करनालचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतभिवानीहरियाणा

भिवानी खनन हादसा में गोवर्धन माइंस के ठेकेदार व कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज, तीसरे दिन भी बचाव कार्य जारी*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भिवानी खनन हादसा में गोवर्धन माइंस के ठेकेदार व कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज, तीसरे दिन भी बचाव कार्य जारी*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भिवानी ;- हरियाणा के भिवानी जिले के तोशाम कस्बे में डाडम में पहाड़ खिसकने से हुई पांच लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने गोवर्धन माइंस के ठेकेदार व कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही बरते जाने का मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। वहीं डाडम पहाड़ में हुए हादसे के घटनास्थल पर तीसरे दिन भी सर्च अभियान जारी रहा। हालांकि अब कोई और शव बरामदगी की आशंका बहुत कम है, लेकिन घटनास्थल से मलबा हटाने का कार्य सोमवार को भी जारी रहा।
घटनास्थल पर तीसरे दिन भी तोशाम के एसडीएम मनीष कुमार फौगाट, सिवानी के डीएसपी मनोज कुमार, एसएचओ सुखबीर जाखड़ सहित माइनिंग, वन विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी मौके पर डटे हुए हैं। तोशाम पुलिस को दी शिकायत में बिहार के कटिहार जिले के गांव हथनपुर निवासी मिथुन शर्मा ने बताया कि उसका भाई तूफान एक साल से डाडम पहाड़ पर काम करता था। एक जनवरी की सुबह साढ़े छह बजे उसके भाई तूफान का फोन आया कि उसे जबरदस्ती पहाड़ की खान में भेजा जाता है। वह वहां काम नहीं करना चाहता है। पहाड़ गिरने जैसा लगता है। उसके मना करने पर उसे खान में मशीन चलवाई जाती है। सुरक्षा का भी कोई प्रबंध नहीं है। इस बारे में माइनिंग के अधिकारियों व गोवर्धन कंपनी के ठेकेदार को भी शिकायत की, मगर कोई सुनवाई नहीं की। एक जनवरी को ही दोपहर एक बजे उसे सूचना मिली कि उसके भाई तूफान की गोवर्धन माइंस की मशीन चलाते समय पत्थरों के गिरने से चोट लगी है, लेकिन उसने आकर देखा तो पता चला कि उसका भाई तूफान की पहाड़ में दबने के कारण मौत हो चुकी है। हादसा गोवर्धन माइंस के ठेकेदारों व कर्मचारियों की लापरवाही से हुआ है। मालूम हो कि नववर्ष की सुबह के साथ ही डाडम पहाड़ी में पहाड़ के खिसकने का दुखद समाचार सामने आया था। पहाड़ से गिरी बड़ी-बड़ी शिलाओं के नीचे कई वाहन व लोगों के दबे होने के समाचार ने प्रदेश ही देश के गृह मंत्री अमित शाह तक ने मामले की जानकारी ली। घटना के बाद सकते में आई सरकार व प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान जोरशोर से शुरू किया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम राहत कार्य के लिए मौके पर पहुंची। हादसे के बाद प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल, सांसद धर्मबीर सिंह, आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता, तृणमूल पार्टी के नेता अशोक तंवर सहित सता पक्ष व विपक्ष के नेता घटनास्थल पर पहुंचे।
रेस्क्यू अभियान में 7 व्यक्तियों को बाहर निकाला गया, जिनमें पांच की मौत हो चुकी है। रविवार रात करीब 9 बजे पांचवां शव बाहर निकाला गया। इसके बाद संभावना जताई गई कि अन्य कोई व्यक्ति की गुमशुदगी नहीं है। गुमशुदा को लेकर किसी परिजन के अब मौके पर न पहुंचने से अंदाजा यही लगाया जा रहा है कि अब कोई ओर शव मलबे में नहीं है, लेकिन सोमवार को भी अभियान जारी है। घटनास्थल से मलबा हटाने को लेकर टीमें जुटी हुई हैं।
दो मशीन निकालने का अभियान जारी
मलबे के नीचे से पांच डंपर, एक पोपलैंड व एक ट्रैक्टर निकाला जा चुका है। अभी भी दो मशीनें मलबे में दबी हुई हैं जिनको निकालने का अभियान जारी है। इस संबंध में एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि मशीनें निकालने के लिए एक ब्लास्ट किया जा चुका है, एक ब्लास्ट और किया जाएगा। दोनों मशीनें निकालने के लिए कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि इन मशीनों से संबंधित व्यक्तियों को निकाला जा चुका है, इसलिए शव मिलने की आशंका बहुत कम है। उन्होंने यह भी बताया कि मलबे के नीचे से निकल रहे वाहन चकनाचूर हो चुके हैं।
कोई जिंदा फंसा होता तो कुत्ते तुरंत बता देते
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट बीआर मीणा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि शव पाए जाने की आशंका अब बहुत ही कम लग रही है। जर्मन शेफर्ड द्वारा पहचान की बाबत उन्होंने बताया कि 5 शव व दो घायल निकाले जा चुके हैं, उनका ब्लड आदि वहां गिरा हुआ है। इसलिए और शव को लेकर अब डॉग भी ज्यादा कन्फर्म नहीं कर पाएंगे। जिंदा व्यक्ति होते तो डॉग तुरंत बता देते। विभिन्न माध्यम से जानकारी के मुताबिक अब शव पाए जाने की संभावना नहीं है। बावजूद इसके मलबा हटाए जाने का कार्य जारी है और उसमें भी काफी एहतियात बरती जा रही है। मलबा हटाने के साथ-साथ डॉग का सर्च करा रहे हैं।
खरखौदा के एएसपी जांच करने पहुंचे
मामले में एडीजीपी के आदेश पर खरखौदा से एएसपी डॉ. मयंक गुप्ता भी सोमवार को जांच के सिलसिले में डाडम पहुंचे। उन्होंने खनन किए जाने वाली जगह, रेस्क्यू ऑपरेशन और वहां के हालात का जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने वहां मौके पर मौजूद लोगों और श्रमिकों के साथ बातचीत भी की। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि आला अधिकारी अपने स्तर पर अलग से भी मामले की तहकीकात करा रहे हैं।
मृतक के भाई की शिकायत पर मामला दर्ज
हादसे में मृतक तूफान के भाई मिथुन की शिकायत के आधार पर गोवर्धन माइंस के ठेकेदार व कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बचाव दल अभी भी मलबा हटा रहा है। मलबा पूरी तरह हटने के बाद आगे की जांच शुरू की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!