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केंद्र और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा, अन्नदाता कृषि कानूनों पर अस्थायी रोक के प्रस्ताव पर कल लेंगे फैसला*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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केंद्र और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा, अन्नदाता कृषि कानूनों पर अस्थायी रोक के प्रस्ताव पर कल लेंगे फैसला*
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नई दिल्ली :- केंद्र सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। इस बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकला है। अब अगले दौर की बातचीत 22 जनवरी को होगी। केंद्र सरकार ने दो साल तक कृषि कानून को निलंबित रखने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों संगठनों ने इसे नामंजूर कर दिया। सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो। साथ ही सरकार की ओर से ये भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा।कानून निलंबन के अलावा सरकार ने कमेठी बनाने का प्रस्ताव दिया है। कृषि मंत्री ने किसान संगठनों से कहा, ‘एक कमेठी का गठन किया जाए, जिसमें किसान और सरकार के प्रतिनिधि हों। कमेठी कानूनों पर क्लॉज वाइज चर्चा करे। सुप्रीम कोर्ट ने 2 महीने के लिए कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है, अगर जरूरत पड़ती है तो सरकार उनके कार्यान्वयन के लिए एक साल तक इंतजार कर सकती है।’ कृषि मंत्री ने किसान संगठनों से कहा कि सरकार किसानों के मन में किसी भी तरह की शंका को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देने को तैयार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि श्री गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर दोनों पक्षों को बैठक समाप्त होने से पहले आम सहमति तक पहुंचना चाहिए। वार्ता के बाद एक किसान नेता ने कहा, ‘सरकार ने कहा है कि वह दो साल के लिए कानूनों को निलंबित करने के लिए तैयार है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि उन्होंने हमें कानूनों के कार्यान्वयन को निलंबित करने के बारे में बताया। हमने उनसे कहा कि वे कानून को निरस्त करें। कल हम मिलेंगे। यह पहली बार है कि सरकार बैकफुट पर है। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, ‘सरकार ने कहा कि वह दो साल के लिए कानूनों के कार्यान्वयन को लागू नहीं करने के लिए अदालत में एक हलफनामा दायर करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा है कि एमएसपी और कानूनों पर एक समिति बनाई जाएगी और वे समिति की सिफारिशों को लागू करेंगे। केंद्र के प्रस्ताव पर कल फैसला लेंगे किसान
वहीं, सरकार के प्रस्ताव को लेकर किसान नेताओं की आपस में चल रही बैठक समाप्त हो गई है। किसान नेताओं ने तय किया कि वे गुरुवार को अन्य किसानों से बातचीत करने के बाद फैसला लेंगे। हालांकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि तीनों कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा। वहीं किसान इससे कम में तैयार नहीं हो रहे हैं। सरकार कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है, लेकिन कानूनों को निरस्त करने की कोई गुंजाइश नहीं है।

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