राजस्थान सरकार ने कवि कुमार विश्वास की पत्नी RPSC मेंबर मंजू शर्मा का इस्तीफा किया मंजूर!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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राजस्थान सरकार ने कवि कुमार विश्वास की पत्नी RPSC मेंबर मंजू शर्मा का इस्तीफा किया मंजूर!*
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गत दिवस राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की सदस्य डॉ. मंजू शर्मा का इस्तीफा आखिरकार मंजूर कर लिया गया है। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने सोमवार को उनका इस्तीफा स्वीकार किया। राजभवन ने इस फैसले की आधिकारिक पुष्टि करते हुए बयान भी जारी किया। बता दें कि एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक प्रकरण में हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद मंजू शर्मा ने पद छोड़ने का निर्णय लिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा 15 दिन पहले राज्यपाल को भेजा था, जिसे अब मंजूरी दी गई है।
इस इस्तीफे के साथ ही आरपीएससी में खाली पदों की संख्या और बढ़ गई है। आयोग में कुल 10 सदस्यों के पद हैं, जिनमें से अब 6 खाली हो चुके हैं। फिलहाल अध्यक्ष के साथ सिर्फ 4 सदस्य ही कार्यरत हैं। आयोग पहले से ही पेपर लीक विवादों के चलते लगातार सवालों के घेरे में है। इस मामले में सदस्य बाबूलाल कटारा को पहले ही निलंबित किया जा चुका है और उन्हें बर्खास्त करने का प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है। हाईकोर्ट ने आरपीएससी सदस्यों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए एसआई भर्ती मामले की सुनवाई में गंभीर टिप्पणियां की थीं। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा था कि अभ्यर्थी रामूराम राईका ने अपनी बेटी शोभा और बेटे देवेश को इंटरव्यू में पास करवाने के लिए तत्कालीन अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय, कार्यवाहक अध्यक्ष जसवंत राठी और तीन सदस्यों संगीता आर्य, मंजू शर्मा तथा बाबूलाल कटारा से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं, राईका ने अपनी बेटी की फोटो दिखाकर उसे पास कराने की सिफारिश भी की थी। कोर्ट ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर संदेह जताया था।
हाईकोर्ट की टिप्पणी के तुरंत बाद मंजू शर्मा ने इस्तीफा देने का फैसला लिया। अपने त्यागपत्र में उन्होंने लिखा था कि उन्होंने हमेशा पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में कार्य किया है। किसी भी थाने या जांच एजेंसी में उनके खिलाफ कोई केस लंबित नहीं है, न ही उन्हें कभी किसी मामले में आरोपी माना गया है। इसके बावजूद भर्ती प्रक्रिया से जुड़े विवाद के कारण उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा प्रभावित हुई है। सार्वजनिक जीवन की पवित्रता और आयोग की निष्पक्षता को सर्वोपरि मानते हुए उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। गौरतलब है कि डॉ. मंजू शर्मा को कांग्रेस सरकार ने साल 2020 में आरपीएससी का सदस्य नियुक्त किया था। उन्होंने 15 अक्टूबर 2020 को पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 14 अक्टूबर 2026 तक तय था। लेकिन हाईकोर्ट की टिप्पणियों और विवादों के चलते उन्हें 13 महीने पहले ही पद से हटना पड़ा।आरपीएससी में लगातार हो रहे विवाद और सदस्यों के इस्तीफे व निलंबन ने आयोग की साख पर बड़ा असर डाला है। राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता को लेकर पहले से ही अभ्यर्थियों में असंतोष है। ऐसे में एक और सदस्य के पद छोड़ने से आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल और गहरे हो गए हैं।

