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हरियाणा महानिदेशक हायर एजुकेशन ने राजस्थान की पांच यूनिवर्सिटीज से PHD की डिग्री लेने वाले लेक्चरर की जांच के दिये आदेश!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा महानिदेशक हायर एजुकेशन ने राजस्थान की पांच यूनिवर्सिटीज से PHD की डिग्री लेने वाले लेक्चरर की जांच के दिये आदेश!*
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अंबाला ;- जब से प्राइवेट विश्विद्यालय शुरू हुए तब से नकली डिग्रीयों का चलन कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। ऐसा नहीं है कि सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटी गलत है परन्तु बहुत सी यूनिवर्सिटीज नकली डिग्री का व्यापार जरूर कर रही है। इसी को देखते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने नकली डिग्री न हो इसलिए जांच के आदेश जारी किए हैं। क्योंकि इससे पहले कई कर्मचारी नकली डिग्री के सहारे फायदा उठा चुके हैं।जो बाद में पकड़े गए।हरियाणा के सभी राजकीय और राजकीय सहायता प्राप्त कालेजों में कार्यरत सरकारी और एक्सटेंशन लेक्चरर जिन्होंने वर्ष 2009 के बाद पीएचडी की है उनकी डिग्री की जांच के आदेश डायरेक्टर जनरल हायर एजुकेशन पंचकूला ने करने के आदेश जारी कर दिए हैं। जांच का जिम्मा सभी कालेजों के प्रिंसिपल को सौंपा गया है। राजस्थान की पांच प्राइवेट यूनिवर्सिटी का जिक्र विशेषतौर पर करते हुए अन्य प्राइवेट यूनिवर्सिटी से भी डिग्री लेने वाले सभी शिक्षकों की डिग्री की जांच के आदेश दिए गए हैं। इतना ही नहीं जांच में क्या-क्या किया जाना है इसकी सूची भी निदेशालय ने पत्र जारी कर प्रिंसिपल को भेजी है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि इस जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाए और संबंधित यूनिवर्सिटी से रिकार्ड एकत्रित कर रिपोर्ट निदेशालय को भेजी जाए। जांच के आदेश जारी होने से सभी कालेजों में कार्यरत लेक्चरर व प्रोफेसर की सांसें अटक गई हैं। करीब डेढ़ साल पहले भी विभाग ने सभी एक्सटेंशन और सरकारी लेक्चरर और प्रो. की पीएचडी के दस्तावेज मांगे थे लेकिन जांच नहीं करवाई गई थी न ही जांच का कोई दायरा तय नहीं किया गया था। फर्जी पीएचडी डिग्री पाए जाने पर एक्सटेंशन लेक्चरर का वेतन घटाए जाने से लेकर हटाने का भी प्रावधान है जबकि नियमित लेक्चरर या प्रोफेसर की पदोन्नति पर रोक लगनी तय है।

इन पांच यूनिवर्सिटी का किया गया जिक्र

*ओपीजेएस यूनिवर्सिटी चुरू, सिंघानिया विश्वविद्यालय झुंझुनू,
श्रीधर विश्वविद्यालय झुंझुनू , सनराइज विश्वविद्यालय अलवर , जगदीश प्रसाद जाभरमल इबड़ेवाला विश्वविद्यालय झुंझुनू *

इनके अलावा अन्य प्राइवेट यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वालों की भी जांच की बात कही गई है। इन विश्वविद्यालयों के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों से पीचीडी की डिग्री धारकों की रजिस्ट्रेशन की तारीख और फीस की रसीदें। कोर्स वर्क का समय, तारीख सहित, विभागीय कमेटी द्वारा सिनाप्सिस (सार) अप्रूवल की तारीख, शोध पत्रों का प्रकाशन, पीएचडी करने के दौरान प्रकाशित शोधपत्रों का विवरण वह किस जरनल में है उसका ब्यौरा, पीएचडी के दौरान उसकी पोस्टिंग कहां-कहां रही। शोधकर्ता के गाइड का विषय क्या था और उसकी पोस्टिंग कहां-कहां रही। दो विषय विशेषज्ञ के मूल्यांकन की रिपोर्ट, वाइवा की रिपोर्ट, वाइवा तारीख और पीएचडी नोटिफिकेशन की तारीख और उसकी प्रति मांगी गई है।
निदेशालय ने यह भी आदेश दिए हैं कि जो रिपोर्ट भेजी जाए और संबंधित दस्तावेज संबंधित यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार द्वारा सत्यापित होने चाहिए या उस व्यक्ति द्वारा जिसे संबंधित यूनिवर्सिटी के वीसी ने नियुक्त किया हो। साथ ही यह भी कहा है कि यदि इस प्रक्रिया में कोई खामी पाई जाती है या वेरिफिकेशन और रिपोर्ट भेजने में कोई खामी पाई गई तो विभाग संबंधित कालेज के प्रिंसिपल को इसका जिम्मेदार मानेगा।

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