सीएम खट्टर को हरियाणा एक हरियाणवी एक के नारे पर नही रहा विश्वास,तभी अल्पाया पंजाबी होने का राग!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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सीएम खट्टर को हरियाणा एक हरियाणवी एक के नारे पर नही रहा विश्वास,तभी अल्पाया पंजाबी होने का राग!*
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चंड़ीगड़ :- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही नारा दिया था। हरियाणा एक हरियाणवी एक, इस नारे को उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के जरिए पोस्टर लगा लगा कर खूब प्रचार किया था। सीएम खट्टर ने कहा था कि मैं जाति में विश्वास नहीं रखता इसलिए मैं हरियाणवी हूं और मेरा हरियाणा है। आज हालात यह है कि मुख्यमंत्री को नगर निगम के चुनाव में अपने आप को पंजाबी समुदाय से होने के लिये कहने को मजबूर होना पड़ा। वैसे तो कानूनी व सामाजिक तौर पर जात-पात का जिक्र करना गलत माना जाता है। परंतु मुख्यमंत्री को करनाल में मेयर की सीट बचाने के लिए अपने आपको पंजाबी कहना पड़ा। आज जनता और बुद्धिजीवियों में एक बार सुनने और देखने को मिल रही है। क्या मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपने विकास कार्यों पर विश्वास नहीं रहा! या हरियाणा एक हरियाणवी एक का नारा उन्होंने गलत दिया था ! इस नारे का सीएम ने मेयर के चुनाव में जिक्र नहीं किया। या यह कहिए की मुख्यमंत्री को मेयर और नगर निगम के उम्मीदवारों को जिताने के लिए पंजाबी होने का दिखावा करना पड़ा ! इन सब बातों पर सवालिया निशान लग गया है? जनता सोचने पर मजबूर हो गई है कि क्या मुख्यमंत्री को अपने आपको मजबूरी वश पंजाबी कहने के लिए कोई फायदा होगा! क्या प्रदेश में और करनाल में मेयर और नगर निगम के उम्मीदवार इस बात पर जीत पाएंगे! अगर मुख्यमंत्री को पंजाबी नारा लगाने पर भी सफलता नहीं मिली तो उनकी किर्करि हो सकती है? प्रदेश की जनता का मानना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपने किये गये कार्यों पर विश्वास रखना चाहिए और जाति का प्रयोग करके नेतागिरी नहीं करनी चाहिए। वैसे इसमें कोई शक नहीं कि मुख्यमंत्री मनोहर मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में भ्रष्टाचार को रोकने का खुब प्रयास किया।परंतु उनके इर्द-गिर्द के भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने उनकी इस योजना को फेल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी?