बरोदा उपचुनाव के परिणाम की चिंगारी हरियाणा सरकार को ध्वस्त करने के लिए बारूद जैसा करेगी धमाका*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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बरोदा उपचुनाव के परिणाम की चिंगारी हरियाणा सरकार को ध्वस्त करने के लिए बारूद जैसा करेगी धमाका*
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चंडीगढ ;- हरियाणा में हुए बरोदा उपचुनाव में जिस तरह से वर्तमान बीजेपी + जेजेपी की सरकार सरकार हारी है उसके परिणाम दूरगामी साबित होंगे। बहुत ही कम देखने को मिलता है कि किसी उपचुनाव में सरकार को हार का मुंह देखना पड़े परंतु खट्टर व दुष्यंत की सरकार को ऐसा परिणाम देखने को मिला। राजनीतिक पंडितों का मानना है की बरोदा चुनाव का परिणाम प्रदेश की राजनीति को ही बदल के रख देगा और उसके मायने ही बदले जाएंगे। क्योंकि एक वर्ष पहले ही बीजेपी और जेजेपी की सरकार बनी है सरकार द्वारा बरोदा के लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए गए विकास की दुहाई दी गई और युवाओं को रोजगार के लिए प्रलोभन दिया गया जो धरातल पर कम दिखाई देता है परंतु विज्ञापनों में ज्यादा दिखाई देता है। अब लोग यह भी दबी जुबान से कहने लग गए हैं कि वर्तमान सरकार जो अपने आप को ईमानदार कहती है वह वास्तव में कुछ और ही है। क्योंकि प्रदेश में समय-समय पर यहां घोटाले देखने को मिल रहे हैं प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमराई सी लग रही है असामाजिक तत्व सिर उठाकर घूम रहे हैं। इन सब कारणों को देखते हुए बरोदा की जनता ने वर्तमान खट्टर सरकार को सबक सिखाते हुए उपचुनाव का परिणाम कांग्रेस के हाथ में दे दिया। वर्तमान सरकार के 13 मंत्री सभी एमएलए व 10 एमपी, सभी चेयरमैन आदि बरोदा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए दिन रात लगे हुए थे। परंतु उनकी नब्ज को टटोलने में नकामयाब रहे या यह कहें कि जनता की भावना को समझने में असफल साबित हुए। यदि भाजपा की खट्टर सरकार अब भी समय रहते नहीं जागी तो बरोदा उप चुनाव का यह परिणाम बारूद का रूप धारण कर सकता है। बरोदा उपचुनाव का परिणाम कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उसके नेताओं के रथ को गति प्रदान करेगा। सभी कांग्रेसी नेता अपने अपने विधानसभा क्षेत्र और अपने-अपने जिलों में सरकार को जबरदस्त तरीके से घेरने का प्रयास करेंगे। विपक्षी दल यह साबित करेंगे की एमएसपी बिल और तीन कृषि अध्यादेश को प्रदेश की जनता ने नकार दिया है इससे यह साबित हो गया है कि यह बिल किसान विरोधी हैं। अब खट्टर सरकार को चाहिए विज्ञापन में विकास को कम दिखाएं और जमीनी स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को मान सम्मान दें और जितने घोटालेबाज अधिकारी हैं उन पर लगाम लगाने का काम करें नहीं तो यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि खट्टर सरकार को कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल चेन से कार्य नही करने देंगे।