पूर्व विधायक भारत भूषण बतरा ने रोहतक में 130 करोड़ के स्कैंडल के लगाए आरोप, सीबीआई जांच की करी मांग*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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पूर्व विधायक भारत भूषण बतरा ने रोहतक में 130 करोड़ के स्कैंडल के लगाए आरोप, सीबीआई जांच की करी मांग*
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रोहतक :- पूर्व विधायक भारत भूषण बतरा ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर 130 करोड़ के घपले का आरोप लगाया है। यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार एशिया की सबसे बड़ी शौरी क्लॉथ मार्केट के नजदीक पुराने पुलिस स्टेशन की जगह पर बनने वाले बहुस्तरीय पार्किंग कम कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण में हुआ है।
रोहतक से संबंधित प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री पर सरकार के बड़े अधिकारियों से मिलीभगत कर सरकारी सम्पत्ति की लूट का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड (पब्लिक और प्राइवेट भागीदारी) में बन रहा यह कॉम्प्लेक्स पूरी तरह से नियमों को तोड़कर बनाया जा रहा है।
इस स्कैंडल को अंजाम देने के लिए तीन कंपनियों, रिचा इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिचा कृष्णा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और एंड सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड का सहारा लिया गया है। इनमें से दो कंपनियां टेंडर की किसी भी शर्त को पूरा नहीं करती जबकि तीसरी कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही है। कानूनन ऐसी कंपनी को भी कोई सरकारी काम नहीं दिया जा सकता।
गौरतलब है कि इस बहुस्तरीय पार्किंग कम कमर्शियल कंपलेक्स को 99 साल के लिए लीज पर दिया गया है। यह जमीन सरकार ने अप फ्रंट प्रीमियम के साथ दो करोड़ 70 लाख रुपए के भुगतान के साथ 2 लाख 24 हजार 112 रुपए सालाना किराए पर लीज पर दी है। यह लीज एक रूपया प्रति स्क्वायर मीटर बनती है। इस सारे प्रोजेक्ट में 997 स्क्वेयर मीटर (1300 गज) कमर्शियल प्लेसमेंट के अलावा चार मंजिल और टॉप फ्लोर पर कैफेटेरिया बनेगा। आंकड़ों के मुताबिक इसकी अनुमानित लागत 17 करोड़ रुपए के करीब आएगी।
बतरा ने आरोप लगाया है कि शौरी मार्केट के पास जमीन का भाव लगभग 14 लाख रुपए प्रति वर्ग गज है। यह बेशकीमती सरकारी जमीन सुनियोजित तरीके से एक ऐसी निजी कंपनी को कौड़ियों के दाम पर दे दी गई है जो टेंडर की प्रक्रिया शुरू होने से एक दिन पहले ही पंजीकृत हुई है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत और सरकार की शह पर उक्त मंत्री ने सारे नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को कॉम्प्लेक्स में कमर्शियल दुकानों की बिक्री से लगभग 130 करोड़ का लाभ पहुंचाने का प्लान बनाया है, जबकि इस पर कुल 19.70 लाख रुपए ही खर्च आएगा।
उन्होंने तुरंत इस टेंडर को निरस्त करके सारे मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की है ताकि सरकारी पैसे और संपत्ति को लुटने से बचाया जा सके और दोषियों को बेपर्दा कर उचित दंड दिया जा सके।