क्या खट्टर सरकार को अपने किए कार्य पर भरोसा नही! जो सरकारी पैसे को लूटा कर वाहवाही जीतने का कर रहे हैं प्रयास?*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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क्या खट्टर सरकार को अपने किए कार्य पर भरोसा नही! जो सरकारी पैसे को लूटा कर वाहवाही जीतने का कर रहे हैं प्रयास?*
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चंडीगढ़ :- वैसे तो प्रदेश का सीएम जो चाहे वही होता है!परंतु एक जनता द्वारा चुनी गई सरकार चुनाव के समय पैसे औऱ पेंशन देकर जनता की वाहवाही लेना चाह रही! यह किसी भी करदाता औऱ प्रदेश के जागरूक इंसान के गले नही उतरेगी! हरियाणा में अब पंचायत प्रतिनिधियों की तर्ज पर नगर निगमों के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के अलावा नगर परिषद व नगर पालिकाओं के प्रधान को भी पेंशन मिलेगी। बीते 25 सालों के दौरान स्थानीय निकायों में जिम्मेदारी निभा चुके पूर्व मेयर को चार हजार, सीनियर डिप्टी मेयर को तीन हजार, डिप्टी मेयर व नगर परिषद प्रधान को दो हजार तथा नगर पालिका प्रधान को 1500 रुपये पेंशन मिलेगी। मौजूदा समय में 14 पूर्व मेयर, 14 पूर्व वरिष्ठ उप मेयर, 14 पूर्व उप मेयर, नगर परिषद के पूर्व 126 प्रधानों एवं नगर पालिका के 172 प्रधानों को पेंशन का लाभ मिलेगा। इससे पहले जिला परिषदों के पूर्व चेयरमैन को दो हजार व डिप्टी चेयरमैन को एक हजार, पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैनों को 1500 तथा पूर्व डिप्टी चेयरमैन को 750 तथा पूर्व सरपंचों को एक हजार रुपये की पेंशन शुरू की जा चुकी। प्रदेश में कुल 25 हजार 336 पूर्व सरपंचों, जिला परिषदों के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों और पंचायत समिति के अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों को पेंशन का लाभ मिलेगा। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं की तर्ज पर बीती पांच योजनाओं में स्थानीय निकायों में प्रधान और उप प्रधान रहे लोगों को हर महीने पेंशन दी जाएगी। हरियाणा दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शहर की सरकार के लिए की गई घोषणा को अमलीजामा पहना दिया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण-शहरी विकास में बेहतर समन्वय एवं शानदार योजनाएं फलीभूत हों, इसके लिए अंतर जिला परिषद का गठन जैसे प्रयास सराहनीय हैं।
मंत्री कविता जैन ने कहा कि पिछले साल पानीपत में हरियाणा दिवस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निकाय संस्थाओं के मुखिया को पेंशन देने की घोषणा की थी। अब शहरी स्थानीय निकाय द्वारा तैयार इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मुहर लगा दी है। क्या यह मुहर चुनावी मौसम से पहले नही लगा सकते थे!जनता का सरकार से ज्वलंत सवाल!