हरियाणा की करनाल विधानसभा में क्या होगा उपचुनाव! यदि CM सैनी करनाल सीट से लड़ेंगे उपचुनाव तो क्या रहेंगे सियासी समीकरण? जानिए क्या है सविधान विशेषज्ञ की राय!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा की करनाल विधानसभा में क्या होगा उपचुनाव! यदि CM सैनी करनाल सीट से लड़ेंगे उपचुनाव तो क्या रहेंगे सियासी समीकरण? जानिए क्या है सविधान विशेषज्ञ की राय!*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा की करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा या नही यह लोगो के मन में जिज्ञासा बनी हुई हैं। क्योंकि महाराष्ट्र के अकोला वेस्ट विधानसभा क्षेत्र का 26 अप्रैल को होने वाला उप-चुनाव बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। अब हाईकोर्ट के इस फैसले का असर हरियाणा में करनाल विधानसभा उप-चुनाव पर भी पड़ सकता है। नागपुर पीठ ने अकोला वेस्ट विधानसभा का उप-चुनाव इस आधार पर रद्द किया है कि आने वाले सदस्य का शेष कार्यकाल एक वर्ष से भी कम होगा। यही बात करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भी फिट बैठती है, जिसकी घोषणा चुनाव आयोग ने 16 मार्च को की थी। यहां 25 मई को यह उप-चुनाव होना है। इस सीट से भाजपा ने हरियाणा के CM नायब सैनी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 13 मार्च को करनाल विधानसभा सीट से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। हरियाणा विधानसभा का 5 साल का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो रहा है, जो एक वर्ष से भी कम है।
सविधान विशेषज्ञ से बातचीत की तो उन्होंने कहा [151क. धारा 147, धारा 149, धारा 150 और धारा 151 में निर्दिष्ट रिक्तियों को भरने के लिए समय की परिसीमा-धारा 147, धारा 149, धारा 150 और धारा 151 में किसी बात के होते हुए भी, उक्त धाराओं में से किसी में निर्दिष्ट किसी रिक्ति को भरने के लिए उप-निर्वाचन, रिक्ति होने की तारीख से छह मास की अवधि के भीतर कराया जाएगा:
परन्तु इस धारा की कोई बात उस दशा में लागू नहीं होगी, जिसमें-
(क) किसी रिक्ति से संबंधित सदस्य की पदावधि का शेष भाग एक वर्ष से कम है; या
(ख) निर्वाचन आयोग, केन्द्रीय सरकार से परामर्श करके, यह प्रमाणित करता है कि उक्त अवधि के भीतर ऐसा उप-निर्वाचन कराना कठिन है ।]
हरियाणा में पिछले दिनों बड़ा सियासी उलटफेर हुआ. मनोहर लाल खट्टर ने अचानक मुख्यमंत्री के पद और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उनकी जगह कुरूक्षेत्र से सांसद और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नायब सिंह सैनी सीएम चुने गए. ऐसे में मुख्यमंत्री बने रहने के लिए नायब सिंह सैनी का 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना अनिवार्य है. इसको लेकर अब पार्टी उन्हें करनाल विधानसभा से उपचुनाव लड़वा रही है।
मनोहर लाल खट्टर इसी सीट से विधायक थे. आखिर बीजेपी नायब सैनी को करनाल सीट से ही उपचुनाव क्यों लड़वा रही है. इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. करनाल सीट पर उपचुनाव की तारीख की एलान अभी नहीं किया गया है. लेकिन, माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के दौरान ही करनाल सीट पर उपचुनाव करवाया जाएगा. बता दें कि हरियाणा में लोकसभा चुनाव के 7वें चरण में 10 संसदीय सीटों के लिए 25 मई को वोटिंग होगी।
*क्या करनाल से चुनाव लड़ने पर सैनी को मिलेगा फायदा?*
करनाल विधानसभा सीट की अगर बात करें तो यहां पंजाबी समुदाय के वोटर ज्यादा हैं. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पंजाबी समुदाय से आते हैं. इसका फायदा भी उन्हें मिला था. लगातार दो बार उन्होंने करनाल सीट से जीत दर्ज की थी. ऐसे में नायब सिंह सैनी खट्टर के बेहद करीबी माने जाते हैं, इसका फायदा भी उन्हें चुनावों में मिल सकता है. हरियाणा में नायब सिंह सैनी की पहचान एक पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बड़े नेता के तौर पर इसका फायदा उन्हें चुनावों में मिल सकता है. करनाल सीट पहले कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन 2014 में बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी कर दी थी.
*पहले भी 2 मुख्यमंत्री लड़ चुके हैं उपचुनाव*
बता दें कि नायब सिंह सैनी फिलहाल कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद भी हैं. वे प्रदेश के तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं जो विधानसभा सदन के सदस्य नहीं हैं. उनसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बंसीलाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी सांसद के पद पर रहते हुए मुख्यमंत्री बने थे. उन दोनों ने ही उपचुनावों में बड़ी जीत हासिल की थी. बंसीलाल ने चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की थी, जिसमें उन्हें 81298 वोट मिले थे और उनके प्रतिद्वंदी निर्दलीय प्रत्याशी को महज 479 वोट मिले थे. वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री रहते हुए उपचुनाव में 355074 वोट मिले थे, जबकी उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी अभिमन्यू को 123116 वोट मिले थे। सीएम सिटी का तगमा बरकारार रखना चाहेंगे लोग
मनोहर लाल खट्टर करनाल सीट से जीतकर ही मुख्यमंत्री चुने गए थे. हालांकि, 2014 में जब उन्हें इस सीट से उतारा गया तो उन्हें बाहरी प्रत्याशी होने की वजह से थोड़ा विरोध भी झेलना पड़ा था. लेकिन, करनाल सीट से जीत के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया. इसके बाद 2019 में करनाल विधानसभा के लोगों मनोहर लाल खट्टर दिल खोलकर वोट किया और दूसरी बार सीएम बने. करनाल को लगातार दो बार सीएम सिटी का दर्जा मिला. इसी दर्ज को बरकरार रखने के लिए भी नायब सैनी की तरफ वोट बैंक का झुकाव हो सकता है।