चंडीगढ नगरनिगम चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से आप पार्टी का बन सकता है मेयर? भीतरघात से सभी राजनीतिक दल भयभीत!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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चंडीगढ नगरनिगम चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से आप पार्टी का बन सकता है मेयर? भीतरघात से सभी राजनीतिक दल भयभीत!*
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चंडीगढ ;- हिंदुस्तान की राजनीति में भितरघात जैसे शब्द ने हमेशा राजनेताओं को परेशान करके रखा है।नेता लोगो ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए दलबदल करने को अपनी शान समझना शुरू कर दिया है।अभी हाल ही में हुए चंडीगढ नगरनिगम चुनाव में कांग्रेस सिम्बल पर जीती बबला ने निजीहित की खातिर भाजपा की अंक संखया बढ़ाने के लिए भाजपा का दामन थाम लिया। अब भाजपा औऱ आप पार्टी की पार्षद संख्या बराबर मानी जा रही है।फिर भी भाजपा को भय सता रहा है कि कांग्रेस के समर्थन से आप पार्टी का मेयर बन सकता है! चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर का चुनाव 8 जनवरी को सुबह 11 बजे सदन में होगा। चुनाव में भाजपा को भी क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है। इसके चलते बुधवार अल सुबह तीन बजे सभी 13 पार्षद शिमला पहुंच गए। जबकि आम आदमी पार्टी के 14 पार्षद वापस चंडीगढ़ आ गए। कांग्रेस के 7 पार्षद जयपुर में ही हैं। चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा में कड़ा मुकाबला है। सांसद के वोट से और हरप्रीत कौर बबला के भाजपा में जाने से दोनों के पास बराबर पार्षद हैं। आम आदमी पार्टी ने मेयर पद के लिए अंजू कत्याल, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए प्रेम लता और डिप्टी मेयर के लिए रामंचद्र यादव का नाम घोषित किया है। जबकि भाजपा की ओर से मेयर के लिए सर्वजीत कौर, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए दलीप शर्मा, डिप्टी मेयर पद पर अनूप गुप्ता ने नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया। कांग्रेस ने पहली बार किसी भी पद पर कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया। कांग्रेसी पार्षद भाजपा के मेयर और अन्य उम्मीदवारों को हराने के लिए आप उम्मीदवारों का समर्थन कर सकती है, ताकि भाजपा को मेयर की कुर्सी से दूर रखा जा सके।
मेयर चुनने के लिए 35 में से 18 पार्षदों का बहुमत जरूरी है। सांसद को भी वोट करने का अधिकार है। आम आदमी पार्टी ने सोमवार को 14 पार्षदों को दिल्ली बुला लिया। वहीं कांग्रेस भी अपने 8 पार्षदों को लेकर जयपुर चली गई। चुनाव में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।
कांग्रेसी पार्षद हरप्रीत कौर बबला के भाजपा में शामिल होने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को अपने बाकी पार्षदों के दल बदलने का भय सताने लगा है। इसके मद्देनजर पार्टियां अपने पार्षदों को दिल्ली और जयपुर ले गईं। चंडीगढ़ नगर निगम में आप के 14, भाजपा के 12 और कांग्रेस के 8 पार्षद थे। एक अकाली दल का पार्षद जीता था। कांग्रेसी की एक पार्षद हरप्रीत कौर बबला भाजपा में शामिल हो गई थी। ऐसे में अब कांग्रेस के पास 7 पार्षद रह गए।