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सामने आया पुलिस फर्जीवाड़ा! हरियाणा में बना दिए दो आतंकियों समेत 22 अपराधियों के पासपोर्ट,जांच में हुआ खुलासा*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज़,
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सामने आया पुलिस फर्जीवाड़ा! हरियाणा में बना दिए दो आतंकियों समेत 22 अपराधियों के पासपोर्ट,जांच में हुआ खुलासा*
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चंडीगढ ;- करनाल में पंजाब समेत अन्य राज्यों के 22 अपराधियों के पासपोर्ट बना दिए गए। इनमें आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार हो चुके पंजाब निवासी पवनदीप उर्फ तीता और हरजीत उर्फ जीता भी शामिल हैं। एक-एक अपराधी पर 8 से 10 तक एफआईआर दर्ज हैं। ये सभी बदमाश विदेश भागने की फिराक में थे। एनआईए और आईबी के इनपुट के बाद सक्रिय हुई हरियाणा पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है। इसके बाद करनाल पुलिस ने अलग-अलग आठ एफआईआर दर्ज पासपोर्ट बनवाने वाले गिरोह के एजेंटों, दो पुलिसकर्मी, दिल्ली पासपोर्ट कार्यालय के एक अधिकारी समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पासपोर्ट बने हैं, वे फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए हरियाणा पुलिस, पंजाब, दिल्ली और यूपी समेत अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क साध रही है। वहीं, गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। उनकी निशानदेही पर छापे मारे जा रहे हैं। इंटेलीजेंस ब्यूरो भी सक्रिय हो गया है और लगातार राज्यों के संपर्क में है। करनाल समेत अन्य शहरों में आईबी और सीआईडी की टीमें सक्रिय हैं।
थाने से लेकर दिल्ली पासपोर्ट कार्यालय तक सेटिंग
पुलिस ने पिछले सप्ताह जिन 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें अधिकतर करनाल सेक्टर 32-22 थाना के दो पुलिस कर्मी मुख्य मुंशी हवलदार नवीन और छोटा मुंशी सिपाही राजेश शामिल है। करनाल के एजेंट अमित खटकड़, उसके साथी, दिल्ली पासपोर्ट कार्यालय से अधिकारी मनीष, कुंजपुरा निवासी डाकिया विकास कांबोज समेत अन्य को भी काबू किया जा चुका है। बाकी की तलाश जारी है। इन आरोपियों ने ही मिलीभगत कर अपराधियों के पासपोर्ट बनवाए हैं।
फोटो असल, दस्तावेज नकली, जिन अपराधियों के पासपोर्ट बने हैं उनके फोटो तो असली हैं, लेकिन नाम बदल कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। करनाल में अलग-अलग जगह का गलत एड्रेस दिया गया। 10 से 15 हजार रुपये रिश्वत लेकर थाने के मुंशी ने बिना जांच के ही पासपोर्ट के लिए सत्यापन (वेरिफिकेशन) रिपोर्ट सही दी। इसके बाद दिल्ली कार्यालय से पासपोर्ट जारी करा लिए। ये सभी पासपोर्ट नवंबर से लेकर दिसंबर 2021 में ही बने हैं।
खुलासा न हो, इसलिए डाकिये को भी किया सेट
माफिया के एजेंट लोगों ने बड़ी ही चतुराई से पासपोर्ट प्रक्रिया को अंजाम दिया। सभी से मिलीभगत करने के बाद उन्होंने संबंधित इलाके के डाकिये को सेट किया। उन्होंने डाकिये को कहा, जब भी इस पते से संबंधित कोई डाक आए तो वह उनको दे। क्योंकि, पासपोर्ट बनकर स्थायी पते पर डाक से पहुंचता है। अगर डाकिया संबंधित पते पर जाता तो ऐसा कोई पता मिलता ही नहीं।
इन बदमाशों के बने हैं पासपोर्ट
पुलिस की प्रारंभिक जांच में जिन बदमाशों की पहचान हुई है, उनमें पंजाब में आतंकवाद के मामलों में गिरफ्तार पवनदीप उर्फ तीता निवासी गुरदासपुर ने महेंद्र सिंह पुत्र बलविंद्र सिंह वासी गली नंबर 3 एसपी कॉलोनी करनाल और हरजीत सिंह उर्फ जीता वासी होशियारपुर ने तेजेंद्र सिंह पुत्र सुरेंद्र सिंह वासी संधू कॉलोनी के नाम से फर्जी पासपोर्ट बने हैं। गुरवीर, बलराज, जोबनजीत, गुरप्रीत, रणजीत, पुनीत, अमन कुमार, जोरा सिंह, समित, रोहन शर्मा, गुरमनदीप, मनजिंद्र सिंह, संदीप सिंह, ब्रास सिंह, लियाकत हुसैन शेख, नसीर अब्दुल वाहीब के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। क्योंकि, बदमाशों ने फर्जी नाम रखे हुए हैं, इसलिए उनकी असली पहचान के लिए पुलिस दूसरे राज्यों से संपर्क कर रही है। खुफिया एजेंसी के इनपुट के बाद पासपोर्ट की जांच कराई है। फतेहाबाद के बाद अब करनाल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। हरियाणा पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।

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