1 माह की बच्ची की जान बचाने के लिए एंबुलेंस के ड्राइवर ने 7 घंटे में तय की 500 कि.मी की दूरी
नई दिल्लीः केरल में एक माह की बच्ची की जान बचाने के लिए टैक्सी ड्राइवर ने 500 किलोमीटर की दूरी मात्र 7 घंटे में तय कर दी. यह रास्ता केरल के कन्नूर और तिरुअनंतपुरम के बीच का था और आमतौर पर इसे तय करने में 13 घंटे लगते है. क्योंकि मामला बच्ची की जान बचाने का था तो इस काम में टैक्सी ड्राइवर के साथ-साथ कई सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस का भी अहम योगदान रहा. पूरे रास्ते पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रास्ता साफ करवाने का काम किया और सही समय पर बच्ची को अस्पताल पहुंचाया जा सका.
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दरअसल केरल के कुन्नूर में 31 माह की बच्ची फातिमा दिल की बीमारी से ग्रस्त थी, बच्ची इलाज कुन्नूर के परियाराम मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. लेकिन बच्ची को हार्ट सर्जरी के लिए तिरुअनंतपुरम के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टिट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी रेफ किया गया था. कुन्नूर से तिरुअनंतपुरम का रास्ता 500 किलोमीटर का है और इसे तय करने में करीब 13 घंटे का समय लगता है. लेकिन डॉक्टरों ने कहा था कि बच्ची को किसी भी हालत में 8-9 घंटे में अस्पताल पहुंचना ही होगा. अब सारा कुछ एंबुलेंस ड्राइवर पर था, ड्राइवर तमीम को पहले तो यह काम असंभव लगा लेकिन फिर उसे डॉक्टरों ने बताया कि इस काम में उसे रास्ता साफ करवाने में पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता भी मदद करेंगे, तो ड्राइवर तमीम की हिम्मत बढ़ गई और उसने इस चुनौती को स्वीकार किया.
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बुधवार 15 नवंबर की रात 8.30 बजे तमीम एंबुलेंस में बच्ची को लेकर कुन्नूर से चले. पूरे रास्ते पर ग्रीन कॉरिडॉर बनाया गया. इस दौरान पूरे रास्ते में आने वाले हर जिले में सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस के जवान रास्ता साफ करवाते मिलते. पूरे रास्ते के दौरान एंबुलेंस कहीं नहीं रुकी. तमीम ने बताया कि हम लोग सिर्फ कोझीकोड में ईंधन भरवाने के लिए रुके थे. तमीम ने मीडिया को बताया कि यह उनके लिए जीवन की सबसे चुनौतीपूर्ण ड्राइविंग थी. सुबह करीब 3.23 मिनट पर हम तिरुअनंतपुरम पहुंच गए.