Monday, December 23, 2024
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चंडीगढ मेयर पद के लिए रविकांत शर्मा को मेयर, महेश इंदर सिद्धू को सीनियर डिप्टी मेयर व फर्मिला को डिप्टी मेयर पद के लिए प्रत्याशी किया घोषित*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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चंडीगढ मेयर पद के लिए रविकांत शर्मा को मेयर, महेश इंदर सिद्धू को सीनियर डिप्टी मेयर व फर्मिला को डिप्टी मेयर पद के लिए प्रत्याशी किया घोषित*
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चंडीगढ ;- भाजपा आलाकमान जहां पहले चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव 2021 में प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद को मेयर प्रत्याशी बनाने का मन बना रही थी वहीँ भाजपा ने अब सभी स्थानीय नेताओं की सिफारिश को दरकिनार करते हुए रविकांत शर्मा को मेयर, महेश इंदर सिद्धू को सीनियर डिप्टी मेयर व फर्मिला को डिप्टी मेयर पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है| अब देखना है कि चुनाव में भाजपा बागियों को किस कदर शांत कर पाती है|

बतादें कि, पंचकूला के बाद चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर यानी शहर के प्रथम नागरिक को लेकर सभी की नज़रें टिकी हुई हैं कि कौन होगा, लेकिन यहाँ पर पंचकूला की तरह सीधे चुनाव नहीं होते, पार्षद ही अपना महापौर चुनते हैं जिससे कोई खतरा नहीं लगता क्यों की नगर निगम में भाजपा के पास पहले बहुमत है उनके पास 20 अपने पार्षद हैं जबकि एक मत सांसद का भी है इसलिए भाजपा का प्रत्याशी ही प्रथम नागिरक होगा इसमें कोई संदेह नहीं, वैसे महापौर के चुनाव 8 जनवरी को होंगे जिसमें औपचारिक घोषणा की जाएगी| दूसरी तरफ कांग्रेस के पास मात्र 5 पार्षद हैं व् एक अकाली पार्षद है जो कि पहले भाजपा गठबंधन के साथ होते थे लेकिन अलग होने के बाद वह किसकी तरफ रुख करेंगे बड़ा सवाल है दर्शकों को यहाँ यह बताना आवश्यक है अभी तक भाजपा में गुटबाज़ी के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा| वर्ष 2017 कि बात करें, जब वित्त एवं अनुबंध समिति के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करके हीरा नेगी को हरा दिया गया था इससे पूर्व 2015 में भी जब हीरा नेगी को महापौर के लिए खड़ा किया गया था उस समय भाजपा चाहती तो हीरा नेगी जीत सकती थी लेकिन पार्टी में गुटबाज़ी के कारण कांग्रेस की पूनम शर्मा बाजी मार गयी थी व् वर्ष 2019 में जब राजेश कालिया को महापौर का प्रत्याशी घोषित किया गया था तब सतीश कैथने बगावत करते हुए नामांकन दाखिल कर लिया था जिस कारण कांग्रेस प्रत्याशी शीला फूल सिंह को अपना नाम वापिस लेना पद गया था उस समय जमकर क्रॉस वोटिंग हुई थी कैंथ को 11 और राजेश कालिया को 15 वोट हासिल हो पाए थे, 2018 में द्वेष मोदगिल के खिलाफ आशा जैस्वाल ने बगावत की थी, अब देखना है 8 जनवरी को भाजपा में गुटबाज़ी के कारण क्रॉस वोटिंग होती है या नहीं पिछली बार भी महापौर के पद पर 2 क्रॉस वोटिंग होने के समाचार आये थे इससे पूर्व नगर निगम में मनोनीत पार्षदों की अहमियत होती थी लेकिन जब से हाई कोर्ट ने मनोनीत पार्षदों की वोटिंग का अधिकार छीना है तब से उनकी अहमियत कम हो गयी है

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