सरकार कॉरपोरेट घरानों के दबाव में किसानों पर थोप रही है यह कानून, किसान को अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने के लिए होना पड़ेगा मजबूर ;- किरण चौधरी*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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सरकार कॉरपोरेट घरानों के दबाव में किसानों पर थोप रही है यह कानून, किसान को अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने के लिए होना पड़ेगा मजबूर ;- किरण चौधरी*
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भिवानी :-पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए तीन कृषि बिलों से न केवल देश का किसान प्रभावित होगा, बल्कि ये बिल गरीब और आम आदमी को भी भूखमरी के कगार पर ला देंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बड़े कॉरपोरेट घरानों के दबाव में ये कानून किसानों और आम जनता पर थोंप रही है. उन्होंने कहा कि देश का किसान और जनता केंद्र सरकार के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे.
‘सरकार किसानों को तबाह करने पर तुली है’
उन्होंने कहा कि पहले ही देश में महंगाई ने गरीब व मध्यमवर्ग की कमर तोड़ दी है और अब नए कृषि कानूनों के माध्यम से सरकार गरीबों व आम आदमी को तबाह करने पर तूली है. किरण चौधरी ने कहा कि ये कानून लागू होने के बाद किसान को जितना नुकसान होगा उससे ज्यादा आम आदमी को होगा.
‘देश को जमाखोरी का सामना करना पड़ेगा’
किरण चौधरी ने कहा कि जहां किसान को अपने उत्पादन औने-पौने दामों पर बेचने पर मजबूर होना पड़ेगा. वहीं देश की 99 प्रतिशत आबादी को जमाखोरी का सामना करना पड़ेगा. किसानों का उत्पादन सस्ते में खरीदने वाले जमाखोर घराने उसी उत्पाद को बाजार में दो गुणा ज्यादा कीमतों पर बेचेंगे.’ये कानून तबाही बनकर बरपेंगे’ उन्होंने कहा कि महज कानून लोकसभा में पारित होते ही देश में खाने पीने की चीजों आलू, प्याज, तेल, दालों आदि के दाम आसमान पर हैं. जब ये कानून पूरी तरह से अस्तित्व में आऐंगे तो महंगाई तबाही बनकर बरपेगी. उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन केवल उनका आंदोलन नहीं है बल्कि किसान देश के गरीबों, मजदूरों, आम आदमी व छोटे व्यापारी की आवाज बनकर उभरे हैं. ऐसे में समाज के सभी वर्गों का फर्ज बनता है कि वे इस लड़ाई में किसानों को समर्थन दें।अन्यथा जमाखोरों व पूंजीपतियों को बढ़ावा देने वाली सरकार आम आदमी का जीवन दूभर कर देगी।