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50 लाख रुपये में चेयरमैन बनाने वाला गैंग सक्रिय!सपने दिखा कर ऐंठेते हैं रुपये!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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50 लाख रुपये में चेयरमैन बनाने वाला गैंग सक्रिय!सपने दिखा कर ऐंठेते हैं रुपये!*
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सोनीपत/चंडीगढ ;- अब हरियाणा में सरकार को बदनाम करने के लिए एक ऐसा गैंग खड़ा हुआ है जो 50 लाख रुपये में चेयरमैन बनाने का दावा करता है। पता नही इस तरह के कितने और गैंग है जो भोले भाले इंसानों को लुटते है। हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में दो व्यक्तियों ने आयुर्वेद विभाग का चेयरमैन बनाने के नाम पर एक डॉक्टर से 50 लाख रुपए का सौदा कर लिया। चेयरमैनी की कुर्सी को लेकर अंधे हुए व्यक्ति ने दो बार मे दोस्तों-रिश्तेदारों से उधार लेकर 50 लाख दे दिए। आरोपी अब फोन बंद कर फरार हैं। पीड़ित ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत एसपी को की। एसपी के आदेश पर गोहाना शहर पुलिस ने अब दो व्यक्तियों पर धारा 406 व 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
सोनीपत के एसपी को दी शिकायत के अनुसार मामला यह है की गांव खानपुर कलां के डा. जयप्रकाश शर्मा ने बताया कि प्रदीप दीक्षित और चतुर्भुज गर्ग नाम के दो व्यक्तियों ने उसे आयुर्वेद का चेयरमैन बनवाने की एवज मे 50 लाख रुपए की मांग की। दोनों ने उसे भरोसा दिलाया कि पैसे देने के 20 दिन में यह काम हो जाएगा। डा. जयप्रकाश का कहना है कि चेयरमैन की लालसा ने उसे अंधा बना दिया था।दोनों बड़ी रकम की मांग कर रहे थे, इस कारण दिक्कत हो रही थी। इसके बाद जयप्रकाश ने प्रदीप दीक्षित और चतुर्भुज गर्ग को बताया कि एकदम इतनी बडी रकम एक साथ नही दे सकता। इसके बाद दोनों ने उसके सामने प्रस्ताव रखा कि 25 लाख रुपए 2 दिन मे दे देना, बाकी रकम 20 दिन तक दे देना। वह इसके लिए सहमत हो गया। इसके बाद उसने परिवार वालों से बात करके मित्रों, रिश्तेदारों से किसी तरह से 25 लाख रुपए का का इंतजाम किया। प्रदीप दीक्षित और चतुर्भुज गर्ग दो दिन बाद गोहाना में आकर 25 लाख रुपए नकद लेकर चले गये। बाकी रकम बाद मे ले जाने कि लिए बोल दिया। 15 दिन के बाद दोनों ने उसे फिर से फोन किया कि आप पैसों का इंतजाम करें, आपका काम जल्दी ही करवाएंगे। इसके बाद डा. जयप्नकाश ने बाकी 25 लाख रुपए की राशि अपने एक साथी पवन वत्स से इस काम के लिए उधार ली। सही समय पर 25 लाख रुपये की राशि भी उन्हें सौंप दी। अब जब लगभग 25 दिन हो गये तो उसने प्रदीप दीक्षित और चतुर्भुज गर्ग से फोन पर बात करनी चाही तो दोनों के फोन स्विच ऑफ मिले। दोनों के फोन लगातार बंद आने से उसे गड़बड़ी का अंदेशा हुआ। इस बीच उसने अखबार में खबर पढ़ी कि प्रदीप दीक्षित और चतुर्भुज गर्ग ने किसी एक अन्य व्यक्ति को भी ठगी का शिकार बनाया है। इसी कारण से उसने सोनीपत के एसपी को शिकायत देकर 50 लाख रुपए हड़पने के मामले में कार्रवाई की अपील की।

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