हिचकोले खाती नजर आ रही है हरियाणा की मनोहर खट्टर + दुष्यंत चौटाला की सरकार!
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हिचकोले खाती नजर आ रही है हरियाणा की मनोहर खट्टर + दुष्यंत चौटाला की सरकार!
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चंडीगढ ;- हरियाणा की मनोहर लाल दुष्यंत चौटाला सरकार जिस तरह हिचकोले खाते हुए नजर आ रही है ऐसे शायद पहले देखने को कभी नहीं मिला है।किसान आंदोलन के चलते आजाद विधायकों एवं जेजेपी दुष्यंत चौटाला के सहयोग से चल रही है हरियाणा की मनोहर खट्टर सरकार मानो बीच मझधार में डोलती हुई सी नजर आ रही है! इसका कारण साफ है हरियाणा एक कृषि प्रधान प्रदेश है तथा किसान अपनी मांगों को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन कर रहा है। जिसको लेकर किसान पृष्ठभूमि से जुड़े हुए अनेक विधायक उनके समर्थन में आ खड़े हुए हैं। जिन आजाद विधायकों के समर्थन से खट्टर सरकार चल रही थी वहीं आजाद विधायक वर्तमान में समर्थन वापस लेते हुए दिखाई दे रहे हैं! दो आजाद विधायकों ने पहले से ही खट्टर सरकार को दिया हुआ समर्थन वापस ले लिया है। बाकी विधायक भी खट्टर सरकार से समर्थन वापिस लेने पर विचार कर रहे हैं! कुछ दिन पहले सभी आजाद विधायकों व जेजेपी के एक विधायक ने एक आजाद विधायक के घर में मीटिंग करके खट्टर सरकार के होश उड़ा दिए है! हालांकि अभी ऐसा कहा जा रहा है कि इन सभी विधायकों ने मनोहर लाल खट्टर को किसानों की समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए कहा है। परंतु सत्य इसके कुछ विपरीत दिखाई देता है। सच यह की किसानों को समर्थन सहयोग व उनके संपर्क में सभी विधायक किसी भी समय खट्टर सरकार से अपना समर्थन वापस ले सकते हैं? इतना ही नहीं आजाद व जेजेपी विधायक दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर को एहसास करवा चुके हैं यदि किसी भी तरह से हरियाणा का किसान परेशान होता है तो हम हरियाणा के किसान के साथ खड़े हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यदि जेजेपी के विधायकों ने भी आजाद विधायकों का समर्थन करते हुए कुछ नया करने का सोचा तो हरियाणा की हिचकोले खाती हुई खट्टर सरकार कभी भी डूबती हुई दिखाई दे सकती है। इसलिए खट्टर दुष्यंत सरकार को चाहिए किसी भी तरह से किसानों की मनो मुनव्वर करके इस आंदोलन को खत्म करवाएं। भाजपा नेताओं को चाहिए कि खट्टर सरकार से दूर होते हुए आजाद विधायकों का पुनः विश्वास जीतकर उन्हें करीब लाने का प्रयास करें। तभी हरियाणा की हिलती- जुलती खट्टर सरकार स्थाई स्थिति में आ सकती है? खट्टर सरकार बार बार मंत्रिमंडल विस्तार का लालच देकर कूदने वाले विधायकों को आखिर कब तक रोक सकती है। यह सोचने वाला विषय है।