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इस्तीफों के कारण कांग्रेस में हुई हलचल, बड़े स्तर पर बदलाव होने की सम्भावना*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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इस्तीफों के कारण कांग्रेस में हुई हलचल, बड़े स्तर पर बदलाव होने की सम्भावना*
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नई दिल्ली ;- लोकसभा चुनावोें में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है। अब कांग्रेस बड़े स्तर पर फेरबदल की तैयारी में है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहले इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन इसे मंजूर नहीं किया गया था। इस बीच अब अब राज्य प्रदेश प्रभारी इस्तीफा ऑफर कर रहे हैं। आलम यह है कि असम से लेकर पंजाब और मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान तक के दिग्गज नेता पद से इस्तीफे की बात कर चुके हैं। सोमवार को झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार, असम अध्यक्ष रिपुन बोरा के बाद अब पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने इस्तीफे की पेशकश की है। इससे पहले अशोक चव्हाण, राज बब्बर और कमलनाथ ऐसा कर चुके हैं।
पंजाब पार्टी अध्यक्ष जाखड़ खुद गुरदासपुर से चुनाव हार गए हैं। उनके खिलाफ भाजपा उम्मीदवार सनी देओल चुनाव मैदान में थे। असम की बात करें तो यहां लोकसभा की 14 सीटे हैं जिसमें से कांग्रेस को केवल तीन सीटें मिली हैं। वहीं भाजपा ने नौ सीटों पर जीत दर्ज की है। झारखंड की बात करें तो यहां 14 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली है। वहीं भाजपा ने 11 सीटों पर जीत हासिल की है। इसी वजह से तीनों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने राहुल गांधी को अपने पद से इस्तीफा देने के पेशकश की है। तीनों अध्यक्षों ने चुनाव में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए यह इस्तीफा सौंपा है। अब तक विभिन्न प्रदेशों के 13 वरिष्ठ नेताओं ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष के पास भेज दिया है। उधर, राहुल को लेकर तरह-तरह की अटकलें चल रही हैं। हालांकि राहुल के इस्तीफे की पेशकश के बाद कांग्रेस पार्टी ने अभी चुप्पी साध रखी है।एक प्रेस वार्ता में सुरजेवाला ने कहा, कांग्रेस कार्य समिति कांग्रेस में फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। यह ऐसा लोकतांत्रिक मंच है जहां विचार लिए और दिए जाते हैं, नीतियां बनाई जाती हैं और सुधार के लिए जरूरी कार्रवाई की जाती है। इसे लेकर 25 मई की बैठक में CWC ने अपनी बात रख दी थी। कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में हार को एक अवसर के रूप में देखती है ताकि पार्टी के संगठन स्तर पर बड़े बदलाव किए जा सकें।पार्टी ने इस काम के लिए अध्यक्ष राहुल गांधी को अधिकृत किया है। वहीं मीडिया से अनुरोध किया गया है कि वह संगठन की पवित्रता को बनाए रखने में मदद करे। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति विचारों के आदान-प्रदान और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक लोकतांत्रिक मंच है। मीडिया के एक धड़े में आने वाले अनुमानों, अटकलों, शिलालेखों और अफवाहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बैठक में हुई सारी बातचीत और प्रक्रिया गोपनीय होती है। मीडिया से अनुरोध है कि कार्यसमिति की बैठक के बारे में जानकारियां सिर्फ कयासों के आधार पर न जारी करें।

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