जा रहे हैं। इसीप्रकार, जिला भिवानी के नंदगांव, फरीदाबाद के सिकरोना, करनाल के घरौंडा व इंद्री, सिरसा के जीवननगर, महेंद्रगढ़ के सतनाली व सेहलांग और कुरूक्षेत्र के बहलोलपुर में सत्र 2021-22 से 8 नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शुरू किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सैनिक स्कूल रेवाड़ी के भवन निर्माण के लिए 79.59 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। अंबाला छावनी में 5 एकड़ भूमि पर आर्यभट्ट विज्ञान केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर भारत का पहला मूक एवं बधिर बच्चों का संस्थान, महाज्ञानी ऋषि अष्टïवक्र राजकीय बहुतकनीकी, पंचकूला में स्थापित किया गया है। इस संस्थान में इन बच्चों को तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स करवाकर हुनरमंद बनाया जाएगा। राज्य के कुछ अन्य बहुतकनीकी संस्थानों में भी इसी तरह के डिप्लोमा कोर्स कुछ अन्य पाठ्यक्रमों के साथ जैसे पुस्तकालय विज्ञान, होटल प्रबंधन आदि में भी आरंभ किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 को क्रियान्वित करते हुए प्रौद्योगिकी शिक्षा को हिन्दी में प्रदान करने के लिए जगदीश चंद्र बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में दो स्नातक डिग्री प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 से हिन्दी भाषा में आरंभ किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, अगले सत्र से राज्य के बहुतकनीकी संस्थानों में भी कुछ पाठ्यक्रम हिन्दी में शुरू किए जाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि खेलों में हरियाणा के युवाओं की उपलब्धियों का जिक्र होते ही हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। हरियाणा के खिलाडिय़ों ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। टोक्यो ओलंपिक में कुल 6 व्यक्तिगत पदकों में से 3 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐथ्लैटिक्स के क्षेत्र में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर नीरज चोपड़ा ने देश व हरियाणा का नाम रोशन किया। इसके अतिरिक्त, पुरूष हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में हरियाणा के दो खिलाड़ी शामिल हैं। महिला हॉकी टीम में भी 9 खिलाड़ी हरियाणा प्रदेश से थी, जिन्होंने अपने दमखम और कौशल से सबका मन जीता है। पैरालिंपिक में भी देश को मिले 19 में से 6 पदक हमारे खिलाड़ियों ने जीतकर देश का मान बढ़ाया है। इन सब खिलाड़ियों को 52 करोड़ रुपये की राशि पुरस्कार के रूप में दी गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के प्रतिभावन खिलाड़ियों को वर्ष 2022 में देश के माननीय राष्ट्रपति ने दो पद्मश्री पुरस्कार, चार मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, 8 अर्जुन पुरस्कार, तीन द्रोणाचार्य पुरस्कार तथा एक मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जो अभी तक राज्य की सर्वाधिक उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष हरियाणा पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी कर रहा है। इसके अंतर्गत खेलों का विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है जो भविष्य में खिलाडिय़ों को उत्कृष्टï प्रशिक्षण प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार राशि देता है। राज्य सरकार ने अब तक 5,200 खिलाड़ियों के बैंक खातों में 156 करोड़ 70 लाख रुपये की राशि पुरस्कार के रूप में दी है। ओलम्पिक खेलों के लिए चुने गए खिलाडिय़ों को 5 लाख रुपए की राशि अग्रिम रूप में खुराक तथा प्रशिक्षण आदि हेतू देने का प्रावधान किया गया है। इससे 73 ओलंपिक क्वालीफाइड खिलाड़ी लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार नीति के तहत सरकार ने इस वर्ष 19 खिलाड़ियों को ग्रुप ए, तीन खिलाड़ियों को ग्रुप बी और 41 खिलाड़ियों को ग्रुप सी में सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में ’’एडवेंचर स्पोट्र्स’’ को भी बढ़ावा दे रही है। इसके लिए मोरनी क्षेत्र को ’’एडवेंचर स्पोट्र्स हब’’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। महान एथलीट सरदार मिल्खा सिंह के नाम पर मोरनी में एडवेंचर स्पोट्र्स क्लब स्थापित किया गया है जिसके तहत युवाओं को एडवेंचर स्पोट्र्स में रोजगार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में छोटे किसानों, ग्रामीण विकास, समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में सहकारिता आंदोलन के महत्व को देखते हुए इस क्षेत्र को मजबूती देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगभग 760 करोड़ रुपये की लागत से चरणबद्घ तरीके से विभिन्न सहकारी चीनी मिलों के विस्तारीकरण एवं आधुनिकीकरण के साथ-साथ सह-बिजली संयंत्र व एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए भी काम कर रही है। सहकारी चीनी मिलों की दैनिक पिराई क्षमता वर्ष 2013-14 में 27300 मीट्रिक टन थी। इसे बढ़ाकर 29650 मीट्रिक टन किया गया है। इसके परिणामस्वरूप लगभग 38 लाख क्विंटल अतिरिक्त गन्ने की पिराई हुई है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष करनाल में 3500 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण अंचल में रोजगार सृजित करने और उपभोक्ताओं को घरद्वार पर ब्रांडेड उत्पाद उपलब्ध करवाने के लिए 250 हर हित रिटेल आउटलेट खोले हैं। सभी जिला मुख्यालयों पर हैफेड बाजार के नाम से एक नई परियोजना भी शुरू की है जिसमें से तीन बाजार आउटलेट्स ने कार्य शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त, जिला स्तरीय सहकारी बैंकों ने खरीफ फसल सीजन 2021 के दौरान 6100 करोड़ रुपये के ऋण दिए हैं। रबी सीजन 2021-22 के दौरान 15 जनवरी, 2022 तक 3163.23 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध बहुमूल्य जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना सरकार की प्राथमिकता है ताकि न केवल वर्तमान आवश्यकताएं पूरी हों बल्कि हमारी आने वाली पीढिय़ों को भी पानी की कमी से जूझना न पड़े। इसके लिए राज्य सरकार जल संरक्षण पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तालाबों के सुधार के लिए हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण गठित किया गया है। इसने वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान प्रथम चरण में 1802 गांवों में वेटलैंड टेक्नॉलोजी के माध्यम से 4554 तालाबों के पुनर्वास, नवीनीकरण व पुनरोद्धार का कार्य शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाबार्ड सूक्ष्म सिंचाई कोष के तहत 32,000 हेक्टेयर भूमि को लाभान्वित करने के लिए नहर आधारित आउटलेट पर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। मेवात और गुरुग्राम क्षेत्र को पीने का पानी प्रदान करने के लिए गुडग़ांव जल आपूर्ति नहर से 50 किलोमीटर लम्बी पाईप-लाईन के माध्यम से 200 क्यूसेक की मेवात फीडर नहर का निर्माण 600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से करने का निर्णय लिया है। गुरुग्राम क्षेत्र और मेवात नहर फीडर की भविष्य में पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए गुडग़ांव जल सेवाएं चैनल की मौजूदा क्षमता 475 क्यूसेक तक बढ़ाने के लिए पुनर्वास का कार्य किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के गावों के जल संसाधनों की हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के माध्यम से मैपिंग करवाई है। इसी कड़ी में डार्क जोन में खेतों में एकत्रित हुए बारिश के पानी से भू-जल की पुन: भरपाई के लिए मेरा पानी मेरी विरासत के तहत 40 करोड़ रुपए की लागत वाले 1000 रिचार्ज कुुओं के निर्माण की योजना को मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त, सरस्वती में जल-प्रवाह के लिए आदिबद्री में सोम नदी पर बांध बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के साथ एमओयू भी किया गया है। इस बांध के बनने से 224 हेक्टेयर मीटर जल का संग्रहण होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रावी-ब्यास नदियों के पानी का अपना वैध हिस्सा प्राप्त करने और सतलुज-यमुना लिंक नहर को पूरा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में ठोस पैरवी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास और रोजगार-सृजन में उद्योगों के बड़े योगदान को देखते हुए राज्य सरकार ने उद्योग को गति प्रदान करने और राज्यभर में संतुलित विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने एमएसएमई की उन्नति के लिए विकास में तेजी लाने के लिए पद्मा योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई विभाग का गठन किया गया है। सभी जिलों में मिनी कलस्टर विकास कार्यक्रम के तहत उद्योगों के मिनी कलस्टर बनाए जा रहे हैं। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसके सभी जिलों में कलस्टर के रूप में उद्योग शुरू करने व हर जिले के एक उत्पाद को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है। राज्य मिनी कलस्टर विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 15 मिनी कलस्टर पूरे हो चुके हैं। प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर भी लघु व मध्यम उद्योगों के कलस्टर स्थापित करने की योजना है। राज्यपाल ने कहा कि इसीप्रकार, कृषि तथा बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना’ के तहत 59 ऋण आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। हरियाणा कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति-2018 के तहत मैगा फू ड पार्क तथा कृषि प्रसंस्करण उद्योग से जूड़ी 108.21 करोड़ रुपये की कुल छ: परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसीप्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों के लिए पूंजी सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी और डीजी सेट सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए ‘हरियाणा ग्राम उद्योग विकास योजना’ लागू की गई है। इसके अतिरिक्त, स्टार्ट-अप, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए ‘राज्य में स्टार्टअप के लिए सहायता योजना’ के तहत 10 लाख रुपए तक सीड सब्सिडी, 5 लाख रुपये तक लीज रेंटल सब्सिडी, 5 वर्ष के लिए 8 प्रतिशत तक ब्याज सब्सिडी और 7 वर्ष के लिए 100 प्रतिशत एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग आदि के ब्याज, पीनल ब्याज, वैट व जीएसटी विवादों, परिवहन करों, खनन बकायों और स्टाम्प ड्यूटी जैसे सरकारी बकायों व अन्य विवादों के निपटान के लिए विवादों का समाधान योजना शुरू की गई है। इसके अलावा, उद्योगों की लागत को कम करने के लिए औद्योगिक प्लाटों के लिए विशेष लीजिंग पॉलिसी बनाई गई है। प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक हब बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की कमी और बंदरगाहों से राज्य की दूरी के बावजूद निर्यात के मामले में राज्य का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। वर्ष 2020-21 के दौरान निर्यात बढक़र लगभग 1745.72 करोड़ रुपये का हो गया है। राज्यों के लाजिस्टिकस सुगमता सुचकांक में हरियाणा द्वितीय स्थान पर पहुंच गया है। महेंद्रगढ़ में 886 एकड़ क्षेत्र में एकीकृत मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब विकसित किया जा रहा है। इसकी लागत 5000 करोड़ रुपए होगी तथा इसे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। इसी परियोजना के तहत गुरुग्राम में ग्लोबल स्मार्ट सिटी और मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम जैसी प्रारंभिक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का कार्यान्वयन शुरू कर दिया गया है। राज्यपाल ने कहा कि जी.एस.टी. संग्रहण में भी हरियाणा की उपलब्धियां सराहनीय रही हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में 24,300 करोड़ रुपये के लक्ष्य के समक्ष जनवरी, 2022 तक ही 20,491 करोड़ रुपये का संग्रहण हो चुका है, जोकि गत वर्ष की तुलना में 24.77 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने जी.एस.टी. की चोरी व हेराफेरी को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। बिल के बिना और फर्जी बिलों पर माल और सेवाओं की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए ‘हरियाणा स्टेट जी.एस.टी. इंटेंलीजेंस यूनिट’ स्थापित की गई है। इस यूनिट द्वारा 549 मामले दर्ज किए गए और 213 करोड़ रुपये की राशि वसूली गई। खनन, लोहा और इस्पात, ऑन लाइन गेमिंग एवं तम्बाकू तथा पान मसाला आदि जैसी चोरी की संभावना वाले क्षेत्र, इस यूनिट की निरन्तर निगरानी में हैं। राज्यपाल ने कहा कि आमजन को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने पैट्रोल पर वैट की दर 25 प्रतिशत से घटाकर 18.2 प्रतिशत और डीजल पर वैट की दर 16.40 प्रतिशत से घटाकर 16 प्रतिशत की है। इसके अतिरिक्त, रीजनल कनैक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर वैट 21 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा है – ‘‘जब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होता तब तक दुनिया के कल्याण की कोई संभावना नहीं है। एक पक्षी के लिए एक पंख पर उडऩा संभव नहीं है।’’ इसी तथ्य को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार महिलाओं को सुरक्षित परिवेश मुहैया करवाने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से भी सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के आगामी चुनावा में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2014 में पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी केवल 5.5 प्रतिशत के करीब थी जो अब बढक़र 9 प्रतिशत के करीब हो गई है। इसके अतिरिक्त, सरकार का लक्ष्य महिला सुरक्षा को सुदृढ़ करने और उनके सशक्तिकरण के लिए पुलिस में महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी है।
राज्यपाल ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में 3884 स्वयं सहायता समूहों को 3.88 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध करवाया गया। महिलाओं के लिए व्यक्तिगत ऋ ण योजना के तहत सब्सिडी की दर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत की गई है। स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमशीलता कार्यक्रम में 1238 स्वयं सहायता समूह महिला उद्यमों का गठन किया गया है और उद्यम स्थापित करने के लिए 5.25 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है।
राज्यपाल ने कहा कि गरीबों और कमजोर वर्गों की मदद करना हर कल्याणकारी सरकार का संवैधानिक दायित्व और नैतिक कत्र्तव्य होता है। अपने इसी कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए सरकार ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय के ‘अन्त्योदय’ दर्शन’ का मन, कर्म और वचन से पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष को ‘अन्त्योदय उत्थान वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है। पंक्ति में खड़े अन्तिम व्यक्ति का जीवन-स्तर ऊपर उठाने के उद्देश्य से मेरी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की है। परिवार पहचान-पत्र पोर्टल पर लगभग 11 लाख ऐसे परिवारों की पहचान की गई है जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है। इन परिवारों की आय कम से कम 1.80 लाख रुपये सुनिश्चित करने के लिए इनके रोजगार व कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रथम चरण में 156 स्थानों पर 289 अंत्योदय मेले लगाकर मदद के लिए लगभग 37000 परिवारों की पहचान की गई है।
इसी प्रकार, ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’ के तहत 8.77 लाख बी.पी.एल परिवारों को 270.84 करोड़ रुपये की मदद दी जा चुकी है। इस योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत लगभग 2.84 लाख परिवारों को 3.55 करोड़ रुपये के प्रतिवर्ष प्रीमियम की प्रतिपूर्ति की गई है। इसके अतिरिक्त, गरीबों को ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य-आयुष्मान भारत योजना’ के तहत 5 लाख रुपये तक वार्षिक मुफ्त इलाज करवाने की सुविधा दी गई है। अब तक 3.30 लाख क्लेम के भुगतान के लिए लगभग 366 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इस योजना में निर्माण श्रमिकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, नम्बरदारों, चौकीदारों, द्वितीय विश्वयुद्ध तथा आजाद हिंद फौज के सैनिकों, हिन्दी आंदोलन के सत्याग्रहियों को भी शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, कोरोना महामारी के दौरान अपने परिजनों को खो चुके प्रत्येक मृतक के परिजन को 50,000 रुपये के एक्सग्रेशिया अनुदान तथा बी.पी.एल. परिवारों को सहारा देने के लिए दो लाख रुपये के एक्सग्रेशिया अनुदान और जीवन बीमा का प्रावधान भी किया है। महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास व सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रति बच्चा 2500 रुपये मासिक मदद दी जा रही है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक व शैक्षणिक उत्थान के लिए प्रयासरत है। गरीबों को उनकी बेटियों के विवाह के लिए ‘मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना’ में शगुन राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 71 हजार रुपये की गई है। इसीप्रकार, अनुसूचित जातियों और विमुक्त जनजातियों तथा टपरीवास जातियों के लोगों को मकानों की मरम्मत के लिए डॉ. बी.आर. अम्बेडकर आवास नवीकरण योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय अनुदान राशि 50,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये की गई है। अनुसूचित जाति के लोगों को अदालतों में अपने मामलों की पैरवी के लिए कानूनी सहायता स्कीम के तहत दी जाने वाली राशि 11,000 रुपये से बढ़ाकर 22,000 रुपये की गई।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और निम्न आय वर्ग के सभी लोगों के सिर पर छत मुहैया कराने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस दिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी एवं ग्रामीण के तहत अब तक 44,083 लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए लगभग 574 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, आवास बोर्ड द्वारा भी इस वित्त वर्ष में 467 मकानों के निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है। राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान विभिन्न कल्याण योजनाओं के तहत 2 लाख 25 हजार 346 श्रमिकों को 154 करोड़ रुपये के लाभ प्रदान किए गए हैं। औद्योगिक नगरी, मानेसर में श्रमिकों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 500 बिस्तर क्षमता का ईएसआई अस्पताल बनाया जा रहा है। आईएमटी रोहतक और आईएमटी करनाल में 5 नए ईएसआई औषधालयों को मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश की 87 शहरी स्थानीय निकायों में स्ट्रीट वेंड्र्स की पहचान का सर्वेक्षण किया गया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 23,709 स्ट्रीट वेंड्र्स को ऋण वितरित किए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए सरकार ने वीरगति को प्राप्त सैनिकों व अद्र्ध-सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेशिया ग्रांट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की है। इसके अतिरिक्त, युद्ध/आतंकवाद तथा अन्य घटना के दौरान घायल हुए सैनिकों की अनुग्रह अनुदान राशि निशक्तता के आधार पर 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 35 लाख रुपये, 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये और 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गत वर्ष 2014 से अब तक शहीदों के 348 आश्रितों को नौकरी प्रदान की गई है ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए भी समुचित प्रबंध किये गए जिसमें स्वास्थ्य विभाग पूर्णत: सफल रहा। ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए राज्य में 91 पीएसए प्लाट स्थापित किए गए जिनमें से 86 कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 43 प्लांट पीएम केयर तथा 48 प्लांट सीएसआर के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को बेहतर स्तर की चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने के लिए प्रतिबद्घ है। इसके अलावा, हर जिले में 200 बैड का अस्पताल खोला जा रहा है। जिला फरीदाबाद के छायंसा में अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय मेडिकल कॉलेज शुरू किया जा चुका है। महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकी राम शर्मा के नाम से जिला भिवानी में, जींद के हैबतपुर गांव और महेन्द्रगढ़ के कोरियावास में राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहे हैं। इसके अलावा, जिला कैथल, सिरसा और यमुनानगर में राजकीय मेडिकल कॉलेज तथा कुरूक्षेत्र, कैथल, फरीदाबाद, रेवाड़ी तथा पंचकूला में नर्सिंग कालेज स्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हसन खां मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ में डेंटल कॉलेज स्थापित हो रहा है।
राज्यपाल ने अपने 34 पेज के अभिभाषण में 112 बिंदुओं को पढ़ा,,,,,,,,, अभिभाषण के बाद राष्ट्रगान से इसका समापन किया गया। पूरे सदन ने राज्यपाल के अभिभाषण की सराहना की। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित की। इसके बाद सीएम ने शोक प्रस्ताव पढ़े। सीएम ने हरियाणा के शहीद वीर सैनिकों के नाम लेकर शोक प्रस्ताव पढ़ा। इन वीरों की शहादत पर उन्हें नमन किया। इस दौरान लता मंगेशकर को भी श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही विधायकों के मृत परिजनों और यूक्रेन में मारे गए नवीन को भी श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।