Friday, October 10, 2025
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असमंजस में नायब सरकार!/.संकट में हरियाणा की अफसरशाही / क्या एक साथ बड़े-बड़े अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्यवाही!/ हरियाणा में पहली बार डीजीपी तथा पूर्व DGP सहित 13 लोगों पर FIR दर्ज!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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असमंजस में नायब सरकार!/.संकट में हरियाणा की अफसरशाही / क्या एक साथ बड़े-बड़े अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्यवाही!/ हरियाणा में पहली बार डीजीपी तथा पूर्व DGP सहित 13 लोगों पर FIR दर्ज!*
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चंडीगढ़ :- दिवंगत आईजी वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट के आधार पर चंडीगढ़ की सेक्टर-11 पुलिस ने रात को एफआईआर दर्ज कर ली है। शायद यह पहली बार है कि एक साथ लगभग दर्जन भर प्रशासनिक एवं पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों पर fir दर्ज हुई हो। वर्तमान डीजीपी तथा पूर्व dgp क्रमशः शत्रुजीत कपूर, पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल, पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा, एडीजीपी संदीप खिरवार, एडीजीपी अमिताभ विल्लो, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर संजय कुमार, एडीजीपी माटा रवि किरन, पंचकूला पुलिस आयुक्त सिवास कविराज, अम्बाला रेंज के आईजी पंकज नैन, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया, आईपीएस कला रामचंद्रन समेत 13 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। वहीं, सुसाइड नोट के आधार पर सीएस अनुराग रस्तोगी, आईपीएस कुलविंद्र सिंह के नाम का भी जिक्र है। पुलिस ने अरोपियों पर बीएनएस की धारा 108 व धारा 3(5) के अलावा एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(1) (आर) व पीओए एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया हैं। इस संबंध में रात करीब 10:45 बजे महज 2 लाइन का प्रेस नोट जारी किया गया। ऐसा सुनने में आया है कि मामला केंद्र सरकार के पीएमओ व केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंच गया था। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बीते कल हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी, मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सीआईडी आईजी सौरभ सिंह आईएएस अमनीत पी. कुमार से मिलने चंडीगढ़ के सेक्टर-24 स्थित कोठी पर पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने दिवंगत की पत्नी IAS अमनीत पी कुमार को सांत्वना दी। सीनियर आईएएस अमनीत पो. कुमार ने मौके पर सीएम को 2 पेज का ज्ञापन दिया। अब सवाल यह उठता है कि क्या नायब सरकार एक साथ IAS तथा IPS जैसे इतने बड़े बड़े अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगी। जब इस विषय पर कुछ बुद्धिजीवियों के साथ बात की तो उनका कहना है कि इस मामले को लेकर नायब सरकार असमंजस में दिख रही है या यह कह सकते हैं की विशेषज्ञ से कानूनी राय ले रही है। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नही होगी कि वाई पुर्ण कुमार सूइसाइड केस के कारण हरियाणा की अफसरशाही संकट में आ गयी हैं।!*

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