पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार करके थाने में ही जमानत पर छोड़ने की हुई कठोर आलोचना!
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार करके थाने में ही जमानत पर छोड़ने की हुई कठोर आलोचना!
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगड़ ;- 14 मई 2019 स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने रोहतक में भाजपा सरकार मंत्री मनीष ग्रोवर को बूथ कैप्चरिंग आरोप में चुनाव आयोग द्वारा हाऊस अरेस्ट के आदेश के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने व हथियारों के साथ पकड़े उनके गैंगस्टर साथियों को बिना कोर्ट में पेश किये थाने में ही जमानत देने व एसआइटी-फरीदाबाद में चुनाव आयोग द्वारा बूथ कैप्चरिंग आरोप में दोबारा मतदान करवाने का आदेश देने के बाद भी बूथ कैप्चरिंग आरोपी भाजपा पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार करके थाने में ही जमानत पर छोड़ देने की कठोर आलोचना की।
विद्रोही ने आरोप लगाया कि रोहतक व असावटी-फरीदाबाद बूथ कैप्चरिंग की घटना जीवंत प्रमाण है कि चुनाव आयोग व भाजपा की आपसी मिलीभगत है जिसके कारण स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव होने में रोड़ा अटकाने वाले भाजपाईयो के खिलाफ कानून अनुसार कार्रवाई करने की बजाय सत्ता बल पर उन्हे बचाया जा रहा है। भाजपा सरकार व चुनाव आयोग का यह रवैया घोर निदंनीय व भेदभावपूर्ण है। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार किसी मंत्री को मतदान के दिन बूथ कैप्चरिंग आरोप में हाऊस अरेस्ट रखा गया और फिर भी ऐसे मंत्री के खिलाफ चुनाव आयोग ने एफआईआर दर्ज क्यों नही करवाई? वहीं मनीष ग्रोवर के साथ बूथ कैप्चरिंग में लिप्त गैंगस्टर रमेश लोहार हथियारों के साथ पकड़े जाने के बाद भी बिना कोर्ट में पेश किये पुलिस ने जमातन कैसे दे दी? चुनाव के दिन मनीष ग्रोवर गैंगस्टर साथी के अवैध हथियार कहां से आये? विद्रोही ने सवाल किया कि जब असावटी -फरीदाबाद में चुनाव आयोग ने बूथ कैप्चरिंग के चलते दोबारा से मतदान करने के आदेश दिये तो बूथ कैप्चरिंग करने वाले भाजपा पोलिंग एजेंट को थाने से हीे कैसे छोड़ दिया? क्या हरियाणा में जंगलराज हैे या फिर भाजपाईयों के लिए अलग से कानून है? विद्रोही ने कहा कि पुलिस प्रशासन के बल पर सत्ता दुरूपयोग से बूथ कैप्चरिंग करने वाले भाजपा मंत्री, उसके गैंगस्टर साथी व भाजपा पोलिंग एजेट पर कानून अनुसार कार्रवाई न करना अपने आप में प्रमाण है कि चुनाव आयोग भजपा का फ्रंटल संगठन बन गया है।