जींद उपचुनाव निर्धारित करेगा आने वाले विधानसभा चुनाव में किस पार्टी की बनेगी सरकार*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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जींद उपचुनाव निर्धारित करेगा आने वाले विधानसभा चुनाव में किस पार्टी की बनेगी सरकार*
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चंडीगड़ ;- हरियाणा में राजनीतिक दलों के लिए इस वर्ष आम चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले एक अग्निपरीक्षा की घड़ी आ गई है। जींद उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है और मतदान 28 जनवरी को होना है। इसकी 3 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी और 10 तक उम्मीदवार नामांकन कर सकेंगे। 2 फरवरी से पहले चुनाव प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। इस उपचुनाव को प्रदेश का कोई भी राजनीतिक दल हल्के में लेने की गलती नहीं करेगा। 5 शहरों में मेयर का चुनाव जीतकर जोश से भरी सत्ताधारी भाजपा के लिए यह उपचुनाव बहुत मायने रखता है। इसके अलावा कांग्रेस, इनेलो-बसपा गठबंधन और एक नई पार्टी जननायक जनता पार्टी के लिए स्थिति करो या मरो की हो गई है। इन सभी राजनीतिक दलों के लिए यह घड़ी अपनी क्षमता का परिचय देने की तो है ही आने वाले चुनाव की तैयारियों के परीक्षण करने का भी मौका है।
गौरतलब है कि इनेलो के विधायक डाॅ हरिचंद मिडडा के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। जींद बांगड़ बैल्ट का ऐसा इलाका है जहां पर जीत का मतलब प्रदेश के मध्यभाग पर अपना वर्चस्व कायम करना है। यह इलाका इनेलो का गढ़ रहा है, हालांकि अब जब इनेलो में विभाजन हो चुका है और अलग पार्टी बनाने वाले पूर्व सांसद अजय चौटाला और उनके पुत्र सांसद दुष्यंत चौटाला के समक्ष यह चुनौती है कि वे सीट पर अपनी दावेदारी को कायम रख सकें। यहां के मतदाता के समक्ष भी यह दिलचस्प स्थिति होगी कि वह किसके साथ जाएगा। क्योंकि इनेलो का काडर वोट भी बंट चुका है, पिछले दिनों पांडू पिंडारा में रैली के दौरान सांसद दुष्यंत के समर्थन में जो जनसैलाब उमड़ा था, उसने विरोधियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इन युवाओं को कमतर समझना भूल होगी। अब जजपा नेता और सांसद दुष्यंत चौटाला, उनकी माता विधायक नैना चौटाला अपनी जनसभाओं में लगातार यह दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी यह उपचुनाव जीतेगी और वे आगामी विधानसभा चुनाव में भी सरकार बनाएंगे। जाहिर है, उनके दावे जोश से लबरेज हैं, वे अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर रहे हैं, उनका यह जोश काम भी आएगा। लेकिन मतदाता के मन में क्या है, यह चुनाव परिणाम ही बताएंगे। सत्ताधारी भाजपा के लिए यह उपचुनाव फिर से एक मील का पत्थर है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार सुशासन का दावा करते हुए प्रदेश में व्यापक बदलाव का दावा करती है। उसका कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी पार्टी अपनी जीत को दोहराएगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल पांच शहरों के नवनिर्वाचित मेयरों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मिले हैं, यह सामान्य बात नहीं है। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई मुख्यमंत्री मेयरों को लेकर प्रधानमंत्री तक पहुंचा हो। जाहिर है, भाजपा यह बताने की कोशिश कर रही है कि किन विषम परिस्थितियों में उसने पांच शहरों में अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ते हुए अपने मेयर निर्वाचित करवाए हैं। यह कामयाबी जनता का भाजपा सरकार को आशीर्वाद प्रतीत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपनी कामयाबी को विस्तार देने में जुटी है। वहीं कांग्रेस ने भी अपने हथियार तेज कर रखे हैं, पार्टी नेता यात्राएं निकालने में जुटे हैं, वहीं पार्टी के अंदर वर्चस्व की लड़ाई भी जारी है। प्रदेश अध्यक्ष जीत का दावा कर रहे हैं। हालांकि केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी अपने गढ़ को बचाने में जुटे हैं, पिछले दिनों उनके आईएएस बेटे ने राजनीति में आने के संकेत दिए थे।
बहरहाल, हरियाणा की जनता इस अवसर का भरपूर आनंद लेगी। भाजपा का दावा है कि उसने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है, जिसका इनाम उसे मिलना चाहिए। वहीं विपक्ष का दावा है कि भाजपा ने प्रदेश में कोई काम नहीं किया है। विपक्ष का मन भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए बेताब है। वह बयानों के तीर छोड़ कर सत्तापक्ष को ढेर करने की फिराक में है लेकिन सत्तापक्ष तमाम चुनौतियों और गतिरोधों के बावजूद अपनी राह पर दौड़ रहा है। जींद का उपचुनाव प्रदेश की वास्तविक तस्वीर सामने लेकर आएगा। इस उपचुनाव से साफ हो जाएगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कौन सी पार्टी की प्रदेश में सरकार बनेगी और कौन सी पार्टी विपक्ष में बैठेगी।